कांकेर: नक्सलियों ने 26 अप्रैल को भारत बंद का आव्हान किया था. इस दौरान नक्सलियों ने दंडकारण्य क्षेत्र में जमकर उत्पात मचाया है. जिला मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पीढ़ापाल गांव में 8 साल पुराने मोबाइल टावर में नक्सलियों ने आग लगा दी. नक्सलियों ने टावर के सारे नट बोल्ट निकाल दिए हैं, लेकिन टावर को गिराने में नक्सली विफल रहे.
ग्रामीणों ने बताया कि बीती रात 2 बजे लगभग 60 से 70 की संख्या में वर्दीधारी नक्सली टावर के पास पहुंचे. पैरा डालकर नक्सलियों ने टावर में आग लगा दी. आग लगाने के बाद टावर का मशीनरी समान ब्लास्ट होने लगा. टावर पूरी तरह से छतिग्रस्त हो गया है. क्षेत्र में जीयो और आइडिया का नेटवर्क काम नहीं कर रहा है. एक ही टावर में जियो और आइडिया का नेटवर्क संचालित हो रहा था. नक्सलियों ने करीब 12 सालों बाद पीढ़ापाल गांव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और नक्सली वारदात को अंजाम दिया है.
सुकमा में नक्सलियों ने 7 वाहनों को किया आग के हवाले
पेड़ गिराकर कई रास्तों को किया बाधित
एसडीओपी तस्लीम आरिफ के साथ पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची. घटनास्थल का मुआयना किया जा रहा था. एसडीओपी तस्लीम आरिफ ने बताया कि गांव वालों ने सूचना दी थी कि किसी ने टावर में आग लगाकर टावर गिराने की कोशिश की है. आमाबेड़ा कांकेर मुख्यालय को जोड़ने वाली सड़क पर भी नक्सलियों ने पेड़ों को गिराकर रास्ता बाधित कर दिया है.
आमाबेड़ा थाना क्षेत्र में नक्सली ने फेंके बैनर-पोस्टर
जानकरी के अनुसार बड़गांव थाना क्षेत्र के चिखली के पास आमाबेड़ा थाना क्षेत्र के उसेली और मुरनार गांव के पास भी नक्सलियों ने बड़ी संख्या में बैनर पोस्टर फेंके हैं. इसके अलावा छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र के सीमावर्ती गढ़चिरौली जिले के पर्मिली और मेदपल्ली इलाके में नक्सलियों ने सात वाहनों को आग के हवाले कर दिया. बैनर फेंक कर 26 अप्रेल को भारत बंद का आव्हान किया है.
कांकेर के कामतेड़ा कैंप पर नक्सलियों ने किया हमला, ग्रेनेड नहीं फटने से साजिश नाकाम
भारत बंद के लिए नक्सलियों ने की थी पूरी तैयारी
एक दिन पहले ही रात में भी नक्सलियों ने कामटेढ़ा में स्थित बीएसएफ कैंप में हमला बोला था. ग्रेनेड दाग कर चेक पोस्ट उड़ाने की कोशिश की गई थी. लेकिन ग्रेनेड नहीं फटने से बड़ा हादसा टल गया था. जिस तरीके से नक्सलियों ने क्षेत्र में कई जगहों पर उत्पात मचाया है. इससे नक्सलियों की सक्रियता बड़ी हुई नजर आ रही है. ऐसा प्रतीत हो रहा है कि 26 अप्रेल को बंद को सफल बनाने के लिए नक्सलियों ने पूरी तैयारी कर रखी थी. हालांकि 26 अप्रैल को बंद की जानकारी मिलते ही सुरक्षाबलों ने भी तैनाती बढ़ा दी है और सर्चिंग अभियान तेज कर दिया गया है.