कांकेर: भानुप्रतापपुर से कांग्रेस विधायक रहे मनोज मंडवी को सोमवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष चुने जाने का औपचारिक ऐलान कर दिया जाएगा. इससे पहले सीएम भूपेश बघेल ने मनोज मंडावी के निर्विरोध विधानसभा उपाध्यक्ष चुने जाने की घोषणा की है.
कौन हैं मनोज मंडावी
- छात्र जीवन से राजनीति में सक्रिय मनोज मंडावी कद्दावर आदिवासी नेता के तौर पर जाने जाते हैं.
- मंडावी तीसरी बार भानुप्रतापपुर से विधायक चुने गए हैं.
- मंडावी विभाजन के समय भी विधायक थे और विभाजन के बाद अजीत जोगी की सरकार में कैबिनेट मंत्री बने थे.
- 2003 में उन्हें भाजपा के देवलाल दुग्गा ने चुनाव में हराया था.
- 2008 में कांग्रेस ने उनका टिकट काट दिया था, जिसके बाद मनोज मंडावी निर्दलीय मैदान में उतरे थे.
- 2013 में कांग्रेस ने फिर से मनोज मंडावी को टिकट दिया और मनोज मंडावी ने भानूप्रतापपुर से जीत दर्ज की थी.
- 2018 में मंडावी ने फिर से इसी सीट पर जीत दर्ज की.
- मंडावी भूपेश बघेल कैबिनेट में मंत्री पद के भी बड़े दावेदार थे, लेकिन नए समीकरणों के तहत वे मंत्री बनने से वंचित रह गए थे.
अब मनोज मंडावी को विधानसभा का उपाध्यक्ष बनाया गया है. मनोज मंडावी कांग्रेस के एसटी सेल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं.