कांकेर: छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने शनिवार को मेमर्स गोदावरी पॉवर एंड इस्पात लिमिटेड की ओर से प्रस्तावित परियोजना लौह अयस्क की कुल उत्पादन क्षमता का विस्तार करने के लिए जनसुनवाई की.
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ग्रामीणों ने दिया समर्थन
1.405 एमटीपीए से 2.35 एमटीपीए (0.55 एमटीपीए बीएमक्यू समेत) 0.6 एमटीपीए क्षमता का बीएमक्यू बेनिफिकेशन प्लांट लगाने के लिए 2 एमटीपीए डोलर क्रशिंग प्लांट और 250 टीपीएच स्क्रीनिंग प्लांट की स्थापना के लिए जन सुनवाई हुई. जन सुनवाई के दौरान कंपनी के कर्मचारियों के काम की जानकारी देते हुए प्रभावित गांवों में दी जाने वाले सुविधाओं और विकासकार्यो का उल्लेख किया गया. जन सुनवाई के दौरान प्रभावित गांवों से आए ग्रामीणों ने कंपनी को अपना समर्थन दिया.
क्या कहते हैं जनप्रतिनिधी ?
बैठक में मनोज सिंह मंडावी ने कहा कि खनिज न्यास निधि का ज्यादा से ज्यादा उपयोग प्रभावित गांवों में किया जाना चाहिए. ताकि उन क्षेत्रों का विकास हो सके. जनप्रतिनिधियों ने प्रभावित गांवों में बुनियादी सुविधाएं, खनिज न्यास निधि से ज्यादा से ज्याद विकास, लालपानी से निजात, लोगों को रोजगार और पर्यावरण को अच्छा बनाए रखने के लिए वृक्षारोपण के साथ देखभाल किए जाने की बात कही.
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जन सुनवाई की जगह का विरोध
राजेश रंगारी ने इस जन सुनवाई स्थल का विरोध करते हुए कहा कि जनसुनवाई बफरजोन के अंदर होना चाहिए. लेकिन जहां ये जनसुनवाई हो रही है वह गोदावरी माइंस भानुप्रतापपुर से 13 किलोमीटर दूर है, जो नियमों के खिलाफ है. देखा जाए तो भानुप्रतापपुर में कंपनी के जन सुनवाई होने से अधिकांश प्रभावित लोगों को जानकारी नहीं हो पाई. जन सुनवाई के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई गई. कंपनी ने राजस्व क्षेत्र में बिना स्वीकृति के डंप किए जाने का मामला उठाया.
अधिकारी रहे मौजूद
जनपद कार्यालय के सभागार में आयोजित इस बैठक में विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज सिंह मंडावी, कांकेर जिला पंचायत अध्यक्ष हेमंत ध्रुव, पूर्ण चंद पाढ़ी, ब्रिजबत्ती मरकाम, सुनाराम तेता, समेत अपर कलेक्टर, पर्यावरण मंडल जगदलपुर के क्षेत्रीय अधिकारी, भानुप्रतापपुर एसडीएम, भानुप्रतापपुर एसडीओपी, कंपनी प्रबंधन, प्रभावित गांव के ग्रामीणों और जनप्रतिनिधि रहे.