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कांकेर के भानुप्रतापपुर में हाथियों का उत्पात जारी, ग्रामीण घर छोड़ने को मजबूर

कांकेर के भानुप्रतापपुर में हाथियों का दल अब भी मौजूद(TERROR OF ELEPHANTS) है. हाथी रात होते ही गांव में उत्पात मचाना शुरू कर देते हैं. हाथियों ने कई ग्रामीणों के मकानों को तबाह कर दिया है. हाथियों का खौफ इतना है कि ग्रामीण गांव छोड़ने को मजबूर हैं.

TERROR OF ELEPHANTS IN KANKER
हाथियों का उत्पात
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Published : Jun 20, 2021, 8:54 PM IST

Updated : Jun 20, 2021, 10:08 PM IST

कांकेर: भानुप्रतापपुर विकासखंड में हाथियों का एक दल पिछले 15 दिनों से उत्पात मचा रहा(TERROR OF ELEPHANTS) है. ग्रामीण हाथियों से अपनी जान बचाने जेल के भवन में शरण ले रहे हैं तो कोई स्कूल भवन में रहने को मजबूर हैं. भानुप्रतापपुर ब्लॉक मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर हाथियों का झुंड मौजूद है. हाथियों की दहशत इतनी है कि ग्रामीणों को रतजगा करना पड़ रहा है. ग्रामीणों के अनाज और घरों को हाथी नुकसान पहुंचा रहे है.

भानुप्रतापपुर में हाथियों का उत्पात जारी

पिच्चेकट्टा गांव में हाथी के उत्पात मचाने के बाद गांव के ग्रामीणों को उप जेल के भवन में शरण लेना पड़ा था. देर रात से सुबह तक मरदेल गांव के कई ग्रामीणों के घरों को हाथी ने तोड़ दिया है. हालात यह है कि, ग्रामीण घरों में ताला लगाकर शहरी क्षेत्रों में बसे रिश्तेदरों के यहां चले गए हैं.

TERROR OF ELEPHANTS IN KANKER
हाथियों ने तबाह किए मकान

यहां हाथियों से बचने के लिए 'जेल' में रहने को मजबूर हैं 400 ग्रामीण

मरदेल की रहने वाली सुनीता उइके कहती है कि, मेरे घर को हाथियों के झुंड ने पूरी तरह तोड़ दिया है. हाथियों ने घर में रखे सामान को भी तहस-नहस कर दिया है. दूसरे के घर शरण लेना पड़ा है. कुछ सामान बच गए हैं, उसे रिश्तेदारों के यहां रखा है'. सुनीता कहती हैं कि मानसून के साथ धान बुआई का सीजन आ गया है. धान बोने के लिए धान के बीज निकाले थे, उसे भी हाथियों ने बर्बाद कर दिया. अब चिंता सता रही है कि घर बनाए या खेती करे.

किसानों को सता रही खेती की चिंता

ये मरदेल की सुनीता उइके की ही चिंता नहीं थी, मरदेल गांव के 12 से ज्यादा ग्रामीणों को यही चिंता सता रही है. एक ओर टूटे मकान हैं दूसरी ओर खेती की चिंता. ग्रामीण हाथियों के दहशत के कारण परिचितों के यहां जा कर रहने को मजबूर हैं. गांव के घरों में ताले लटक रहे हैं. सड़कें सुनसान है.

कांकेर शहर की बदहाल यातायात व्यवस्था के खिलाफ हाईकोर्ट में दाखिल जनहित याचिका पर हुई सुनवाई

झुंड में 22 से 23 हाथी शामिल

हाथियों के उत्पात को लेकर वन विभाग का कहना है कि हाथियों का एक झुंड इलाके में घूम रहा है. जिसमें 22 से 23 हाथी शामिल हैं. क्षेत्र में लगातार ग्रामीणों के मकानों-अनाज को नुकसान पहुंचा रहे हैं. जिन्हें खदेड़ना तो मुश्किल है लेकिन ग्रामीणों को किसी प्रकार का नुकसान न हो इसीलिए सुरक्षित जगह पहुंचाया जा रहा है. दिन में हाथी गांव के करीब आराम करते हैं. जैसे शाम होती है हाथी गांव में आकर उत्पात मचाते हैं.

कांकेर: भानुप्रतापपुर विकासखंड में हाथियों का एक दल पिछले 15 दिनों से उत्पात मचा रहा(TERROR OF ELEPHANTS) है. ग्रामीण हाथियों से अपनी जान बचाने जेल के भवन में शरण ले रहे हैं तो कोई स्कूल भवन में रहने को मजबूर हैं. भानुप्रतापपुर ब्लॉक मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर हाथियों का झुंड मौजूद है. हाथियों की दहशत इतनी है कि ग्रामीणों को रतजगा करना पड़ रहा है. ग्रामीणों के अनाज और घरों को हाथी नुकसान पहुंचा रहे है.

भानुप्रतापपुर में हाथियों का उत्पात जारी

पिच्चेकट्टा गांव में हाथी के उत्पात मचाने के बाद गांव के ग्रामीणों को उप जेल के भवन में शरण लेना पड़ा था. देर रात से सुबह तक मरदेल गांव के कई ग्रामीणों के घरों को हाथी ने तोड़ दिया है. हालात यह है कि, ग्रामीण घरों में ताला लगाकर शहरी क्षेत्रों में बसे रिश्तेदरों के यहां चले गए हैं.

TERROR OF ELEPHANTS IN KANKER
हाथियों ने तबाह किए मकान

यहां हाथियों से बचने के लिए 'जेल' में रहने को मजबूर हैं 400 ग्रामीण

मरदेल की रहने वाली सुनीता उइके कहती है कि, मेरे घर को हाथियों के झुंड ने पूरी तरह तोड़ दिया है. हाथियों ने घर में रखे सामान को भी तहस-नहस कर दिया है. दूसरे के घर शरण लेना पड़ा है. कुछ सामान बच गए हैं, उसे रिश्तेदारों के यहां रखा है'. सुनीता कहती हैं कि मानसून के साथ धान बुआई का सीजन आ गया है. धान बोने के लिए धान के बीज निकाले थे, उसे भी हाथियों ने बर्बाद कर दिया. अब चिंता सता रही है कि घर बनाए या खेती करे.

किसानों को सता रही खेती की चिंता

ये मरदेल की सुनीता उइके की ही चिंता नहीं थी, मरदेल गांव के 12 से ज्यादा ग्रामीणों को यही चिंता सता रही है. एक ओर टूटे मकान हैं दूसरी ओर खेती की चिंता. ग्रामीण हाथियों के दहशत के कारण परिचितों के यहां जा कर रहने को मजबूर हैं. गांव के घरों में ताले लटक रहे हैं. सड़कें सुनसान है.

कांकेर शहर की बदहाल यातायात व्यवस्था के खिलाफ हाईकोर्ट में दाखिल जनहित याचिका पर हुई सुनवाई

झुंड में 22 से 23 हाथी शामिल

हाथियों के उत्पात को लेकर वन विभाग का कहना है कि हाथियों का एक झुंड इलाके में घूम रहा है. जिसमें 22 से 23 हाथी शामिल हैं. क्षेत्र में लगातार ग्रामीणों के मकानों-अनाज को नुकसान पहुंचा रहे हैं. जिन्हें खदेड़ना तो मुश्किल है लेकिन ग्रामीणों को किसी प्रकार का नुकसान न हो इसीलिए सुरक्षित जगह पहुंचाया जा रहा है. दिन में हाथी गांव के करीब आराम करते हैं. जैसे शाम होती है हाथी गांव में आकर उत्पात मचाते हैं.

Last Updated : Jun 20, 2021, 10:08 PM IST
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