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कांकेर में शिक्षकों ने क्यों किया शिक्षक दिवस का बहिष्कार ?

कांकेर में शिक्षक दिवस (Teachers Day) के दिन जिले में कार्यरत प्रधान व्यख्याताओं ने शिक्षक दिवस का बहिष्कार (Teachers Day Boycott) कर एक दिवसीय धरना दिया.

शिक्षक दिवस का बहिष्कार
शिक्षक दिवस का बहिष्कार
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Published : Sep 5, 2021, 5:25 PM IST

Updated : Sep 6, 2021, 9:46 AM IST

कांकेर: शिक्षक दिवस (Teachers Day) के दिन जिले में कार्यरत प्रधान व्यख्याताओं ने शिक्षक दिवस का बहिष्कार (Teachers Day Boycott) कर एक दिवसीय धरना दिया. इन व्यख्याता शिक्षकों से ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने बताया कि, छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) के अधिकारियों की लापरवाही के कारण छत्तीसगढ़ की शालाओं में कार्यरत माध्यमिक शालाओं के प्रधान अध्यापकों, हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों में कार्यरत व्याख्याताओं का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है.

शिक्षक दिवस का बहिष्कार


अधिकारी पर लगाए कई गंभीर आरोप

कांकेर जिले में संचालित 195 समेत पूरे छत्तीसगढ़ में 3500 से अधिक हाई तथा हायर सेकेंडरी स्कूल प्राचार्य विहीन है. जिनका संचालन पिछले कई वर्षों से प्रभारी शिक्षकों के द्वारा ही किया जा रहा है. कई बार प्रमोशन के लिए अधिकारियों और मंत्रियों तक अपनी बात पहुंचाई है. लेकिन उन्होंने हमारी मांगों को अनसुना कर दिया है. अभी तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया है.

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर असर
प्राचार्य के पद पर पदोन्नति की राह देखते सैकड़ों प्रधान अध्यापक एवं व्याख्यातागण रिटायर हो गए और दर्जनों शिक्षक स्वर्ग सिधार गए. लेकिन लगता है कि शिक्षा विभाग के अधिकारीगण कुम्भकर्णी नींद से जागे ही नही हैं. शालाओं में नियमित प्राचार्यों की पोस्टिंग नहीं होने का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर असर पड़ा है. बच्चों एवं शिक्षकों में अनुशासन की कमी साफ साफ देखी जा सकती है. ’स्कूल शिक्षा विभाग के मंत्री की उदासीनता भी विभाग की दुर्दशा का महत्वपूर्ण कारण है.


स्कूल शिक्षा विभाग की इन्ही गलत नीतियों के विरोध में और प्रमोशन की मांग नहीं मानने पर शिक्षकों ने धरना प्रदर्शन किया और शिक्षक दिवस के कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया.

कांकेर: शिक्षक दिवस (Teachers Day) के दिन जिले में कार्यरत प्रधान व्यख्याताओं ने शिक्षक दिवस का बहिष्कार (Teachers Day Boycott) कर एक दिवसीय धरना दिया. इन व्यख्याता शिक्षकों से ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने बताया कि, छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) के अधिकारियों की लापरवाही के कारण छत्तीसगढ़ की शालाओं में कार्यरत माध्यमिक शालाओं के प्रधान अध्यापकों, हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों में कार्यरत व्याख्याताओं का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है.

शिक्षक दिवस का बहिष्कार


अधिकारी पर लगाए कई गंभीर आरोप

कांकेर जिले में संचालित 195 समेत पूरे छत्तीसगढ़ में 3500 से अधिक हाई तथा हायर सेकेंडरी स्कूल प्राचार्य विहीन है. जिनका संचालन पिछले कई वर्षों से प्रभारी शिक्षकों के द्वारा ही किया जा रहा है. कई बार प्रमोशन के लिए अधिकारियों और मंत्रियों तक अपनी बात पहुंचाई है. लेकिन उन्होंने हमारी मांगों को अनसुना कर दिया है. अभी तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया है.

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर असर
प्राचार्य के पद पर पदोन्नति की राह देखते सैकड़ों प्रधान अध्यापक एवं व्याख्यातागण रिटायर हो गए और दर्जनों शिक्षक स्वर्ग सिधार गए. लेकिन लगता है कि शिक्षा विभाग के अधिकारीगण कुम्भकर्णी नींद से जागे ही नही हैं. शालाओं में नियमित प्राचार्यों की पोस्टिंग नहीं होने का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर असर पड़ा है. बच्चों एवं शिक्षकों में अनुशासन की कमी साफ साफ देखी जा सकती है. ’स्कूल शिक्षा विभाग के मंत्री की उदासीनता भी विभाग की दुर्दशा का महत्वपूर्ण कारण है.


स्कूल शिक्षा विभाग की इन्ही गलत नीतियों के विरोध में और प्रमोशन की मांग नहीं मानने पर शिक्षकों ने धरना प्रदर्शन किया और शिक्षक दिवस के कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया.

Last Updated : Sep 6, 2021, 9:46 AM IST
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