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नक्सलियों ने पर्चे फेंक 24 सितंबर को हुई घटना के लिए मांगी माफी

कांकेर में नक्सलियों ने पर्चे फेंककर स्थानीय मजदूरों और ठेकेदारों को रावघाट परियोजना में काम नहीं करने की चेतावनी दी है.

नक्सली पर्चा
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Published : Oct 15, 2019, 11:19 PM IST

Updated : Oct 16, 2019, 12:44 AM IST

कांकेर: जिले में नक्सलियों ने एक बार फिर पर्चा जारी किया है. नक्सलियों ने इस बार पर्चे के जरिए 24 सितंबर को हुई घटना लेकर दुख जताया है. नक्सलियों ने कहा है कि 24 सितंबर की घटना गलती से हुई घटना घटी थी. इस घटना के पीछे उनकी कोई प्लानिंग नहीं थी. इसके साथ ही नक्सलियों ने स्थानीय मजदूरों और ठेकेदारों को रावघाट परियोजना में काम नहीं करने की चेतावनी भी दी है. पर्चा नक्सलियों के उत्तर बस्तर डिवीजन की ओर से जारी किया गया है.

नक्सलियों ने इस पर्चे के जरिए लोगों से माफी मांगी है. इसके साथ ही केंद्र सरकार पर जल जंगल जमीन को कॉर्पोरेट कंपनियों के हवाले कर स्थानीय आदिवासियों को उनकी ही जमीन से बेदखल करने का आरोप लगाया है. नक्सलियों का कहना है कि केंद्र सरकार बस्तर के अनमोल खनिज संपदा को अडानी, अंबानी जैसे कार्पोरेट घराने को सौंपने के लिए यहां रेलवे लाइन बिछा रही है. इससे पहले भी नक्सलियों ने दंतेवाड़ा में एक न्यूज चैनल के कैमरामेन की हत्या कर दी थी, जिसके बाद नक्सलियों ने इसके लिए माफी भी मांगी थी.

बता दें कि नक्सलियों ने 24 सितंबर को रेलवे ब्रिज निर्माण में लगे एक डीजल टैंकर को ब्लास्ट कर उड़ा दिया था. इस घटना में एक निजी कंपनी के तीन कर्मचारियों की मौत हो गई थी.

कांकेर: जिले में नक्सलियों ने एक बार फिर पर्चा जारी किया है. नक्सलियों ने इस बार पर्चे के जरिए 24 सितंबर को हुई घटना लेकर दुख जताया है. नक्सलियों ने कहा है कि 24 सितंबर की घटना गलती से हुई घटना घटी थी. इस घटना के पीछे उनकी कोई प्लानिंग नहीं थी. इसके साथ ही नक्सलियों ने स्थानीय मजदूरों और ठेकेदारों को रावघाट परियोजना में काम नहीं करने की चेतावनी भी दी है. पर्चा नक्सलियों के उत्तर बस्तर डिवीजन की ओर से जारी किया गया है.

नक्सलियों ने इस पर्चे के जरिए लोगों से माफी मांगी है. इसके साथ ही केंद्र सरकार पर जल जंगल जमीन को कॉर्पोरेट कंपनियों के हवाले कर स्थानीय आदिवासियों को उनकी ही जमीन से बेदखल करने का आरोप लगाया है. नक्सलियों का कहना है कि केंद्र सरकार बस्तर के अनमोल खनिज संपदा को अडानी, अंबानी जैसे कार्पोरेट घराने को सौंपने के लिए यहां रेलवे लाइन बिछा रही है. इससे पहले भी नक्सलियों ने दंतेवाड़ा में एक न्यूज चैनल के कैमरामेन की हत्या कर दी थी, जिसके बाद नक्सलियों ने इसके लिए माफी भी मांगी थी.

बता दें कि नक्सलियों ने 24 सितंबर को रेलवे ब्रिज निर्माण में लगे एक डीजल टैंकर को ब्लास्ट कर उड़ा दिया था. इस घटना में एक निजी कंपनी के तीन कर्मचारियों की मौत हो गई थी.

Intro:कांकेर - जिले के अतिसंवेदनशील ताडोकी थानाक्षेत्र के तुमापाल मार्ग पर 24 सितम्बर को नक्सलियो के द्वारा रेलवे ब्रिज निर्माण में लगे एक डीजल टैंकर को ब्लास्ट कर उड़ा दिया गया था ,जिसमे एक निजी कंपनी के तीन कर्मचारियों की मौत हो गई थी, अब एक बार फिर नक्सलियो ने पर्चा जारी कर घटना पर दुख जताते हुए माफी का ढोंग किया है, नक्सलियो का कहना है कि भूलवश यह घटना घटी थी, बता दे कि नक्सली पहले भी इस तरह से आम जनता को अपनी कायराना हरकत से मौत के घाट उतारने के बाद माफी का ढोंग कर चुके है ।Body:नक्सलियो के उत्तर बस्तर डिवीजन के द्वारा जारी किये गए पर्चे में भूलवश कर्मचारियों को निशाना बनाये जाने की बात लिखी गई है, साथ ही केंद्र सरकार पर जल जंगल जमीन को कार्पोरेट कम्पनियो के हवाले कर स्थानीय आदिवासियों को उनकी ही जमीन से बेदखल करने जैसे आरोप लगाए है । नक्सलियो ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार बस्तर के अनमोल खनिज संपदा को अडानी, अम्बानी जैसे कार्पोरेट घराने को सौपने के लिए यहां रेलवे लाइन बिछा रही है । नक्सलियो ने स्थानीय मजदूरो और ठेकेदारो को रावघाट परियोजना में काम नही करने की चेतावनी भी दी है । Conclusion:दंतेवाड़ा में मीडियाकर्मी की हत्या के बाद भी माफी का ढोंग
इसके पहले नक्सलियो ने दंतेवाड़ा जिले में भी एक न्यूज़ चैनल के कैमरामेन की हत्या कर दी थी, जिसमे एक जवान भी शहीद हुआ था, बाद में नक्सलियो ने मीडियाकर्मी की हत्या को लेकर माफी का ढोंग किया था । नक्सलियो का यह पैंतरा काफी पुराना रहा है ।
Last Updated : Oct 16, 2019, 12:44 AM IST
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