कांकेर: जिले के सबसे बड़े शासकीय भानु प्रताप देव पीजी कॉलेज में लाखों रुपए की लागत से कैंटीन भवन तैयार किया गया था. निर्माण के कुछ महीने बाद तक कैंटीन चला. जिसके बाद से कैंटीन में ताला लटक रहा है. लाखों रुपए खर्च किए जाने के बाद भी कॉलेज के छात्रों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. पीजी कॉलेज कांकेर परिसर में जन भागीदारी मंच से लाखों रुपए की राशि खर्च कर लगभग 3 वर्ष पहले कैंटीन भवन तैयार किया गया था.
छात्रों ने किया कैंटीन निर्माण का विरोध
निर्माण के समय भवन विभाग से चल रहा था. जनभागीदारी मद की राशि का उपयोग कर कैंटीन भवन निर्माण किए जाने का महाविद्यालय के छात्रों ने विरोध भी किया था. छात्रों के विरोध के बाद भी कैंटीन का निर्माण किया गया था. निर्माण के बाद कैंटीन संचालन के लिए कॉलेज प्रबंधन की ओर से अनुबंध कर एक व्यवसाई को कैंटीन दिया गया था. अगस्त 2018 में यहां कैंटीन शुरू हुआ. बताया जा रहा है कि जून 2019 तक ही संचालन हो सका जिसके बाद बंद कर दिया गया.
ऑफलाइन परीक्षा के विरोध में कॉलेज स्टूडेंट्स का प्रदर्शन
बाहर खाने को मजबूर छात्र
कोरोना संक्रमण के कारण करीब 1 साल कॉलेज बंद रहा. अब कॉलेज खुल चुके हैं. केवल शहर ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों से भी छात्र छात्राएं कॉलेज आ रहे हैं. लेकिन कैंटीन अबतक शुरू नहीं हुआ है. जिससे लाखों रुपए की राशि खर्च करने के बाद भी कॉलेज के विद्यार्थियों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है. कॉलेज के छात्र आदित्य मिश्रा ने कहा कि कैंटीन भवन निर्माण के समय यहां कई बातें कही गई थी. कॉलेज कैंटीन में खाद्य पदार्थ छात्रों को वाजिब दाम पर उपलब्ध कराए जाएंगे. लेकिन कॉलेज परिसर में बने कैंटीन के शुरू नहीं होने के कारण छात्र बाहर होटल और ठेलों पर जाने के लिए मजबूर हैं.
मनेंद्रगढ़ मेडिकल कॉलेज की चयनित भूमि का डीन ने किया निरीक्षण
कैंटीन शुरू किए जाने की मांग
छात्र नेता अजितेश दत्ता राय कहते हैं कि कॉलेज परिसर में जन भागीदारी मद की राशि से कैंटीन निर्माण किया गया था. इसे जल्द से जल्द प्रारंभ किया जाना चाहिए. जिससे छात्रों को सुविधा मिल सके.
कैंटीन स्व सहायता समूह को देने की तैयारी
कॉलेज प्रभारी प्राचार्य केआर ध्रुव ने बताया कि कैंटीन निर्माण के लिए 29 लाख रुपए अनुमानित लागत था. नियमों का पालन करते हुए कैंटीन के संचालन की जिम्मेदारी व्यवसाई को सौंपी गई थी. कुछ दिनों के बाद चुनाव कार्य के लिए कॉलेज भवन का अधिग्रहण कर लिया गया था. जिसके बाद कैंटीन बंद हो गया. कॉलेज शुरू होने के बाद समय-समय पर कैंटीन संचालित कर रहे व्यवसाई से पत्राचार किया गया था. लेकिन उनकी ओर से इस संबंध में कोई जवाब नहीं आया है. कुछ दिन पहले कैंटीन की चाबी भी कॉलेज प्रबंधन को लौटा दी गई थी. जिसके बाद कैंटीन संचालन की जिम्मेदारी स्व सहायता समूह को देने की तैयारी की जा रही है.