कांकेर: जिले के साथ पूरे प्रदेश में एक दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरू हो जाएगी. इसके लिए किसानों ने पंजीयन भी करा लिया है. 27 नवम्बर से किसानों को टोकन वितरण किया जा रहा है. धान खरीदी के लिए पिछले वर्ष 113 खरीदी केंद्र थे. अब जिले में कुल 121 खरीदी केंद्र हो गए हैं.
- इस साल 10 हजार 21 किसानों ने पंजीयन कराया है.
- जिले में पंजीकृत किसानों की संख्या 81 हजार 806 हो गई है.
- इस साल 2 हजार 467 पंजीयन ऑनलाइन डाटा न होने, मौत हो जाने, बंटवारे के प्रकरणों के कारण निरस्त भी किया गया.
- पिछले साल जिले में 74 हजार 277 कृषक पंजीकृत थे.
- पिछले साल की तुलना में इस साल 7 हजार 529 पंजीकृत कृषक बढ़े हैं.
- दूसरी ओर जिले में धान के रकबे में कुछ कमी देखी जा रही है.
- पिछले खरीफ वर्ष में जिले में धान का रकबा 109615.083 हेक्टेयर था, जो इस साल घटकर 107469.53 हेक्टर हो गया है.
- जिले में धान खरीदी के लिए पिछले वर्ष 113 खरीदी केंद्र थे. अब जिले में कुल 121 खरीदी केंद्र हो गए हैं.
- इस बार जिले में 8 नए धान खरीदी केंद्र प्रारंभ किए गए हैं.
- 65 धान खरीदी केंद्रों में सीसीटीवी कैमरों से निगरानी होगी
- राज्य सरकार हर समिति पर 30 से 40 हजार रुपए खर्च कर रही है.
- यह निगरानी धान खरीदी में होने वाली गड़बड़ी को रोकने के लिए की जा रही है, ताकि समिति, शासन व किसान तीनो को कोई नुकसान न हो.
- वहीं धान खरीदी केंद्रों में पारदर्शिता के साथ काम का लक्ष्य
- जिले में वर्तमान में 12 लाख 56 हजार नए बारदाने उपलब्ध हैं.
- 21 लाख 40 हजार 536 बारदाने प्राप्त हुए हैं.
इस साल अधिकांश धान खरीदी का कार्य पुराने बारदाने के सहारे ही होना है. धान खरीदी के लिए पीडीएस और मिलर्स से मिलने वाले बारदाने के साथ नए बारदाने भी मंगाए गए हैं. सभी को मिलाकर धान खरीदी की जाएगी. यदि खरीदी के दौरान बारदाने की कमी होती है, तो खरीदी कार्य प्रभावित हो सकता है.