कांकेर: छत्तीसगढ़ कांग्रेस के पूर्व पीसीसी प्रमुख मोहन मरकाम मंत्री बनाए जाने के बाद पहली बार रविवार को कांकेर पहुंचे. मंत्री मोहन मरकाम ने मीडिया से चर्चा की. इस दौरान उन्होंने पीसीसी पद से हटाए जाने को लेकर बयान दिया और अपनी बातें रखीं.
पीसीसी चीफ पद से हटाए जाने पर मरकाम ने क्या कहा ?: मंत्री मोहन मरकाम ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि "मैंने 4 साल तक प्रदेश अध्यक्ष का काम किया. कार्यकाल 3 साल का रहता है, लेकिन मुझे 1 साल का और अतिरिक्त मौका दिया गया. कार्यकारी अध्यक्ष माननीय राहुल गांधी जी ने मुझे प्रदेश कांग्रेस की बागडोर सौंपी थी. चार सालों में हम, 5 उप चुनाव, नगर निगम, नगरीय निकाय चुनाव सहित सभी चुनाव जीतने में सफल रहे. माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार की उपलब्धि, नीति, योजनाओं को लेकर हम जनता के बीच गए. यहां उनका आशीर्वाद मिला. जिसके बल पर हम चुनाव जीतने में सफल हुए."
"हम सब को चुनाव लड़ना है. हमारे उर्जावन सांसद दीपक बैज जी बस्तर से आते हैं. उनको इसीलिए प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है, ताकि 90 विधानसभा सीटों पर समय दे सकें. अगर मैं प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के समय भी रहता, तो उतना समय दे पाता या नहीं. इसीलिए हाईकमान ने दीपक बैज को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. बीते चुनाव में हमने बस्तर में 12 में से 12 सीटें जीती थी. इस बार भी हमें बस्तर की जनता आशीर्वाद देगी. " - मोहन मरकाम, मंत्री, छत्तीसगढ़
सत्ता और संगठन के तालमेल पर बोले मरकाम: बघेल सरकार और कांग्रेस संगठन के बीच तालमेल नहीं बनने के सवाल पर मरकाम ने कहा कि, "प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का कार्यकाल 3 वर्ष का होता है. मैंने अपने कार्यकाल से ज्यादा का समय पूरा किया. पार्टी में जिसकी जहां उपयोगिता होती है. पार्टी समय समय पर फैसला लेकर उसे जिम्मेदारी देती है. हम लोग जमीन से उठकर इन पदों तक पहुंचे हैं. हम संगठन को जमीन से लेकर शीर्ष तक बारीकी तक समझते हैं. मुझे लगता है कि दीपक बैज जी, मुख्यमंत्री साहब के मार्गदर्शन में और प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा के नेतृत्व में मिलजुल कर काम करेंगे."
विभाग की जिम्मेदारियों को पूरा करने का दिया भरोसा: हाईकमान द्वारा सरकार में मौका देने पर मरकाम ने मुख्यमंत्री और केंद्रीय नेतृत्व का धन्यवाद किया. बस्तर जैसे दूरस्थ अंचल से दूसरी बार के विधायक को प्रदेश सरकार के मंत्रीमंडल में जगह मिलने को उन्होंने इसे बड़ी जिम्मेदारी बताया. एसटी, एससी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदाय जो छत्तीसगढ़ की जनसंख्या का 85 फीसदी है. उनके भरोसे पर खड़ा उतरना है. आदिवासी विद्यार्थियों के हॉस्टल, आश्रम, प्रयास स्कूल से लेकर एकलव्य विद्यालय के संचालन और देखरेख की जिम्मेदारी भी आदिम जाति, अनुसूचित जनजाति विकास विभाग की जवाबदारी में शामिल है. हम इस क्षेत्र में प्राथमिकता से काम करेंगे.
"75 प्लस का का टारगेट पूरा करेंगे": बेहद कम समय में मंत्री बनाए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि,"जो भी समय मिले, एक दिन मिले, 2 दिन मिले या 3 दिन मिले, आप सबको पता है ना कि टी20 मैच 20 ओवर का रहता है. उसमें जो भी लक्ष्य रहता है, उसे पूरा किया जाता है. हमारी पार्टी ने मिशन 75 प्लस का टारगेट दिया है. हम उसे पूरा करेंगे.
मोहन मरकाम का मंत्री बनने के बाद यह पहला कांकेर दौरा था. इससे पहले वह भानुप्रतापपुर चुनाव में यहां लगातार चुनाव प्रचार में सक्रिय देखे गए थे. अब देखना है कि मंत्री बनने के बाद चुनाव से पहले वह अपने जिम्मेदारियों को किस तरह निभाते हैं.