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11 अगस्त को अंतागढ़ को मिलेगी रेल की सौगात, लेकिन किसानों को आज भी है मुआवजे की आस

रेलवे और भिलाई स्टील प्लांट पर अंतागढ़ के किसानों ने आरोप लगाया है. उनका कहना कि उनसे जमीन देने के बदले नौकरी और मुआवजा देने का वादा किया गया था, लेकिन 2008 के बाद से अब तक उन्हें दोनों में से कुछ भी नहीं मिला.

ANTAGARH FARMAR
अंतागढ़ किसान
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Published : Aug 9, 2020, 10:38 AM IST

Updated : Aug 9, 2020, 2:17 PM IST

कांकेर: किसानों ने विधायक अनूप नाग से मुलाकात की. उन्होंने रेलवे और भिलाई स्टील प्लांट पर जमीन अधिग्रहण का आरोप लगाया है. किसानों का कहना है कि 2008 में रेलवे और भिलाई स्टील प्लांट ने झूठे वादे कर उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया. आज हालात यह हैं कि न उनके पास जमीन है और न ही नौकरी. इसके आलावा उन्हें जमीन के मुआवजे की राशि तक नहीं दी गई. इस कारण किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.

मुआवजा नहीं मिलने से किसान परेशान

किसानों ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि रावघाट से लेकर कच्चे तक एरिया की जमीन रेलवे को रेल लाइन बिछाने के लिए दी गई. जमीन के बदले अच्छी नौकरी और मुआवजे की बात भी कही गई थी. इन वादों के झांसे में आकर किसानों ने अपनी जमीन रेलवे और भिलाई स्टील प्लांट को दी. लेकिन अब तक किसानों को सिर्फ नुकसान ही हुआ. जमीन भी चली गई और नौकरी भी नहीं मिली. वादाखिलाफी से नाराज 489 प्रभावित किसानों ने अपनी हक की लड़ाई सन 2017 में शुरू की. किसानों ने 38 दिनों तक रेल की पटरियों पर आंदोलन किया.

पढ़ें : थोड़ी देर में लोकवाणी की 9वीं कड़ी का प्रसारण, 'न्याय योजनाएं, नयी दिशाएं' विषय पर होगी चर्चा

भाजपा के शासनकाल में विधायक और सांसद का आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने यह आंदोलन बंद कर दिया. लेकिन आज भी किसानों के हाथ खाली हैं. 11 आगस्त को रेल के साथ बोगियों का ट्रायल है और अन्तागढ़ क्षेत्रवासियों को रेल सुविधा मिलने का बेसब्री से इंतजार है. वहीं रेल को अन्तागढ़ आने से रोकने के लिए प्रभावित किसानों ने आंदोलन करने की रणनीति तैयार कर ली है. किसानों का कहना है कि जब तक मांग पूरी नहीं होती तब तक अन्तागढ़ में रेल नहीं आने देंगे. प्रभावित किसानों ने विधायक अनुप नाग से मदद की गुहार लगाई. जिस पर विधायक अनुप नाग ने प्रभावित किसानों को न्याय दिलाने का बात कही है. साथ ही उचित मुआवजा दिलाने की बात कही है.

कांकेर: किसानों ने विधायक अनूप नाग से मुलाकात की. उन्होंने रेलवे और भिलाई स्टील प्लांट पर जमीन अधिग्रहण का आरोप लगाया है. किसानों का कहना है कि 2008 में रेलवे और भिलाई स्टील प्लांट ने झूठे वादे कर उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया. आज हालात यह हैं कि न उनके पास जमीन है और न ही नौकरी. इसके आलावा उन्हें जमीन के मुआवजे की राशि तक नहीं दी गई. इस कारण किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.

मुआवजा नहीं मिलने से किसान परेशान

किसानों ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि रावघाट से लेकर कच्चे तक एरिया की जमीन रेलवे को रेल लाइन बिछाने के लिए दी गई. जमीन के बदले अच्छी नौकरी और मुआवजे की बात भी कही गई थी. इन वादों के झांसे में आकर किसानों ने अपनी जमीन रेलवे और भिलाई स्टील प्लांट को दी. लेकिन अब तक किसानों को सिर्फ नुकसान ही हुआ. जमीन भी चली गई और नौकरी भी नहीं मिली. वादाखिलाफी से नाराज 489 प्रभावित किसानों ने अपनी हक की लड़ाई सन 2017 में शुरू की. किसानों ने 38 दिनों तक रेल की पटरियों पर आंदोलन किया.

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भाजपा के शासनकाल में विधायक और सांसद का आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने यह आंदोलन बंद कर दिया. लेकिन आज भी किसानों के हाथ खाली हैं. 11 आगस्त को रेल के साथ बोगियों का ट्रायल है और अन्तागढ़ क्षेत्रवासियों को रेल सुविधा मिलने का बेसब्री से इंतजार है. वहीं रेल को अन्तागढ़ आने से रोकने के लिए प्रभावित किसानों ने आंदोलन करने की रणनीति तैयार कर ली है. किसानों का कहना है कि जब तक मांग पूरी नहीं होती तब तक अन्तागढ़ में रेल नहीं आने देंगे. प्रभावित किसानों ने विधायक अनुप नाग से मदद की गुहार लगाई. जिस पर विधायक अनुप नाग ने प्रभावित किसानों को न्याय दिलाने का बात कही है. साथ ही उचित मुआवजा दिलाने की बात कही है.

Last Updated : Aug 9, 2020, 2:17 PM IST
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