कांकेर: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज कांकेर में बड़ी जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान राजनाथ सिंह सबसे पहले पद्मश्री अजय मंडावी के घर पहुंचे और उनसे मुलाकात की. अजय मंडावी ने रक्षामंत्री को लकड़ी पर काष्ट कला से महामृत्युंजय मंत्र बनाकर भेंट किया. इसके बाद राजनाथ सिंह ने अजय मंडावी को सम्मानित किया.
जनसभा में अजय मंडावी का किया जिक्र: राजनाथ सिंह ने कांकेर में जनसभा को संबोधित करते हुए अजय मंडावी का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि मंडावी के कार्य कौशल पर राज्य सरकार की नजर नहीं पड़ी. पीएम मोदी के कार्यकाल ने अजय मंडावी को पद्मश्री से सम्मानित किया. इसके साथ ही राजनाथ सिंह ने जनसभा के दौरान मोदी के 9 साल के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाईं.
"रक्षा मंत्री से मैंने बस्तर में सीज फायर का निवेदन किया है. आज बस्तर दोंनो तरफ की हिंसा से जल रहा है. यह हिंसा बन्द होनी चाहिए. मैंने सिर्फ बस्तर में जारी हिंसा को लेकर सीज फायर युद्ध विराम को लेकर रक्षा मंत्री से निवेदन किया है. ताकि बस्तर में शांति आ सके. :अजय मंडावी, कलाकार, बस्तर
"केंद्र में जब कांग्रेस की सरकार थी. तब यहां के आदिवासियों का सम्मान नहीं किया गया. लेकिन केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद आदिवासियों के लिए अलग से मंत्रालय बनाया गया.आदिवासियों के उत्कृष्ट कार्यों को देखते हुए सम्मान भी दिया जा रहा है. कांकेर के अजय मंडावी ने भी जेल में बंद सरेंडर नक्सलियों और विचाराधीन बंदियों को काष्ठ कला का प्रशिक्षण देकर उनकी जिंदगी में बदलाव किया है. यही वजह है कि उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें नागरिक अलंकरण समारोह में पद्मश्री से सम्मानित किया गया, जो बस्तर के आदिवासियों के लिए गर्व का विषय है." - राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री
जानिए कौन हैं अजय मंडावी: कांकेर के काष्ठ शिल्प कलाकार अजय मंडावी को उनकी कला के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया है. अजय मंडावी को उनकी जिस कला के लिए पुरस्कार मिला है, उसमें वंदेमातरम शामिल है. उन्होंने 40 फीट ऊंची और 22 फीट चौड़ी काष्ठ पट्टिका पर वंदेमातरम की कृति तैयार की थी. गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी उनकी ये कृति दर्ज हो चुकी है. अजय मंडावी के मार्गदर्शन में कांकेर के जिला जेल के 9 कैदियों ने मेहनत कर 20 फीट चौड़ी और 40 फीट लंबी लकड़ी की तख्ती पर राष्ट्रीय गीत को काष्ठशिल्प के रूप में उकेरा था. मंडावी ने अपनी इस कला को राष्ट्र के नाम समर्पित कर दिया था.
कैदियों का जीवन सुधारने में अहम योगदान: पद्मश्री अजय मंडावी कांकेर जेल में बंद कैदियों को पिछले 14 साल से काष्ठ कला सीखा रहे हैं. इनमें कई नक्सली भी शामिल है. अपने आर्ट्स के जरिए अजय मंडावी कैदियों को कला का प्रशिक्षण दे रहे हैं. ताकि वे समाज में एक बेहतर जीवन जी सके. उनकी इस सेवा के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने साल 2006 में उन्हें स्टेट अवॉर्ड से भी सम्मानित किया था.