कांकेर : लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है और इसके साथ ही प्रशासन चुनाव की तैयारी में जुट गया है. वहीं चुनाव के कारण शासकीय पीजी कॉलेज को प्रशासन ने लोकसभा चुनाव के लिए अधिग्रहित किया है. बताया जा रहा है कि प्रशासन चुनाव के लिए कॉलेज को लगभग 3 महीने तक अपने अधिग्रहित करेगा.
जिला मुख्यालय का एक मात्र शासकीय कॉलेज है, जहां दूर-दूर से छात्र-छात्रा पढ़ने आते हैं. इससे पहले भी विधानसभा चुनाव के चलते कॉलेज को अधिग्रहित किया गया था. जिसके कारण कॉलेज के छात्रों की 4 महीने की पढ़ाई बर्बाद हो चुकी है.
अब वार्षिक परीक्षा शुरू होने जा रही है, तो वहीं सेमेस्टर के क्लासेसअभी भी संचालित होनी थी, लेकिन लोकसभा चुनाव के लिए कॉलेज को खाली करवा दिया गया है.
कॉलेज के पीछे बनी नई बिल्डिंग में क्लासेसशिफ्ट कर दी गई हैं,लेकिन यहां नतो कमरे पर्याप्त हैं और न ही किसी तरह की सुविधा है. जिससे कॉलेज के छात्र एक बार फिर परेशान हैं. कई विषयों की परीक्षा चल रही है और इसके साथ ही सेमेस्टर की कक्षाएं भी चलनी हैं, ऐसे में कमरों के अभाव में छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होना तय है.
पढ़ाई हुई नहीं, रिजल्ट बिगड़ने का डर
छात्रों का कहना है कि, 'कॉलेज के अधिग्रहण के चलते पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हुई है. जहां कॉलेज को शिफ्ट किया गया था. वहां कई तरह की असुविधा के कारण पढ़ाई नहीं हो पाती थी. नए भवन में न तो बोर्ड थे और न ही बैठने के लिए पर्याप्त फर्नीचर है. जिससे कक्षाएं बहुत कम लगती थीं, अब वार्षिक परीक्षाएं चल रही हैं, आधी-अधूरी पढ़ाई के बीच रिजल्ट बिगड़ने काडर सता रहा है'.
खाली भवनों का उपयोग करे प्रशासन
एलएलबी के छात्र भूपेश ठाकुर का कहना है कि, 'प्रशासन को चुनाव कार्य के लिए खाली भवनों का उपयोग करना चाहिए. ताकि छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो'. उन्होंने कहा कि, 'जिला मुख्यालय में दो-दो कम्युनिटी हॉल है.जिला प्रशासन की खुद की कंपोजिट बिल्डिंग है. इन सब जगहों में चुनाव कार्य करने चाहिए न कि शिक्षण संस्थान को 5 महीने तक अधिग्रहण कर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना चाहिए'.
वहीं छात्र नेता मनीष जैन का कहना है कि, '2013-14 के चुनावों के दौरान भी कॉलेज का अधिग्रहण किया गया था और पढ़ाई प्रभावित होने के चलते काफी संख्या में छात्र फेल हो गए थे. इसलिए कॉलेज के अधिग्रहण से प्रशासन को बचना चाहिए ताकि छात्रों का भविष्य संकट में ना पड़े'.