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'सड़कें इतनी जर्जर की यहां नेताओं की लग्जरी गाड़ियां तक नहीं चल पाएंगी'

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Published : Jan 7, 2021, 2:40 AM IST

Updated : Jan 7, 2021, 5:16 AM IST

कांकेर के नक्सल प्रभावित आमाबेड़ा में किसानों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर रैली निकाली और स्थानीय विधायक और सांसद के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

protest of farmers in aamabeda
किसानों का विरोध प्रदर्शन

कांकेर: जिला मुख्यालाय से 50 किलोमीटर दूर धुर नक्सल प्रभावित आमाबेड़ा में किसानों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर रैली निकाली. किसानों ने राज्यपाल के नाम प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है.आजादी के 73 साल भी क्षेत्र के विकास को लेकर हो रही अनदेखी से आक्रोशित किसानों ने स्थानीय विधायक और सांसद के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की. आमाबेड़ा धान खरीदी केंद्र में बारदाने की भारी कमी से किसानों को धान बेचने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन

आमाबेड़ा में सहकारी बैंक की मांग किसान वर्षों से करते आ रहे है, लेकिन अब तक सहकारी बैंक नहीं खोले जाने से किसानों को 30 किलोमीटर का सफर तय कर अन्तागढ़ जाना पड़ता है.इसके अलावा आमाबेड़ा से अन्तागढ़ और आमाबेड़ा से जिला मुख्यालाय आने वाली जर्जर सड़क को लेकर भी लोगों में गुस्सा देखने को मिला.

पढ़ें-अनलॉक के बाद घट गए मनरेगा मजदूर

उग्र आंदोलन की चेतावनी

स्थानीय गुप्तेश्वर उसेंडी ने कहा कि आजादी के 73 साल बाद भी यह क्षेत्र विकास को तरस रहा है. विधायक, सांसद चुनाव जीतने के बाद यहां झांकने भी नहीं आते हैं. यहां की जर्जर सड़कों पर उनकी लग्जरी गाड़ियां तक नहीं चल पाएंगी. जिला पंचायत सदस्य श्यामा पटौदी ने बताया कि आमाबेड़ा क्षेत्र के 27 ग्राम पंचायत के 90 गांव आज भी विकास के लिए तरस रहे हैं. किसानों के लिए बारदाना नहीं है, यदि जल्द मांगे नहीं मानी जाती तो अब ग्रामीण उग्र आंदोलन करेंगे.

कांकेर: जिला मुख्यालाय से 50 किलोमीटर दूर धुर नक्सल प्रभावित आमाबेड़ा में किसानों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर रैली निकाली. किसानों ने राज्यपाल के नाम प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है.आजादी के 73 साल भी क्षेत्र के विकास को लेकर हो रही अनदेखी से आक्रोशित किसानों ने स्थानीय विधायक और सांसद के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की. आमाबेड़ा धान खरीदी केंद्र में बारदाने की भारी कमी से किसानों को धान बेचने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन

आमाबेड़ा में सहकारी बैंक की मांग किसान वर्षों से करते आ रहे है, लेकिन अब तक सहकारी बैंक नहीं खोले जाने से किसानों को 30 किलोमीटर का सफर तय कर अन्तागढ़ जाना पड़ता है.इसके अलावा आमाबेड़ा से अन्तागढ़ और आमाबेड़ा से जिला मुख्यालाय आने वाली जर्जर सड़क को लेकर भी लोगों में गुस्सा देखने को मिला.

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उग्र आंदोलन की चेतावनी

स्थानीय गुप्तेश्वर उसेंडी ने कहा कि आजादी के 73 साल बाद भी यह क्षेत्र विकास को तरस रहा है. विधायक, सांसद चुनाव जीतने के बाद यहां झांकने भी नहीं आते हैं. यहां की जर्जर सड़कों पर उनकी लग्जरी गाड़ियां तक नहीं चल पाएंगी. जिला पंचायत सदस्य श्यामा पटौदी ने बताया कि आमाबेड़ा क्षेत्र के 27 ग्राम पंचायत के 90 गांव आज भी विकास के लिए तरस रहे हैं. किसानों के लिए बारदाना नहीं है, यदि जल्द मांगे नहीं मानी जाती तो अब ग्रामीण उग्र आंदोलन करेंगे.

Last Updated : Jan 7, 2021, 5:16 AM IST
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