कांकेरः पूरे प्रदेश सहित बस्तर संभाग में दूसरे प्रदेश से आने वाले परिवार को अब क्वॉरेंटाइन सेन्टरों में ठहराना होगा. पलायन कर चुके प्रवासी मजदूर बढ़ते संक्रमण को दोखते हुए, अब वापस लौट रहे हैं. बाहर से आने वाले लोगों से अब संक्रमण फैलने का डर जिला प्रशासन को सता रहा है. जिसे ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने उन्हें नगरीय, ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित क्वारंटाइन सेन्टरों में ठहराने का आदेश दिया है.
कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को दिए निर्देश
कलेक्टर चंदन कुमार ने जिले के सभी एसडीएम, जनपद सीईओ और बीएमओ को क्वारंटाइन सेन्टरों में व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.उन्होंने कहा है कि प्रत्येक क्वॉरेंटाइन सेन्टर के लिए प्रभारी अधिकारी नियुक्त कर ठहरने की व्यवस्था कराई जाए. क्वारंटाइन सेन्टर के लिए उसी गांव में पदस्थ कर्मचारियों का एक दल गठित किया जाए. जिसमें हल्का पटवारी, ग्राम पंचायत सचिव, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षक, ग्रामीण कृृषि विस्तार अधिकारी, वन रक्षक कर्मचारी हो सकते हैं. यदि पूर्व में कोरोना बचाव दल गांव, नगरीय क्षेत्रों में गठित किया गया है, तो उस दल को भी क्वारंटाइन सेन्टरों की व्यवस्था की जिम्मेदारी दी जा सकती है.
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प्रवासी मजदूरों की जानकारी जुटाने के निर्देश
बता दे कि पिछले लॉकडाउन के समय जनपद और नगरीय निकायों से जो जानकरी ली गई है. उसके अनुसार 3 हजार 700 प्रवासी मजदूर जिले में लौटे थे. अनलॉक होने के बाद जो मजदूर फिर पलायन कर रहे थे, उसका कोई आधिकारिक डेटा अभी उपलब्ध नहीं है. एक बार फिर कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच दूसरे राज्यों में पलायन कर चुके मजदूरों के वापस आने की संभावना बढ़ गई है.
क्वारंटाइन सेन्टर तैयार करने के निर्देश
क्वारंटाइन सेन्टर में मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 15वें वित्त के राशि और मूलभूत राशि का नियमानुसार उपयोग किया जाएगा. साथ ही प्रत्येक क्वॉरेंटाइन सेन्टर के लिए ग्राम पंचायत के सचिव को नोडल अधिकारी और पांच से 6 ग्राम पंचायतों के बीच एक सेक्टर अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश भी दिए गए हैं. कलेक्टर ने क्वारंटाइन में अपशिष्ट सामग्री का ठीक प्रकार से निपटारा करने के लिए जनपद सीईओ को निर्देशित किया है.