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स्कूल में चल रही अर्धवार्षिक परीक्षा, नशे में सड़क किनारे सो रहा है शिक्षक

पखांजूर के पिंडकसा प्राथमिक शाला में बच्चों के अर्धवार्षिक परीक्षा चल रही है, लेकिन स्कूल में पदस्थ शिक्षक शराब के नशे में सड़क किनारे सो रहा है.

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पखांजूर के प्राथमिक शाला का हाल
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Published : Dec 12, 2019, 11:06 AM IST

कांकेर: पखांजूर के पिंडकसा प्राथमिक शाला में बच्चों के अर्धवार्षिक परीक्षा चल रही है, लेकिन स्कूल में पदस्थ शिक्षक नशे की हालत में सड़क किनारे सो रहा है. ग्रामीण बताते हैं, शिक्षक संतोष पद्दा बीते 2 साल से स्कूल में पदस्थ है. पदस्थापना के बाद से ही संतोष शराब पीकर रोज स्कूल आता है. इसे लेकर कई बार उसे समझाया भी गया है, लेकिन उसपर इसका कोई फर्क नहीं पड़ता है.

नशे में सड़क किनारे सो रहा है शिक्षक

ग्रामीणों ने बताया कि, उनके समझाने पर आरोपी शिक्षक संतोष बीच में कुछ दिनों के लिए शराब पीना बंद कर दिया था, लेकिन बीते कुछ महीनों से उसने फिर से शराब पीना शुरू कर दिया है. आरोपी हर रोज शराब के नशे में स्कूल पहुंचते हैं. किसी दिन शराब का नशा ज्यादा चढ़ जाता है, तो संतोष सड़क किनारे कहीं भी सो जाता है.

कांकेर: पखांजूर के पिंडकसा प्राथमिक शाला में बच्चों के अर्धवार्षिक परीक्षा चल रही है, लेकिन स्कूल में पदस्थ शिक्षक नशे की हालत में सड़क किनारे सो रहा है. ग्रामीण बताते हैं, शिक्षक संतोष पद्दा बीते 2 साल से स्कूल में पदस्थ है. पदस्थापना के बाद से ही संतोष शराब पीकर रोज स्कूल आता है. इसे लेकर कई बार उसे समझाया भी गया है, लेकिन उसपर इसका कोई फर्क नहीं पड़ता है.

नशे में सड़क किनारे सो रहा है शिक्षक

ग्रामीणों ने बताया कि, उनके समझाने पर आरोपी शिक्षक संतोष बीच में कुछ दिनों के लिए शराब पीना बंद कर दिया था, लेकिन बीते कुछ महीनों से उसने फिर से शराब पीना शुरू कर दिया है. आरोपी हर रोज शराब के नशे में स्कूल पहुंचते हैं. किसी दिन शराब का नशा ज्यादा चढ़ जाता है, तो संतोष सड़क किनारे कहीं भी सो जाता है.

Intro:पखांजूर से देबाशीष बिस्वास की रिपोर्ट।

ऐंकर - पूरे भारत देश में शिक्षक को गुरु का दर्जा प्राप्त है प्राचीन काल में बच्चों के शिक्षा ग्रहण के लिए आश्रम संचालित किया जाता था जिसे गुरुकुल नाम से भी जाना जाता था।जहाँ बच्चो को शिक्षा दिया जाता था और शिक्षा देने बाले को गुरुदेव कहे कर सम्मानित किया जाता था।आज आधुनिक दुनिया में वही गुरुदेव को हम शिक्षक के नाम से सम्मानित करते हैं।आज देश के भविष्य नन्हे बच्चों के भविष्य गढ़ने वाले शिक्षक दिन भर शराब के नशे में अभी चल रहा अर्धवार्षिक परीक्षा छोड़ कर सड़क किनारे दिन भर पड़े रहते हैं।बतादे की पिंडकसा प्राथमिक शाला में पदस्त संतोष पददा रोजाना शराब के नसे में स्कूल जाते हैं और जिस दिन नसा हद पार कर जाते हैं उस दिन सड़क किनारे पर पड़े रहते हैं।Body:कोयलीबेड़ा विकास खण्ड के पिंडकसा प्राथमिक शाला में शिक्षक 30 बच्चों के भविष्य एक शिक्षक के कंधे पर है,पर शिक्षक सारे जिम्मेदारी भूल कर खुद के मस्ती में मग्न है रोजाना शासब के नशे में स्कूल पहोचते है तो कभी नशे में धुत रहते हैं कि स्कूल जाना ही भूल जाते हैं,ऐसे में बेहतर शिक्षा की बात करना भूल होगी,शासन शिक्षा पर लाख दावा कर ले करोड़ो खर्च कर ले पर ऐसे शिक्षक के कंधे पर जिम्मेदारी देने से कितनी शिक्षा की स्तर में बदलाव हो सकता है, इस समय प्राथमिक शाला में अर्धवार्षिक परीक्षा चल रहा है पर शिक्षक शराब के नशे में सड़कों पर सोए नजर आते हैं तो वही संकुल समन्वयक उधारी के शिक्षक से बच्चों से परीक्षा लिया जा रहा है।संकुल समन्वयक की लापरवाही भी दरसाता है,पिछले 2 सालों से शिक्षक शराब के नशे में ड्यूटी कर रहे तो वही उच्च अधिकारी को जानकारी देना उचित नही समझा, इसका खामियाजा बच्चों को उठाना पड़ रहा है,अब देखना होगा विभाग बच्चों की भविष्य को लेकर क्या कदम उठाते हैं एवं शराबी शिक्षक पर ठोस कार्यवाही करते हैं या फिर कार्यवाही के नाम पर लीपापोती करते हैं।Conclusion:01.बाइट-सुखराम कर्माणि-ग्रामीण सफेद टीशर्ट

02.बाइट-अंतु राम करंगेल-सफाई कर्मी बैगनी टीशर्ट

03.बाइट-अरुण कुंडू-संकुल समन्वयक चश्मा पहना हुआ है

रिपोर्टर - देबाशीष बिस्वास पखांजूर 7587849010,6266609661
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