कांकेर: 26 जनवरी को बसंत पंचमी पर बेठिया शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल में सरस्वती पूजा का आयोजन हुआ. आयोजन के लिए हर छात्र से 100 रुपये का चंदा लेना तय किया गया था. कक्षा ग्यारहवीं के सीनियर छात्रों ने अन्य छात्रों से कहा गया था कि "जो पूजा का चंदा नहीं देगा, वो पूजा में नही आएगा". आर्थिक रूप से पिछड़े बालक छात्रावास के बच्चे जब निर्धारित चंदा नहीं दे पाए, तो वे पूजा में उपस्थित नहीं हुए. जिसके चलते अगले दिन शिक्षक ने चंदा न देने वाले छात्रों को प्रार्थना लाइन से बाहर निकलने को कहा और वापस छात्रावास भेज दिया.
"डंडे के टूटते तक की बेरहमी से पिटाई": बालक छात्रवास के छात्रों ने बताया कि "अगले दिन जब छात्रावास के कुछ बच्चे प्रार्थना लाइन में नहीं पहुचे, तो शिक्षक उन्हें लेने छात्रावास पहुंचे. इस दौरान शिक्षक द्वारा जिन बच्चों ने 100 रुपये पूजा का चंदा नही दिया था, उन छात्रावास के 9वीं तक के छात्रों की डंडे से पिटाई की गई." छात्रों का कहना है कि "डंडे के टूटते तक उनकी बेरहमी से पिटाई की गई है."
छात्र ने शिक्षक पर पीटने का लगाया आरोप: एक छात्रवास के छात्र ने बताया कि "11वीं के बड़े भैया लोग बोले थे पैसा नहीं दोगे, तो मत आना. इसीलिए हम लोग पैसा नहीं दिए थे, तो सरस्वती पूजा में नहीं गए. लेकिन साहू सर दूसरे दिन प्रार्थाना में मारे और भगा दिए." दूसरे छात्र ने बताया कि "टीचर ने क्लास रूम में आ कर मारपीट किया और भगा दिया."
कुछ भी कहने बच रहे अधिकारी: पूरे मामले में प्रभारी अधीक्षक कुछ भी कहने से बचते नजर आये. वही कांकेर जिला शिक्षा अधिकारी भुवन जैन ने छात्रवास के मामले में आदिवासी विभाग के अधिकारी से बात करने को कहा. लेकिन कोई भी अधिकारी पूरे मामले में कहने से बच रहे हैं. अब देखना होगा कि घटना की कब तक निष्पक्षीय जांच हो पाती है और कब तक दोषियों पर कार्रवाई होती है.