कांकेर : नक्सलियों के निशाने पर सुरक्षा बल के जवान हैं. नक्सली सड़कों पर बारूद का जाल बिछाकर जवानों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. कच्ची सड़कों के साथ पक्की सड़कों के नीचे भी बम लगा रखे हैं.दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर गांव के पास बारूदी सुरंग के धमाके में 10 जवान और एक चालक शहीद हुए थे.यह पहला मौका नहीं है. इससे पहले भी नक्सली सड़कों के नीचे डामरीकरण से पहले और सड़क में सुरंग बनाकर आईईडी से ब्लास्ट कर जवानों को नुकसान पहुंचाते रहे हैं. दो दशक में नक्सलियों ने जितने आईईडी से ब्लास्ट किए.उससे दोगुनी संख्या में आईईडी को पुलिस ने डिफ्यूज किया है.
2 साल में कितने आईईडी हुए डिफ्यूज :उत्तर बस्तर कांकेर जिले की बात करे तो पुलिस विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, तीन साल में आईईडी की चपेट में आने से 12 से अधिक जवान जख्मी हो गए हैं. एक ग्रामीण की जान गई है. सबसे अधिक आईईडी कोयलीबेड़ा और अंतागढ़ ब्लॉक के जंगल और सड़क किनारे से बरामद किया गया है. कहीं टिफिन बम तो कहीं पाइप बम जवानों ने बरामद किए हैं. पुलिस विभाग से मिली जानकारी के अनुसार तीन साल में सुरक्षा बलों ने 146 आईईडी बरामद किया है. 2020 में सबसे अधिक 88 नग आईईडी बरामद किया गया था. वर्ष 2021 में यह संख्या घटकर 30 पहुंच गई. वर्ष 2022 में सिर्फ 9 आईईडी बरामद कर जवानों ने नष्ट कर दिया.
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अब तक हुए बारूदी विस्फोट : नक्सलियों ने बस्तर समेत नक्सल प्रभावित 19 जिलों में 2001 से अब तक यानी 22 वर्षों में 1094 बारुदी सुरंगों के धमाके किए हैं. वहीं फोर्स ने भी विस्फोट से पहले सड़कों और संवेदनशील जगह जमीन के नीचे से 3637 बारुदी सुरंगें निकालकर नष्ट किया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक नक्सलियों ने साल 2014 में 41 बारूदी विस्फोट, साल 2015 में 77 बारूदी विस्फोट, साल 2016 में 72 बारूदी विस्फोट, साल 2017 में 61 बारूदी विस्फोट, साल 2018 में 69 बारूदी विस्फोट, साल 2019 में 38 बारूदी विस्फोट, साल 2020 में 49 बारूदी विस्फोट, साल 2021 में 24 बारूदी विस्फोट, साल 2022 में 27 बारूदी विस्फोट और साल 2023 में अब तक 41 बारूदी विस्फोट से धमाके किए हैं.
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अब तक कितने जवान हुए शहीद : नक्सली हमलों में अब तक जिला पुलिस, सीएएफ, एसटीएफ, एसपीओ, नगर सैनिक, सीआरपीएफ, बीएसएफ सहित अन्य फोर्स के 1369 जवान शहीद हुए हैं .सबसे ज्यादा शहादत 2007 में हुई थी.उस समय 200 जवान शहीद हुए थे.