कांकेर : एक बाप अपनी बेटी का शव दफनाने को के लिए 130 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय में चक्कर काट रहा है. लेकिन वह उसका शव दफना नहीं पाया है. दरअसल, दूसरे धर्म को मानने के चलते बेटी की मौत हो जाने के बाद गांव का एक समुदाय उस पिता को अपनी बेटी का शव दफनाने नहीं दे रहा है. इस कारण शव तीन दिन से अस्पताल में ही पड़ा हुआ है. इससे आहत होकर पीड़ित पिता गुरुवार को अपनी बेटी का शव गांव में दफनाने देने की फरियाद लेकर कांकेर कलेक्ट्रेट पहुंचे थे.
तालाब में नहाने के दौरान डूब गई थी बेटी
घटना को लेकर पखांजूर क्षेत्र के बांदे थाना अंतर्गत ग्राम मरकानार निवासी पीड़ित पुलिकर बड़ा ने बताया कि उनकी बेटी 24 अगस्त को तालाब में नहाने के दौरान डूब गई थी, जिससे उसकी मौत हो गई थी. उसका पोस्टमार्टम 25 अगस्त को हुआ. पोस्टमार्टम के बाद एक समुदाय द्वारा गांव में शव को दफनाने नहीं दिया जा रहा है. उनका कहना है कि जब तक मैं जिस धर्म में परिवर्तन कर गया हूं, उसको नहीं छोडूंगा तब तक शव दफनाने नहीं दिया जाएगा.
पुलिस सुरक्षा के बीच शव दफनाने की व्यवस्था कराए जाने की गुहार
पीड़ित पुलिकर बड़ा का कहना है कि शव को रखे-रखे तीन दिन हो चुके हैं. अब शव की स्थिति खराब हो चुकी है. पीड़ित ने कलेक्टर से गुहार लगाई है कि पुलिस सुरक्षा के बीच उनकी बेटी का शव गांव में दफनाने की व्यवस्था कराई जाए. बता दें कि इस मामले में स्थानीय प्रशासन गांव वालों को समझाने का प्रयास कर रहा है.