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गांधीजी के साथ लड़ाई लड़ने वाले सुखदेव पातर हल्बा को मिला सेनानी का दर्जा - Fighter status for Sukhdev Patar Halba

छत्तीसगढ़ में गांधीजी के साथ स्वराजी झंडा लेकर आजादी की लड़ाई लड़ने वाले सुखदेव पातर हल्बा को सेनानी का दर्जा (Fighter status for Sukhdev Patar Halba) मुख्यमंत्री ने भेंटवार्ता कार्यक्रम में दिया है.

गांधीजी के साथ लड़ाई लड़ने वाले सुखदेव पातर हल्बा को मिला सेनानी का दर्जा
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Published : Jun 3, 2022, 7:59 PM IST

कांकेर : ग्राम भेलवापानी के सुखदेव पातर हल्बा आजादी के लड़ाई में इंदरू केंवट और कंगलू कुम्हार के साथ कदम से कदम मिलकार लड़ाई लड़े थे. परिवार कई सालों से लगातार सेनानी का दर्जा दिलाने संघर्षरत था. शुक्रवार को भेंट-मुलाकात कांकेर दौरे पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने ग्राम भेलवापानी के सुखदेव पातर हल्बा को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का दर्जा देने की घोषणा की. बता दें कि सुखदेव पातर का परिवार हर साल 9 जनवरी को शहादत दिवस मनाता है. परिवार के ढालसिंह पात्र, कन्हैया पात्र ने बताया कि ''इसके लिए लगातार प्रयास कर रहे थे लेकिन कोई सफलता नहीं मिली है आज मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद बहुत खुश है.''

कौन थे सुखदेव पातर हलबा : 1920 से ही इस क्षेत्र में अंग्रेजों के विरुद्ध सत्याग्रह, जुलूस, प्रदर्शन, चरखा झंडे का प्रचार शुरू हो चुका था. इंदरू केंवट, सुखदेव उर्फ पातर हल्बा और कंगलू कुम्हार ने महात्मा गांधी के नारों के साथ क्षेत्र में जागरूकता पैदा कर दी थी. 1932 में गांधी के अनुयायी हो गए थे . देश को आजाद कराने इन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी. इनके राजनीतिक गतिविधियों को जानने, सुनने, एवं देखने वालों में से कुछ लोग आज भी जीवित हैं.

क्षेत्र में खुशी की लहर : सुखदेव पातर स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में अपने साथियों के साथ कूद पड़े थे. बावजूद इसके उन्हें अब तक सेनानी का दर्जा शासन द्वारा नहीं दिया गया था. लेकिन मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद क्षेत्र में खुशी की लहर है. सुखदेव पातर के साथी इंदरु केंवट और गोटूल मुंडा के कंगलु कुम्हार को सेनानी का दर्जा मिल चुका है. परिवार और क्षेत्र के लोग लगातार शासन-प्रशासन को उन्हें सेनानी का दर्जा दिलवाने की मांग करते आ रहे थे. परिवार की ओर से स्वयं के खर्चे पर 9 जनवरी को प्रति वर्ष सुखदेव पातर पुण्यतिथि का आयोजन किया जाता है.

ये भी पढ़ें -सीएम बघेल का कांकेर दौरा: चारामा के गितपहर में सीएम बघेल ने ग्रामीणों को दी सौगातें

मुख्यमंत्री की प्रमुख घोषणाएं : मुख्यमंत्री ने ग्राम मेड़ो में स्कूल भवन, मिलेट प्रसंस्करण केंद्र को पिकअप और शेड, सभी देवगुड़ियों और घोटुल का जीर्णाेद्धार,सोलर स्ट्रीट लाइट के लिए 30 लाख रुपए, कोड़ेकुरसे में स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल की घोषणा की. इसके साथ ही उन्होंने खूंटगांव में नलजल योजना के तहत नई पानी टंकी, हाटकोंदल में नया हायर सेकेंडरी स्कूल और दुर्गुकोंदुल सीएससी में बाउंड्रीवाल की घोषणा की. साथ ही उन्होंने सभी पात्र हितग्राहियों को पट्टा देने की घोषणा भी की। उन्होंने स्वर्गीय सुखदेव पातर ग्राम भेलवापानी को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का दर्जा देने की घोषणा भी की.

कांकेर : ग्राम भेलवापानी के सुखदेव पातर हल्बा आजादी के लड़ाई में इंदरू केंवट और कंगलू कुम्हार के साथ कदम से कदम मिलकार लड़ाई लड़े थे. परिवार कई सालों से लगातार सेनानी का दर्जा दिलाने संघर्षरत था. शुक्रवार को भेंट-मुलाकात कांकेर दौरे पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने ग्राम भेलवापानी के सुखदेव पातर हल्बा को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का दर्जा देने की घोषणा की. बता दें कि सुखदेव पातर का परिवार हर साल 9 जनवरी को शहादत दिवस मनाता है. परिवार के ढालसिंह पात्र, कन्हैया पात्र ने बताया कि ''इसके लिए लगातार प्रयास कर रहे थे लेकिन कोई सफलता नहीं मिली है आज मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद बहुत खुश है.''

कौन थे सुखदेव पातर हलबा : 1920 से ही इस क्षेत्र में अंग्रेजों के विरुद्ध सत्याग्रह, जुलूस, प्रदर्शन, चरखा झंडे का प्रचार शुरू हो चुका था. इंदरू केंवट, सुखदेव उर्फ पातर हल्बा और कंगलू कुम्हार ने महात्मा गांधी के नारों के साथ क्षेत्र में जागरूकता पैदा कर दी थी. 1932 में गांधी के अनुयायी हो गए थे . देश को आजाद कराने इन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी. इनके राजनीतिक गतिविधियों को जानने, सुनने, एवं देखने वालों में से कुछ लोग आज भी जीवित हैं.

क्षेत्र में खुशी की लहर : सुखदेव पातर स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में अपने साथियों के साथ कूद पड़े थे. बावजूद इसके उन्हें अब तक सेनानी का दर्जा शासन द्वारा नहीं दिया गया था. लेकिन मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद क्षेत्र में खुशी की लहर है. सुखदेव पातर के साथी इंदरु केंवट और गोटूल मुंडा के कंगलु कुम्हार को सेनानी का दर्जा मिल चुका है. परिवार और क्षेत्र के लोग लगातार शासन-प्रशासन को उन्हें सेनानी का दर्जा दिलवाने की मांग करते आ रहे थे. परिवार की ओर से स्वयं के खर्चे पर 9 जनवरी को प्रति वर्ष सुखदेव पातर पुण्यतिथि का आयोजन किया जाता है.

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मुख्यमंत्री की प्रमुख घोषणाएं : मुख्यमंत्री ने ग्राम मेड़ो में स्कूल भवन, मिलेट प्रसंस्करण केंद्र को पिकअप और शेड, सभी देवगुड़ियों और घोटुल का जीर्णाेद्धार,सोलर स्ट्रीट लाइट के लिए 30 लाख रुपए, कोड़ेकुरसे में स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल की घोषणा की. इसके साथ ही उन्होंने खूंटगांव में नलजल योजना के तहत नई पानी टंकी, हाटकोंदल में नया हायर सेकेंडरी स्कूल और दुर्गुकोंदुल सीएससी में बाउंड्रीवाल की घोषणा की. साथ ही उन्होंने सभी पात्र हितग्राहियों को पट्टा देने की घोषणा भी की। उन्होंने स्वर्गीय सुखदेव पातर ग्राम भेलवापानी को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का दर्जा देने की घोषणा भी की.

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