पखांजूर/कांकेर: क्षेत्र के छोटे बैठिया इलाके में बहने वाली कोटरी नदी में नांव चलाने वाले तीन युवकों ने छोटे बैठिया में पदस्थ तीन पुलिसकर्मियों पर मारपीट करने का आरोप लगाया है. गुस्साए आदिवासी ग्रामीण सैकड़ों की संख्या में थाना पहुंचकर जमकर हंगामा मचाया. थाना प्रभारी ने मामला को बढ़ता देख ग्रामीणों के सामने हाथ जोड़कर माफी मांगी तब जाकर गुस्साए ग्रामीणों का गुस्सा शांत हुआ.
इलाके से बहने वाली कोटरी नदी पर शासन-प्रशासन ने अब तक पुल का निर्माण नहीं करा सका. इस वजह से ग्रामीणों को आवाजाही में काफी परेशानी होती है. ऐसी विषम परिस्थितियों के बीच ग्रामीणों ने आवाजाही के लिए नांव से बहती नदी को पार करते हैं. गुरुवार की शाम नदी के तट पर छोटे-बैठिया थाना में पदस्थ पुलिसकर्मियों ने नक्सलियों का सामान नदी पार कराने का आरोप लगाते हुए नांव चलाने वाले युवकों से मारपीट की थी.
थाना प्रभारी ने मांगी माफी
युवकों के अनुसार पुलिसकर्मियों ने नशे में युवकों को गालियां देते हुए उनसे, मारपीट की. विवाद इतना बढ़ गया कि जवान बंदूक की बट से युवकों को पीटने लगे. युवकों ने मारपीट की बात जब ग्रामीणों को बताई तो गुस्साए ग्रामीणों ने छोटे बैठिया थाना का घेराव कर दिया. हालांकि पुलिसकर्मियों ने माफी मांगी, तब भी ग्रामीणों का गुस्सा शांत नहीं हुआ. आखिरकार थाना प्रभारी को ग्रामीणों से माफी मांगनी पड़ी तब जाकर मामला शांत हुआ.
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छोटे बैठिया थाना प्रभारी ने इस केस में ग्रामीणों के आरोप को गलत बताते हुए मारपीट की घटना से इनकार किया है. जबकि वीडियो में थाना प्रभारी को ग्रामीणों से मांफी मांगते हुए साफ तौर पर देखा जा सकता है.
अधिकारी ने किया मारपीट की घटना से इनकार
अनुविभागीय अधिकारी पुलिस मयंक तिवारी ने बताया कि बेचाघाट कोटरी नदी के उसपार सीतराम, कंदारी जैसे कई गांव घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र हैं. जहां नक्सलियों को रोजमर्रा के सामानों को नाव के सहारे पार किया गया है. इस संबंध में नाविकों पुलिस ने पूछताछ की थी लेकिन मारपीट नहीं की गई है.