कांकेर: कांकेर जिला मुख्यालय में आज हजारों की तादाद में स्कूल सफाई कर्मचारियों ने एकजुट होकर प्रदर्शन (School sanitation workers protest in Kanker ) किया. प्रदर्शन के दौरान सभी सफाई कर्मियों ने कलेक्ट्रेट मार्ग धरना स्थल से मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार राजेश तिवारी और संसदीय सचिव और विधायक शिशुपाल शोरी का निवास स्थान घेरने निकले. इस दौरान सलाहकार का स्वास्थ्य खराब होने के कारण नायाब तहसीलदार को प्रदर्शनकारियों ने ज्ञापन सौंपा. इस बीच जब घंटे भर के इंतजार के बाद भी विधायक नहीं आये तब सफाईकर्मी नाराज होकर नारेबाजी करने लगे.
छलका सफाईकर्मियों का दर्द: बता दें कि नाराज सफाईकर्मी पिछले 14 दिन से अनिश्चितकालीन धरने पर हैं. आज मुख्यमंत्री के सलाहकार राजेश तिवारी और विधायक शिशुपाल शोरी के आवास को सफाईकर्मी घेरने निकले थे. इस दौरान स्कूल सफाई कर्मियों का दर्द छलका. उन्होंने कहा कि हमारे जनप्रतिनिधि ही हमारी बात नहीं सुनते तो हम किसके पास अपनी बात रखने जाएंगे.
सालों से पूरी नहीं हुई मांग: इस दौरान मीडिया से बातचीत के दौरान सफाई कर्मचारी विभाग की जिला अध्यक्ष अनुसुईया सोनवानी ने कहा कि सफाई कर्मियों का आरोप था कि प्रदेश कांग्रेस सरकार के अंशकालीन को पूर्ण कालीन करने की मांगे घोषणा पत्र में शामिल किया है. इधर पदाधिकारियों का कहना है कि घोषणा पत्र में आश्वासन दिया था कि कांग्रेस की सरकार बनाते ही 10 दिन में मांग को पूरा कर दिया जाएगा. हालांकि दो साल होने के बाद भी इनकी मांगे पूरी नहीं की गई है.
नहीं हो रही कोई सुनवाई: सफाई कर्मचारियों का कहना था कि जिले भर में 2500 सफाई कर्मचारी कार्यरत है. पूर्णकालिक न होने से हमें और हमारे परिवार को आर्थिक मानसिक और शारीरिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. सरकार को कई बार हमने अपनी समस्याओं को अवगत कराया है. बावजूद इसके कोई सुनवाई नहीं हुई है.
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सालों से सरकार के समक्ष रखते आ रहे मांग: इस विषय में अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारी कल्याण संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि छत्तीसगढ़ अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारी कल्याण संघ छत्तीसगढ़ में 2007-08 और 2011 से कार्य कर रहे हैं. वे स्कूल की साफ-सफाई, कक्षाओं की सफाई, पेयजल की व्यवस्था, पालक रजिस्टर में हस्ताक्षर कराना, मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था करना आदि कार्य करते आ रहे हैं. इसके बदले वर्तमान में मात्र 2000 रुपये मासिक दिया जा रहा है. 2011 से लगातार स्कूल सफाई कर्मचारी संघ अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रख रहे हैं.मांगें पूरी करने के बजाय इनको आश्वासन दिया जाता है.