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आत्मसमर्पित नक्सली ने खोले 'लाल आतंक' के ऐसे राज, जो शायद ही आपने पहले कहीं सुने होंगे

गढ़चिरौली पुलिस को नक्सल मामले में बड़ी सफलता हाथ लगी है, जिसमें 20 साल से नक्सल संगठन में सक्रिय नक्सली लीडर विलास उर्फ दासारू कोल्हा एके-47 हथियार के साथ आत्मसमर्पण किया है.

Naxalite leader surrenders with AK-47 in kanker
नक्सली लीडर ने AK-47 के साथ किया सरेंडर
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Published : Feb 28, 2020, 8:22 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 11:20 PM IST

कांकेर: छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे महाराष्ट्र के गढ़चिरौली पुलिस को नक्सल मामले में बड़ी सफलता हाथ लगी है. 20 साल से नक्सल संगठन में सक्रिय नक्सली लीडर विलास उर्फ दासारू कोल्हा ने पुलिस सामने एके-47 के साथ आत्मसमर्पण किया है, जिससे ETV भारत की टीम ने खास बातचीत की.

नक्सली लीडर ने AK-47 के साथ किया सरेंडर

सवाल-1 आपने नक्सली संगठन छोड़कर पुलिस के सामने क्यों आत्मसमर्पण किया है ?

जवाब: मेरा आत्मसमर्पण करने का कारण है कि जनता से हमको उतनी मदद नहीं मिल रही है. जनता अब हमारे अदालत में नहीं आ रही है. साथ ही आदिवासी लोग अब भर्ती भी नहीं हो रहे हैं, जिससे नक्सल संगठन कमजोर हो गया है. इलाके में पुलिस पेट्रोलिंग भी हमेशा बनीं रहती है. वहीं नक्सली लीडर ने कहा कि 'सरकार भी आत्मसपर्ण के लिए प्रेरित करती है, जिससे मैं आत्मसमर्पण किया हूं.

सवाल-2 नक्सली संगठन में क्यों गए थे ?

जवाब: नक्सली लीडर ने कहा कि 'वह जल जंगल जमीन की लड़ाई के लिए नक्सली संगठन में शामिल हुआ था.

सवाल-3 नक्सली संगठन में पैसा कैसे पहुंचता है ? नक्सलियों का आर्थिक स्त्रोत क्या है ?

जवाब: नक्सली लीडर ने जवाब देते हुए कहा कि 'उन्हें ठेकेदारों से, सड़क पर चलने वाली बस, तेंदूपत्ता से मिलता है, जो तकरीबन 1 करोड़ रुपए तक की उगाही हो जाता है. जिसमें से कुछ रकम उनसे ऊपर बैठे लोग ले जाते हैं, बाकि का जो बचता है उसे संगठन वाले खर्च करते हैं'.

सवाल-4 नक्सलियों को कौन देता है ? किसकी जवाबदारी होती है, कैसे खर्च होता है ?

जवाब: नक्सली लीडर ने बताया कि 'ये जवाबदारी डीसी और कमांडर को रहता है. वही खर्च करने को बताता है. एक बार जो पैसा दे दिया जाता है, उसे सालभर संभालना पड़ता है'.

सवाल-5 कौन-कौन सी बड़ी घटना में शामिल थे ?

जवाब: नक्सली लीडर ने कहा कि 'सहभागिता तो नहीं रही, लेकिन प्लानिंग मेरा था, जिसमें से जबड़ूपारा में जो हमला हुआ था, उसमें मेरी प्लानिंग थी, जिसमें से 40 लोग मारे गए थे. ब्लास्ट के बाद से जनता के बीच विश्वास खत्म हो गया था, जिससे जनता ने जनताना अदालत में आना बंद कर दिया.

सवाल-6 नक्सली संगठन में शादी की मनाही है क्या और क्या नसबंदी कर दी जाती है ?

जवाब: नक्सली संगठन में शादी की मनाही तो है, लेकिन नसबंदी जबरदस्ती नहीं की जाती है.

सवाल-7 आत्मसमर्पण कर चुके हैं आप, अपने साथियों को क्या संदेश देना चाहते हैं ?

जवाब: नक्सली लीडर ने कहा कि 'जिन लोगों को संगठन में शामिल किया गया, उनमें से जिनकी भी हत्याएं हुई, उसके लिए मैं माफी मांगता हूं. साथ ही जो मेरे सहभागी नक्सल संगठन में शामिल हैं, वो भी आत्मसमर्पण कर दें'.

विलास गढ़चिरौली के अलावा छत्तीसगढ़ में भी सक्रिय रहा है, इस पर महाराष्ट्र पुलिस में साढ़े 8 लाख का इनाम घोषित था, विलास पर छतीसगढ़ पुलिस ने भी इनाम घोषित कर रखा था. गढ़चिरौली पुलिस के सामने पहली बार किसी नक्सली ने इतने बड़े हथियार के साथ आत्मसमर्पण किया है. सरेंडर करने वाला नक्सली विलास पिछले 20 सालों से नक्सल सगठन में सक्रिय था, विलास के ऊपर कुल 147 नक्सल मामले दर्ज हैं. वहीं वह 57 से अधिक मुठभेड़ में भी शामिल नक्सलियों का साथ देने का आरोप है.

नक्सली घबराकर कर रहे सरेंडर

गढ़चिरौली के एसपी शैलेश बलकवड़े ने कहा कि 'हाल ही में पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ जो अभियान चलाया हुआ है, उसमें फोर्स अंदर जंगलों तक घुस रही है. दो सप्ताह गढ़चिरौली की पुलिस अबूझमाड़ तक घुस गई थी, इससे नक्सली घबराए हुए हैं, और इसी डर में विलास ने भी आत्मसमर्पण कर दिया है.

कांकेर: छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे महाराष्ट्र के गढ़चिरौली पुलिस को नक्सल मामले में बड़ी सफलता हाथ लगी है. 20 साल से नक्सल संगठन में सक्रिय नक्सली लीडर विलास उर्फ दासारू कोल्हा ने पुलिस सामने एके-47 के साथ आत्मसमर्पण किया है, जिससे ETV भारत की टीम ने खास बातचीत की.

नक्सली लीडर ने AK-47 के साथ किया सरेंडर

सवाल-1 आपने नक्सली संगठन छोड़कर पुलिस के सामने क्यों आत्मसमर्पण किया है ?

जवाब: मेरा आत्मसमर्पण करने का कारण है कि जनता से हमको उतनी मदद नहीं मिल रही है. जनता अब हमारे अदालत में नहीं आ रही है. साथ ही आदिवासी लोग अब भर्ती भी नहीं हो रहे हैं, जिससे नक्सल संगठन कमजोर हो गया है. इलाके में पुलिस पेट्रोलिंग भी हमेशा बनीं रहती है. वहीं नक्सली लीडर ने कहा कि 'सरकार भी आत्मसपर्ण के लिए प्रेरित करती है, जिससे मैं आत्मसमर्पण किया हूं.

सवाल-2 नक्सली संगठन में क्यों गए थे ?

जवाब: नक्सली लीडर ने कहा कि 'वह जल जंगल जमीन की लड़ाई के लिए नक्सली संगठन में शामिल हुआ था.

सवाल-3 नक्सली संगठन में पैसा कैसे पहुंचता है ? नक्सलियों का आर्थिक स्त्रोत क्या है ?

जवाब: नक्सली लीडर ने जवाब देते हुए कहा कि 'उन्हें ठेकेदारों से, सड़क पर चलने वाली बस, तेंदूपत्ता से मिलता है, जो तकरीबन 1 करोड़ रुपए तक की उगाही हो जाता है. जिसमें से कुछ रकम उनसे ऊपर बैठे लोग ले जाते हैं, बाकि का जो बचता है उसे संगठन वाले खर्च करते हैं'.

सवाल-4 नक्सलियों को कौन देता है ? किसकी जवाबदारी होती है, कैसे खर्च होता है ?

जवाब: नक्सली लीडर ने बताया कि 'ये जवाबदारी डीसी और कमांडर को रहता है. वही खर्च करने को बताता है. एक बार जो पैसा दे दिया जाता है, उसे सालभर संभालना पड़ता है'.

सवाल-5 कौन-कौन सी बड़ी घटना में शामिल थे ?

जवाब: नक्सली लीडर ने कहा कि 'सहभागिता तो नहीं रही, लेकिन प्लानिंग मेरा था, जिसमें से जबड़ूपारा में जो हमला हुआ था, उसमें मेरी प्लानिंग थी, जिसमें से 40 लोग मारे गए थे. ब्लास्ट के बाद से जनता के बीच विश्वास खत्म हो गया था, जिससे जनता ने जनताना अदालत में आना बंद कर दिया.

सवाल-6 नक्सली संगठन में शादी की मनाही है क्या और क्या नसबंदी कर दी जाती है ?

जवाब: नक्सली संगठन में शादी की मनाही तो है, लेकिन नसबंदी जबरदस्ती नहीं की जाती है.

सवाल-7 आत्मसमर्पण कर चुके हैं आप, अपने साथियों को क्या संदेश देना चाहते हैं ?

जवाब: नक्सली लीडर ने कहा कि 'जिन लोगों को संगठन में शामिल किया गया, उनमें से जिनकी भी हत्याएं हुई, उसके लिए मैं माफी मांगता हूं. साथ ही जो मेरे सहभागी नक्सल संगठन में शामिल हैं, वो भी आत्मसमर्पण कर दें'.

विलास गढ़चिरौली के अलावा छत्तीसगढ़ में भी सक्रिय रहा है, इस पर महाराष्ट्र पुलिस में साढ़े 8 लाख का इनाम घोषित था, विलास पर छतीसगढ़ पुलिस ने भी इनाम घोषित कर रखा था. गढ़चिरौली पुलिस के सामने पहली बार किसी नक्सली ने इतने बड़े हथियार के साथ आत्मसमर्पण किया है. सरेंडर करने वाला नक्सली विलास पिछले 20 सालों से नक्सल सगठन में सक्रिय था, विलास के ऊपर कुल 147 नक्सल मामले दर्ज हैं. वहीं वह 57 से अधिक मुठभेड़ में भी शामिल नक्सलियों का साथ देने का आरोप है.

नक्सली घबराकर कर रहे सरेंडर

गढ़चिरौली के एसपी शैलेश बलकवड़े ने कहा कि 'हाल ही में पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ जो अभियान चलाया हुआ है, उसमें फोर्स अंदर जंगलों तक घुस रही है. दो सप्ताह गढ़चिरौली की पुलिस अबूझमाड़ तक घुस गई थी, इससे नक्सली घबराए हुए हैं, और इसी डर में विलास ने भी आत्मसमर्पण कर दिया है.

Last Updated : Feb 28, 2020, 11:20 PM IST
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