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जानिए, कौन हैं छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए उपाध्यक्ष - कांकेर की खबर

भानुप्रतापपुर से कांग्रेस विधायक मनोज मंडवी सोमवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष चुने जाएंगे. सीएम भूपेश बघेल ने मनोज मंडावी के निर्विरोध विधानसभा उपाध्यक्ष चुने जाने की घोषणा की है.

मनोज मंडवी
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Published : Dec 2, 2019, 9:19 AM IST

Updated : Dec 2, 2019, 9:27 AM IST

कांकेर: भानुप्रतापपुर से कांग्रेस विधायक रहे मनोज मंडवी को सोमवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष चुने जाने का औपचारिक ऐलान कर दिया जाएगा. इससे पहले सीएम भूपेश बघेल ने मनोज मंडावी के निर्विरोध विधानसभा उपाध्यक्ष चुने जाने की घोषणा की है.

कौन हैं मनोज मंडावी

  • छात्र जीवन से राजनीति में सक्रिय मनोज मंडावी कद्दावर आदिवासी नेता के तौर पर जाने जाते हैं.
  • मंडावी तीसरी बार भानुप्रतापपुर से विधायक चुने गए हैं.
  • मंडावी विभाजन के समय भी विधायक थे और विभाजन के बाद अजीत जोगी की सरकार में कैबिनेट मंत्री बने थे.
  • 2003 में उन्हें भाजपा के देवलाल दुग्गा ने चुनाव में हराया था.
  • 2008 में कांग्रेस ने उनका टिकट काट दिया था, जिसके बाद मनोज मंडावी निर्दलीय मैदान में उतरे थे.
  • 2013 में कांग्रेस ने फिर से मनोज मंडावी को टिकट दिया और मनोज मंडावी ने भानूप्रतापपुर से जीत दर्ज की थी.
  • 2018 में मंडावी ने फिर से इसी सीट पर जीत दर्ज की.
  • मंडावी भूपेश बघेल कैबिनेट में मंत्री पद के भी बड़े दावेदार थे, लेकिन नए समीकरणों के तहत वे मंत्री बनने से वंचित रह गए थे.

अब मनोज मंडावी को विधानसभा का उपाध्यक्ष बनाया गया है. मनोज मंडावी कांग्रेस के एसटी सेल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं.

कांकेर: भानुप्रतापपुर से कांग्रेस विधायक रहे मनोज मंडवी को सोमवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष चुने जाने का औपचारिक ऐलान कर दिया जाएगा. इससे पहले सीएम भूपेश बघेल ने मनोज मंडावी के निर्विरोध विधानसभा उपाध्यक्ष चुने जाने की घोषणा की है.

कौन हैं मनोज मंडावी

  • छात्र जीवन से राजनीति में सक्रिय मनोज मंडावी कद्दावर आदिवासी नेता के तौर पर जाने जाते हैं.
  • मंडावी तीसरी बार भानुप्रतापपुर से विधायक चुने गए हैं.
  • मंडावी विभाजन के समय भी विधायक थे और विभाजन के बाद अजीत जोगी की सरकार में कैबिनेट मंत्री बने थे.
  • 2003 में उन्हें भाजपा के देवलाल दुग्गा ने चुनाव में हराया था.
  • 2008 में कांग्रेस ने उनका टिकट काट दिया था, जिसके बाद मनोज मंडावी निर्दलीय मैदान में उतरे थे.
  • 2013 में कांग्रेस ने फिर से मनोज मंडावी को टिकट दिया और मनोज मंडावी ने भानूप्रतापपुर से जीत दर्ज की थी.
  • 2018 में मंडावी ने फिर से इसी सीट पर जीत दर्ज की.
  • मंडावी भूपेश बघेल कैबिनेट में मंत्री पद के भी बड़े दावेदार थे, लेकिन नए समीकरणों के तहत वे मंत्री बनने से वंचित रह गए थे.

अब मनोज मंडावी को विधानसभा का उपाध्यक्ष बनाया गया है. मनोज मंडावी कांग्रेस के एसटी सेल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं.

Intro:कांकेर -छात्र जीवन से राजनीति में सक्रिय मनोज मंडावी कद्दावर आदिवासी नेताओ में गिने जाते है, जो कि तीसरी बार भानुप्रतापपुर से विधायक चुने गए है, इसके पहले वो मध्यप्रदेश विभाजन के दौरान विधायक थे और विभाजन के बाद अजीत जोगी की सरकार में कैबिनेट मंत्री बने थे , Body:इसके बाद 2003 में उन्हें भाजपा के देवलाल दुग्गा ने चुनाव हरा दिया था , 2008 में कांग्रेस ने उनका टिकट काट दिया था ,जिसके बाद मनोज मंडावी निर्दलीय मैदान में उतरे थे , मनोज चुनाव तो नही जीत पाए लेकिन इसका नुकसान कांगेस को हुआ था और भाजपा ने यह सीट जीत ली थी, 2013 में कांग्रेस ने फिर से मनोज मंडावी को टिकट दिया और मनोज मंडावी ने यहां से जीत दर्ज की थी, इसके बाद मनोज मंडावी ने 2018 में भी इस सीट से जीत दर्ज की है, 2018 में प्रदेश मे कांग्रेस की सरकार बनने पर मनोज मंडावी के ऊंचे कद को देखते हुए उन्हें मन्त्रिमण्डल में जगह मिलना तय माना जा रहा था लेकिन उन्हें कैबीनेट में जगह नही मिली, उसके बाद बस्तर विकास प्राधिरकन के अध्यक्ष बनाये जाने की चर्चा गर्म हुई लेकिन यहां भी मनोज का नाम गायब था , लेकिन मनोज मंडावी ने इसका कोई विरोध नही किया , अब मनोज मंडावी को विधानसभा का उपाध्यक्ष बनाया गया है ।Conclusion:मनोज मंडावी कांग्रेस के एसटी सेल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रह चुके है ।
Last Updated : Dec 2, 2019, 9:27 AM IST
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