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कांकेर: पत्रकार करेंगे CM हाउस का घेराव, दोषियों पर कार्रवाई की मांग

कांकेर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पत्रकारों से मारपीट का आरोप है. जिसके विरोध में कांकेर जिला मुख्यालय में प्रदेश भर से पत्रकारों ने धरना प्रदर्शन किया और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की.

protest of journalists in kanker
पत्रकारों का विरोध प्रदर्शन
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Published : Sep 28, 2020, 2:00 AM IST

Updated : Sep 28, 2020, 9:55 PM IST

कांकेर: कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला से मारपीट का आरोप है. जिसके विरोध में रविवार को कांकेर जिला मुख्यालय में प्रदेश भर के पत्रकारों ने धरना प्रदर्शन किया. पत्रकारों ने दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है. इस घटना के विरोध में पत्रकारों ने राज्य सरकार को 1 अक्टूबर तक का अल्टीमेटम दिया है. उनका कहना है कि दोषियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई हो नहीं तो 2 अक्टूबर को प्रदेश भर के पत्रकार रायपुर में सीएम हाउस का घेराव करेंगे.

पत्रकार करेंगे सीएम हाउस का घेराव

वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला पर शनिवार की दोपहर जानलेवा हमला हुआ था. शुक्ला कांकेर के ही एक अन्य पत्रकार सतीश यादव पर कांग्रेस के नेता जितेंद्र सिंह ठाकुर और कांग्रेसी पार्षदों के द्वारा मारपीट किए जाने की शिकायत कर थाने से बाहर निकले थे, थाने के सामने ही विधायक शिशुपाल शोरी के प्रतिनिधि गफ्फार मेमन, खुद को राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के प्रवक्ता बताने वाले गणेश तिवारी और कांग्रेस पार्षद शादाब खान ने हमला कर दिया था.

पढ़ें-कांकेर: कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पत्रकार कमल शुक्ला से मारपीट का आरोप, कार्रवाई की मांग पर अड़े पत्रकार

हमले में कमल शुक्ला के सिर और कान के पास गंभीर चोट आई थी. घटना से आहत जिले के पत्रकारों ने जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था. जो रविवार शाम तक जारी रहा. धरना प्रदर्शन में प्रदेश भर से पत्रकार शामिल हुए. बता दें कि कांकेर पुलिस ने आरोपियों पर मामूली धाराओं में अपराध दर्ज कर उन्हें रात में ही जमानत पर रिहा कर दिया. जिसे लेकर भी पत्रकार गुस्से में हैं.

एसपी-कलेक्टर को हटाने की मांग

कांकेर के SP एमआर अहिरे और कलेक्टर केएल चौहान को तत्काल प्रभाव से कांकेर से हटाने की मांग की है. पत्रकारों ने एक अक्टूबर के पहले एसपी और कलेक्टर को कांकेर से हटाने की मांग की है. पत्रकारों का आरोप है कि कलेक्टर और एसपी दोनों के संरक्षण में कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पत्रकारों पर जानलेवा हमला किया है.

पढ़ें- कांकेर: दबंगों ने गांव के चार परिवारों के साथ की मारपीट

पत्रकारों को गोली मारने की धमकी

बता दें कि कमल शुक्ला थाने में पत्रकार सतीश यादव से हुई मारपीट को लेकर शिकायत दर्ज करवाने गए थे. उस दौरान विधायक शिशुपाल शोरी के प्रतिनिधि गफ्फार मेमन ने अन्य कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ थाना परिसर में ही पत्रकारों को अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली मारने की धमकी दी थी. जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है.

आप और भाजपा ने दिया समर्थन

पत्रकारों के आंदोलन को आम आदमी पार्टी और भाजपा ने समर्थन दिया है. सांसद मोहन मंडावी और आप पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने धरना स्थल पहुंच दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है. सासंद मोहन मंडावी ने कहा कि पत्रकारों पर हमला लोकतंत्र पर सीधा हमला है. यह किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जाएगा. प्रदेश सरकार को दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.

कांकेर: कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला से मारपीट का आरोप है. जिसके विरोध में रविवार को कांकेर जिला मुख्यालय में प्रदेश भर के पत्रकारों ने धरना प्रदर्शन किया. पत्रकारों ने दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है. इस घटना के विरोध में पत्रकारों ने राज्य सरकार को 1 अक्टूबर तक का अल्टीमेटम दिया है. उनका कहना है कि दोषियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई हो नहीं तो 2 अक्टूबर को प्रदेश भर के पत्रकार रायपुर में सीएम हाउस का घेराव करेंगे.

पत्रकार करेंगे सीएम हाउस का घेराव

वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला पर शनिवार की दोपहर जानलेवा हमला हुआ था. शुक्ला कांकेर के ही एक अन्य पत्रकार सतीश यादव पर कांग्रेस के नेता जितेंद्र सिंह ठाकुर और कांग्रेसी पार्षदों के द्वारा मारपीट किए जाने की शिकायत कर थाने से बाहर निकले थे, थाने के सामने ही विधायक शिशुपाल शोरी के प्रतिनिधि गफ्फार मेमन, खुद को राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के प्रवक्ता बताने वाले गणेश तिवारी और कांग्रेस पार्षद शादाब खान ने हमला कर दिया था.

पढ़ें-कांकेर: कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पत्रकार कमल शुक्ला से मारपीट का आरोप, कार्रवाई की मांग पर अड़े पत्रकार

हमले में कमल शुक्ला के सिर और कान के पास गंभीर चोट आई थी. घटना से आहत जिले के पत्रकारों ने जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था. जो रविवार शाम तक जारी रहा. धरना प्रदर्शन में प्रदेश भर से पत्रकार शामिल हुए. बता दें कि कांकेर पुलिस ने आरोपियों पर मामूली धाराओं में अपराध दर्ज कर उन्हें रात में ही जमानत पर रिहा कर दिया. जिसे लेकर भी पत्रकार गुस्से में हैं.

एसपी-कलेक्टर को हटाने की मांग

कांकेर के SP एमआर अहिरे और कलेक्टर केएल चौहान को तत्काल प्रभाव से कांकेर से हटाने की मांग की है. पत्रकारों ने एक अक्टूबर के पहले एसपी और कलेक्टर को कांकेर से हटाने की मांग की है. पत्रकारों का आरोप है कि कलेक्टर और एसपी दोनों के संरक्षण में कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पत्रकारों पर जानलेवा हमला किया है.

पढ़ें- कांकेर: दबंगों ने गांव के चार परिवारों के साथ की मारपीट

पत्रकारों को गोली मारने की धमकी

बता दें कि कमल शुक्ला थाने में पत्रकार सतीश यादव से हुई मारपीट को लेकर शिकायत दर्ज करवाने गए थे. उस दौरान विधायक शिशुपाल शोरी के प्रतिनिधि गफ्फार मेमन ने अन्य कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ थाना परिसर में ही पत्रकारों को अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली मारने की धमकी दी थी. जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है.

आप और भाजपा ने दिया समर्थन

पत्रकारों के आंदोलन को आम आदमी पार्टी और भाजपा ने समर्थन दिया है. सांसद मोहन मंडावी और आप पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने धरना स्थल पहुंच दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है. सासंद मोहन मंडावी ने कहा कि पत्रकारों पर हमला लोकतंत्र पर सीधा हमला है. यह किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जाएगा. प्रदेश सरकार को दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.

Last Updated : Sep 28, 2020, 9:55 PM IST
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