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कांकेर: शासकीयकरण, पदोन्नति और क्रमोन्नति को लेकर पंचायत सचिवों का धरना प्रदर्शन

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Published : Dec 22, 2020, 4:05 AM IST

पंचायत सचिव संघ ने 2 साल परीवीक्षा अवधि के बाद शासकीयकरण, पदोन्नति और क्रमोन्नति को लेकर कांकेर जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन किया.

Panchayat secretaries demonstrated in Kanker
पंचायत सचिवों का प्रदर्शन

कांकेर: छत्तीसगढ़ प्रदेश पंचायत सचिव संघ के प्रांतीय आह्वान पर पंचायत सचिव संघ ने 2 साल परीवीक्षा अवधि के बाद शासकीयकरण, पदोन्नति और क्रमोन्नति को लेकर कांकेर जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन किया.

पंचायत सचिवों का प्रदर्शन

छत्तीसगढ़ प्रदेश पंचायत सचिव के अध्यक्ष शंभू साहू ने बताया कि संघ की मांग पूरी नहीं होने पर सभी पंचायत सचिव 26 दिसंबर से जनपद मुख्यालय में काम बंद, कलम बंद हड़ताल करते हुए ग्राम पंचायत के सभी कार्यों का बहिष्कार करेंगे.

पढ़ें: शासकीयकरण की मांग को लेकर पंचायत सचिवों का प्रदर्शन, पंचायत मंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

बीमे की मांग

जिलाध्यक्ष शंभू साहू ने बताया कि पंचायत सचिव 29 विभाग के 200 प्रकार के कार्यों का जमीनी स्तर पर ईमानदारी से निर्वहन करते हुए, राज्य और केंद्र शासन की सभी सेवाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का काम करते हैं. वर्तमान में वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण के रोकथाम में भी, रात दिन ड्यूटी करते हुए 25 सचिव कोरोना से संक्रमित हो गए, जिनका निधन हो गया. बीमा योजना की सुविधा नहीं होने के कारण मृतक सचिवों के परिवार की आर्थिक और सामाजिक स्थिति खराब हो रही है.

पढ़ें: छत्तीसगढ़ पंचायत सचिव संघ का धरना प्रदर्शन, अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी

पंचायत सचिव शासकीयकरण से वंचित

पंचायत सचिव के साथ नियुक्त कर्मचारी जैसे शिक्षाकर्मी का शासन की ओर से शासकीयकरण कर दिया गया है, केवल पंचायत सचिव शासकीयकरण से वंचित हैं. पंचायत सचिवों की नियुक्ति 1995 में 500 रुपए के मानदेय से हुई थी. वर्तमान में पंचायत सचिवों को अनुग्रह राशि केवल 25 हजार रुपया ही दिया जाता है. जबकि अन्य विभाग के कर्मचारियों को अनुग्रह राशि 50 हजार रुपय है.

कांकेर: छत्तीसगढ़ प्रदेश पंचायत सचिव संघ के प्रांतीय आह्वान पर पंचायत सचिव संघ ने 2 साल परीवीक्षा अवधि के बाद शासकीयकरण, पदोन्नति और क्रमोन्नति को लेकर कांकेर जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन किया.

पंचायत सचिवों का प्रदर्शन

छत्तीसगढ़ प्रदेश पंचायत सचिव के अध्यक्ष शंभू साहू ने बताया कि संघ की मांग पूरी नहीं होने पर सभी पंचायत सचिव 26 दिसंबर से जनपद मुख्यालय में काम बंद, कलम बंद हड़ताल करते हुए ग्राम पंचायत के सभी कार्यों का बहिष्कार करेंगे.

पढ़ें: शासकीयकरण की मांग को लेकर पंचायत सचिवों का प्रदर्शन, पंचायत मंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

बीमे की मांग

जिलाध्यक्ष शंभू साहू ने बताया कि पंचायत सचिव 29 विभाग के 200 प्रकार के कार्यों का जमीनी स्तर पर ईमानदारी से निर्वहन करते हुए, राज्य और केंद्र शासन की सभी सेवाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का काम करते हैं. वर्तमान में वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण के रोकथाम में भी, रात दिन ड्यूटी करते हुए 25 सचिव कोरोना से संक्रमित हो गए, जिनका निधन हो गया. बीमा योजना की सुविधा नहीं होने के कारण मृतक सचिवों के परिवार की आर्थिक और सामाजिक स्थिति खराब हो रही है.

पढ़ें: छत्तीसगढ़ पंचायत सचिव संघ का धरना प्रदर्शन, अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी

पंचायत सचिव शासकीयकरण से वंचित

पंचायत सचिव के साथ नियुक्त कर्मचारी जैसे शिक्षाकर्मी का शासन की ओर से शासकीयकरण कर दिया गया है, केवल पंचायत सचिव शासकीयकरण से वंचित हैं. पंचायत सचिवों की नियुक्ति 1995 में 500 रुपए के मानदेय से हुई थी. वर्तमान में पंचायत सचिवों को अनुग्रह राशि केवल 25 हजार रुपया ही दिया जाता है. जबकि अन्य विभाग के कर्मचारियों को अनुग्रह राशि 50 हजार रुपय है.

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