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कांकेर: लोकसभा चुनाव बढ़ा रहा है छात्रों की परेशानी, पीजी कॉलेज भवन को प्रशासन ने किया अधिग्रहित - भवन अधिग्रहित

विधानसभा चुनाव में प्रशासन ने शासकीय पीजी कॉलेज को अधिग्रहित किया था, जिससे छात्रों की पढ़ाई का भारी नुकसान हुआ था और अब लोकसभा चुनाव के लिए फिर से पीजी कॉलेज को अधिग्रहित कर लिया गया है.

शासकीय पीजी कॉलेज
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Published : Mar 12, 2019, 8:20 PM IST

कांकेर : लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है और इसके साथ ही प्रशासन चुनाव की तैयारी में जुट गया है. वहीं चुनाव के कारण शासकीय पीजी कॉलेज को प्रशासन ने लोकसभा चुनाव के लिए अधिग्रहित किया है. बताया जा रहा है कि प्रशासन चुनाव के लिए कॉलेज को लगभग 3 महीने तक अपने अधिग्रहित करेगा.
जिला मुख्यालय का एक मात्र शासकीय कॉलेज है, जहां दूर-दूर से छात्र-छात्रा पढ़ने आते हैं. इससे पहले भी विधानसभा चुनाव के चलते कॉलेज को अधिग्रहित किया गया था. जिसके कारण कॉलेज के छात्रों की 4 महीने की पढ़ाई बर्बाद हो चुकी है.

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अब वार्षिक परीक्षा शुरू होने जा रही है, तो वहीं सेमेस्टर के क्लासेसअभी भी संचालित होनी थी, लेकिन लोकसभा चुनाव के लिए कॉलेज को खाली करवा दिया गया है.
कॉलेज के पीछे बनी नई बिल्डिंग में क्लासेसशिफ्ट कर दी गई हैं,लेकिन यहां नतो कमरे पर्याप्त हैं और न ही किसी तरह की सुविधा है. जिससे कॉलेज के छात्र एक बार फिर परेशान हैं. कई विषयों की परीक्षा चल रही है और इसके साथ ही सेमेस्टर की कक्षाएं भी चलनी हैं, ऐसे में कमरों के अभाव में छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होना तय है.

पढ़ाई हुई नहीं, रिजल्ट बिगड़ने का डर
छात्रों का कहना है कि, 'कॉलेज के अधिग्रहण के चलते पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हुई है. जहां कॉलेज को शिफ्ट किया गया था. वहां कई तरह की असुविधा के कारण पढ़ाई नहीं हो पाती थी. नए भवन में न तो बोर्ड थे और न ही बैठने के लिए पर्याप्त फर्नीचर है. जिससे कक्षाएं बहुत कम लगती थीं, अब वार्षिक परीक्षाएं चल रही हैं, आधी-अधूरी पढ़ाई के बीच रिजल्ट बिगड़ने काडर सता रहा है'.

खाली भवनों का उपयोग करे प्रशासन
एलएलबी के छात्र भूपेश ठाकुर का कहना है कि, 'प्रशासन को चुनाव कार्य के लिए खाली भवनों का उपयोग करना चाहिए. ताकि छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो'. उन्होंने कहा कि, 'जिला मुख्यालय में दो-दो कम्युनिटी हॉल है.जिला प्रशासन की खुद की कंपोजिट बिल्डिंग है. इन सब जगहों में चुनाव कार्य करने चाहिए न कि शिक्षण संस्थान को 5 महीने तक अधिग्रहण कर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना चाहिए'.
वहीं छात्र नेता मनीष जैन का कहना है कि, '2013-14 के चुनावों के दौरान भी कॉलेज का अधिग्रहण किया गया था और पढ़ाई प्रभावित होने के चलते काफी संख्या में छात्र फेल हो गए थे. इसलिए कॉलेज के अधिग्रहण से प्रशासन को बचना चाहिए ताकि छात्रों का भविष्य संकट में ना पड़े'.

कांकेर : लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है और इसके साथ ही प्रशासन चुनाव की तैयारी में जुट गया है. वहीं चुनाव के कारण शासकीय पीजी कॉलेज को प्रशासन ने लोकसभा चुनाव के लिए अधिग्रहित किया है. बताया जा रहा है कि प्रशासन चुनाव के लिए कॉलेज को लगभग 3 महीने तक अपने अधिग्रहित करेगा.
जिला मुख्यालय का एक मात्र शासकीय कॉलेज है, जहां दूर-दूर से छात्र-छात्रा पढ़ने आते हैं. इससे पहले भी विधानसभा चुनाव के चलते कॉलेज को अधिग्रहित किया गया था. जिसके कारण कॉलेज के छात्रों की 4 महीने की पढ़ाई बर्बाद हो चुकी है.

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अब वार्षिक परीक्षा शुरू होने जा रही है, तो वहीं सेमेस्टर के क्लासेसअभी भी संचालित होनी थी, लेकिन लोकसभा चुनाव के लिए कॉलेज को खाली करवा दिया गया है.
कॉलेज के पीछे बनी नई बिल्डिंग में क्लासेसशिफ्ट कर दी गई हैं,लेकिन यहां नतो कमरे पर्याप्त हैं और न ही किसी तरह की सुविधा है. जिससे कॉलेज के छात्र एक बार फिर परेशान हैं. कई विषयों की परीक्षा चल रही है और इसके साथ ही सेमेस्टर की कक्षाएं भी चलनी हैं, ऐसे में कमरों के अभाव में छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होना तय है.

पढ़ाई हुई नहीं, रिजल्ट बिगड़ने का डर
छात्रों का कहना है कि, 'कॉलेज के अधिग्रहण के चलते पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हुई है. जहां कॉलेज को शिफ्ट किया गया था. वहां कई तरह की असुविधा के कारण पढ़ाई नहीं हो पाती थी. नए भवन में न तो बोर्ड थे और न ही बैठने के लिए पर्याप्त फर्नीचर है. जिससे कक्षाएं बहुत कम लगती थीं, अब वार्षिक परीक्षाएं चल रही हैं, आधी-अधूरी पढ़ाई के बीच रिजल्ट बिगड़ने काडर सता रहा है'.

खाली भवनों का उपयोग करे प्रशासन
एलएलबी के छात्र भूपेश ठाकुर का कहना है कि, 'प्रशासन को चुनाव कार्य के लिए खाली भवनों का उपयोग करना चाहिए. ताकि छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो'. उन्होंने कहा कि, 'जिला मुख्यालय में दो-दो कम्युनिटी हॉल है.जिला प्रशासन की खुद की कंपोजिट बिल्डिंग है. इन सब जगहों में चुनाव कार्य करने चाहिए न कि शिक्षण संस्थान को 5 महीने तक अधिग्रहण कर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना चाहिए'.
वहीं छात्र नेता मनीष जैन का कहना है कि, '2013-14 के चुनावों के दौरान भी कॉलेज का अधिग्रहण किया गया था और पढ़ाई प्रभावित होने के चलते काफी संख्या में छात्र फेल हो गए थे. इसलिए कॉलेज के अधिग्रहण से प्रशासन को बचना चाहिए ताकि छात्रों का भविष्य संकट में ना पड़े'.

Intro:कांकेर - लोकसभा के चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही देश भर में लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व का बिगुल बज चुका है और राजनीतिक पार्टियां चुनाव में जीत दर्ज करने अपनी तैयारियों में जुट चुकी है । लेकिन लोकतंत्र के इस पर्व में यदि किसी को सबसे बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है तो वो छात्र है।हम बात कर रहे है जिला मुख्यालय के शासकीय पीजी कालेज की जो कि पिछले पांच महीनों से प्रशासन के कब्जे में है और अब लोकसभा चुनाव के चलते यह लगभग 3 महीने और प्रशासन के कब्जे में रहने वाला है। विधानसभा चुनाव के अधिग्रहण के चलते छात्रों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हुई और अब लोकसभा चुनाव के चलते भी हाल कुछ ऐसा ही होने वाला है।


Body:जिला मुख्यालय का एक मात्र कालेज शासकीय भानुप्रतापदेव पीजी कालेज है जहा दूर दराज से भी छात्र छात्राये उच्च शिक्षा के लिए आते है , विधानसभा चुनाव के दौरान अक्टूबर माह से कालेज का अधिग्रहण किया गया था जिस दौरान कालेज की पढ़ाई का सबसे महत्वपूर्ण समय था, दिसम्बर माह में मतगड़ना के बाद भी कालेज का अधिग्रहण समाप्त नही किया गया क्योंकि यहां ईवीएम मशीन रखी गई थी , जिसके चलते कालेज के छात्रों का 4 महीने की पढ़ाई बर्बाद हो गई । अब वार्षिक विषयो की परीक्षा की घड़ी है तो वही सेमेस्टर के कक्षाएं अभी भी संचालित होनी थी लेकिन लोकसभा चुनाव के लिए कालेज खाली करवा लिया गया है। कालेज के पीछे बनी नई बिल्डिंग में कक्षाएं शिफ्ट तो कर दी गई है लेकिन यहाँ ना तो कमरे पर्याप्त है और ना ही किसी तरह की सुविधा है जिससे कालेज के छात्र एक बार फिर परेशान है। कई विषयों की परीक्षा चल रही है और इनके साथ ही सेमेस्टर की कक्षाएं भी चलनी है ऐसे में कमरों के अभाव में छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होना तय है।

पढाई हुई नही, रिजल्ट बिगड़ने का डर
छात्रों का कहना है कि कॉलेज के अधिग्रहण के चलते पढाई बुरी तरह प्रभावित हुई है , जहा कालेज को शिफ्ट किया गया था वहां कई तरह की असुविधा के कारण पढाई नही हो पाती थी , नए भवन में ना तो बोर्ड थे और ना ही बैठने के लिए पर्याप्त फर्नीचर थे जिससे कक्षाएं बहुत कम लगती थी अब वार्षिक विषयो की परीक्षाएं चल रही है , आधी अधूरी पढाई के बीच छात्रों की रिजल्ट बिगड़ने के डर सता रहा है।


Conclusion:खाली भवनों का उपयोग करे प्रशासन
एलएलबी के छात्र भूपेश ठाकुर ने कहा कि प्रशासन को चुनाव कार्य के लिए खाली भवनों का उपयोग करना चाहिये ताकि छात्रों की पढ़ाई प्रभावित ना हो , उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालय में दो दो कम्युनिटी हाल है , जिला प्रशासन की खुद की कंपोजिट बिल्डिंग है इन सब जगहों में चुनाव कार्य करने चाहिए ना कि शिक्षण संस्थान को 5 महीने तक अधिग्रहण कर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना चाहिए । छात्र नेता मनीष जैन ने कहा कि 2013- 14 के चुनावों के दौरान भी कालेज का अधिग्रहण किया गया था और पढाई प्रभावित होने के चलते काफी संख्या में छात्र फेल हो गए थे , इसलिए कालेज के अधिग्रहण से प्रशासन को बचना चाहिए ताकि छात्रों का भविष्य संकट में ना पड़े।


बाइट - 1 भूपेश ठाकुर छात्र
2 . मनीष जैन छात्र नेता
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