कांकेर : ऑनलाइन सट्टा एप के खिलाफ छ्त्तीसगढ़ पुलिस की कार्रवाई जारी है.इसी कड़ी में पखांजूर क्षेत्र में ऑनलाइन एप के माध्यम से सट्टा खिलाने और सटोरियों का सहयोग करने वालों की गिरफ्तारी हुई है.पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 92 हजार रुपए नकद और 8 नग मोबाइल समेत 3 चेकबुक जब्त किए हैं.सभी आरोपियों के खिलाफ जुआ अधिनियम प्रतिषेध अधिनियम 2022 के तहत कार्रवाई की गई है.इस कार्रवाई में पुलिस ने ऐसे आरोपियों को भी दबोचा हैं जिन्होंने अपने बैंक खाते सटोरियों को उपलब्ध कराए थे. पुलिस ने सभी आठ बैंक खातों को सीज किया है.
खातों का गलत इस्तेमाल करवाने वाला गिरफ्तार : अपने बैंक खाते को जान बूझकर जुआ और सट्टा जैसी गतिविधियों के लिए उपलब्ध कराना अपराध के दायरे में आता है.पुलिस को सूचना मिली थी कि HDFC बैंक पखांजूर शाखा में शिवम नाम का एक व्यक्ति गलत तरीके से पैसों का ट्रांजेक्शन कर रहा है.शिवम ने इसी बैंक में दूसरे लोगों का खाता खुलवाया है.जिसका इस्तेमाल अंबानी बुक एप और दूसरे ऑनलाइन गैंबलिंग एप के पैसों के लेनदेन के लिए हो रहा है. इस सूचना पर पुलिस ने शिवम को हिरासत में लेकर पूछताछ की.
''कांकेर पुलिस ने 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. जिसमें 8 लोगों की गिरफ्तारी की गई है बाकी 5 आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं. मुख्य आरोपी आशीष रेड्डी को पकड़ने पुलिस छापेमार कार्यवाई कर रही है.'' दिव्यांग पटेल,कांकेर एसपी
कमीशन के लिए खातों का गलत इस्तेमाल : शिवम पखांजूर 116 नम्बर गांव में रहता है. जो मछली पालन का काम करता है. 2015 में भिलाई में रहने के दौरान उसकी पहचान आशीष रेड्डी और विकास नाम के व्यक्ति से हुई. जिसने अंबानी बुक और दूसरे आनलाइन गैंबलिंग एप से सट्टा खिलाने की जानकारी दी.जानकारी हासिल करने के बाद आरोपी शिवम दिल्ली चला गया.जहां उसने ऑनलाइन सट्टा एप की आईडी बांटने का काम सीखा. इसके बाद वापस छत्तीसगढ़ आ गया. अंबानी बुक और अन्य गैंबलिंग एप के लिए खाता देने पर शिवम को कमीशन के तौर पर 20 हजार रुपए मिलते थे.
कैसे खुलवाता था खाता : शिवम पखांजूर में लोगों से संपर्क करके खाता खुलवाने के लिए ऑफर देता था.इसके लिए शिवम एडीएफसी बैंक में 10 हजार रुपए देकर सेविंग अकाउंट खुलवाता था. खाता खुलने के एक हफ्ते बाद उसके खाते में 3 हजार रुपए डालकर सेविंग अकाउंट को करंट अकाउंट में बदलवाता था.इसके बाद उस खाते से 13 हजार रुपए निकाल लेता. खाता जीरो बैलेंस करने के बाद पासबुक,एटीएम किट,चेकबुक,मोबाइल सिम भिलाई के विकास और अरशद को बस के माध्यम से भेजता था.
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दिल्ली तक पहुंचाई जाती थी खातों की डिटेल : भिलाई में खातों की डिटेल लेकर दिल्ली में बैठे सटोरियों तक पहुंचाई जाती थी.इस दौरान दिल्ली के लोग खाते को ऑनलाइन बुक एप में लिंक करते थे.जिसमें पैसों का लेनदेन शुरु हो जाता था.इस दौरान जो मोबाइल नंबर अकाउंट में जुड़ रहता था. उस मोबाइल नंबर को दिल्ली में बैठे आरोपी अपडेट करके बदल देते थे.जिससे खाताधारक के पास मैसेज नहीं आता था. जिससे उसे खातों के लेनदेन के बारे में जानकारी नहीं मिलती थी.