कांकेर: अन्तागढ़ को जिला बनाने की मांग दिन दिन प्रतिदिन गरमाता जा रहा है. अन्तागढ़ में 23 दिनों से जिला बनाने की मांग को लेकर जहां लोग धरने में डटे है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र आमाबेड़ा के लोग (people of amabeda) भी 17 दिन से अन्तागढ़ को जिला बनाने में डटे हुए है. इन सब की एक ही मांग है कि अन्तागढ़ को जिला बनाया जाए. इसके अलावा ईटीवी भारत ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र आमाबेड़ा में धरने में बैठे लोगों से बात किया.
धरना पर बैठे लोगों का कहना है कि अंतागढ़ को जिला का दर्जा देकर आमाबेड़ा को ब्लाक बनाया जाए, जिससे आमाबेड़ा के आदिवासी बीहड़ क्षेत्र का बेहतर विकास होगा और शासन की जो भी योजनाए हैं. वो आसानी से अंतिम गांवों तक पहुंचेगा. इस कारण से आज अंतागढ़ को जिला बनाने की जरूरत है. आज आमाबेड़ा क्षेत्र कांकेर जिला में सिर्फ उपेक्षा का शिकार ही हो रहा है.
आजादी के इतने बरस बाद भी अच्छी सड़क, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं सहित और अच्छी शिक्षा की बुनियाद आज भी गांवों तक नहीं पहुंचा है. इस कारण अंतागढ़ को जिला सहित आमाबेड़ा को ब्लाक बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही है. आमाबेड़ा क्षेत्र की जनता ने कहा कि अब अपनी हकों की लड़ाई आरपार की होगी. शासन-प्रशासन समय रहते हमारी मांगों को पूरा करे नहीं तो इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
अंतागढ़ को जिला की दर्जा देने की मांग को लेकर भी अंतागढ़ क्षेत्रवासी लगातार अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे है. जिसका समर्थन गांव-गांव के लोगों की तरफ से मिल रहा है. हर पंचायत के लोगों के द्वारा सैकड़ों की संख्या में धरना स्थल में पहुंचकर जिले की मांग की जा रही है. जिला एवं ब्लॉक की मांगों को लेकर 90 गांवों के लोग रोजाना धरना में शामिल हो रहे हैं.
वर्तमान में अंतागढ़, भानुप्रतापपुर, पखांजुर क्षेत्र के लोग अपने-अपने क्षेत्र को जिला बनाने को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. लंबे समय से आंदोलन करने के बाद भी शासन-प्रशासन द्वारा कोई ध्यान नहीं दिए जाने से अब ग्रामीण जिला मुख्यालय में प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं. यही नहीं राजधानी तक पैदल मार्च निकालने की भी बात ग्रामीण कह रहे है.