कांकेर : इन दिनों जहां कोरोना जैसे महामारी को पूरा देश झेल रहा है, लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. ऐसे में कुछ युवक जो बाहर काम करने गए थे, जो अपने गांव पैदल वापस लौटे हैं. इससे आसपास के गांव मे दहशत का माहौल देखने को मिला. इसके पीछे की वजह युवकों का कटघोरा से लौटना बताया जा रहा था.
बता दें कि ग्राम आमाकड़ा के दो, मुरामेर के तीन और हवेचूर से एक युवक पन्द्रह मार्च को कवर्धा के पेंडिंतराई में बोरगाड़ी में काम करने गए थे. लॉकडाउन होने के कारण सभी मजदूरों को उनके मालिक की ओर से उन्हें राजनादगांव जिले के करमतरा भेज दिया गया. जहां ये फंसे हुए थे.
खाने-पीने की व्यवस्था नहीं
इनके पास न रुपए थे, न खाने-पीने की व्यवस्था थी. इस कारण ये युवक अपने गांव के लिए पैदल ही निकल पड़े. घर पहुंचने से आस-पास के गांव में अफवाह फैल गई कि पांचों लोग कोरबा के कटघोरा से लौटे हैं. इस सूचना के बाद आमाकड़ा ग्राम पटेल ने इसकी सूचना पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को दी. पूछताछ करने पर पता चला कि ये सारे लोग कटघोरा से नहीं बल्कि कवर्धा से लौटे हैं.
होम आईसोलेट किया गया
ये सभी युवक बोरवेल मशीन में हेलपर का काम करने के लिए गए हुए थे. हालांकि सभी पांचों युवकों को स्वास्थ विभाग और पुलिस प्रशासन की समझाइश के बाद ग्राम पटेल की निगरानी में उनके घर पर होम आईसोलेट कर दिया गया है.
घर से बाहर नजर आए युवक
जब ETV भारत की टीम पड़ताल पर पहुंची तो पांचों युवक एक साथ घर के पीछे आम के झाड़ के नीचे सोते दिखे,जबकि शासन की निर्देश की माने तो ऐसे व्यक्तियों को घर से बाहर ही नहीं निकलना है.