कांकेर: छत्तीसगढ़ में पिछले दिनों से अधिकारी और कर्मचारियों की हड़ताल जारी है. कर्मचारियों के पंडाल में अंतागढ़ सीईओ पीआर साहू ने प्रदेश सरकार की योजनाओं को आड़े हाथों लेते हुए जमकर भड़ास निकाली. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट होती ही वायरल हो गया है. कलेक्टर प्रियंका शुक्ला ने इस मामले में जानकारी ली है. इसके बाद कलेक्टर ने सीईओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और जांच के लिए टीम भी गठित कर दी है.
अधिकारी ने सरकार के खिलाफ निकाली भड़ास: जनपद सीईओ पीआर साहू ने 28 अगस्त को प्रदर्शन स्थल पर सरकार के खिलाफ कहा कि "केवल ट्रैक्टरों में भीड़ जुटा कर, उल्टी सीधी बातों पर ताली बजवाने की सच्चाई हम लोग जानते हैं. किसानों को कहा गोबर से उनको को लाभ नहीं हो रहा है, उनके नाम से लाभ उठाने की योजना बनाई गई है. हम कोई भीख में नहीं ले रहे. ये भारत सरकार का नियम है कि हर साल कम से कम दो बार बढ़ती मंहगाई के अनुरूप कर्मचारियों को मंहगाई भत्ता पुनरक्षित किया जाएगा. हिंदुस्तान में केवल छत्तीसगढ़ में ही 22 फीसद डीए पर अटका है."
जनपद सीईओ ने कहा कि "छत्तीसगढ़ में हमने ऐसा मुख्यमंत्री पाया है जो कहने को छत्तीसगढ़िया है लेकिन उसे गेढ़ी चढ़ने, पोरा और तीजा में नाचने से फुर्सत नहीं है. आज छत्तीसगढ़ को एक कुशल प्रशासनिक मुख्यमंत्री की जरूरत है. मैं भी छत्तीसगढ़िया होने के नाते मुख्यमंत्री के छत्तीसगढ़ी संस्कृति से लगाव का सम्मान करता हूं, लेकिन यह भी कहूंगा गेढ़ी चढ़ने या आदिवासी नृत्यों पर नाच करने से प्रदेश विकास नहीं होने वाला है. कर्मचारियों का वेतन देने बजट आवंटन का अभाव बताते हो. आपके विधायक मंत्री के वेतन बढ़ाने पैसा कहां से जाएगा. हड़ताल में बैठे अधिकारी कर्मचारी भाषण सुन तालियां बजाते रहे. लेकिन जनपद सीईओ के बिगड़े बोल को रोकने-टोकने कोई सामने नहीं आया."
3 दिन के अंदर जांच पूरी करते हुए रिपोर्ट देगी टीम: सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने 30 अगस्त को मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की है. जो तीन दिन के अंदर पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपेगी. जनपद सीईओ को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिन के अंदर जवाब देने को कहा है.
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