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कांकेर: प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी, 465 मजदूरों को किया गया क्वॉरेंटाइन

दूसरे राज्यों और जिलों में फंसे मजदूरों की घर वापसी का सिलसिला जारी है. दूसरी जगहों से अपने गृह जिले कांकेर पहुंचे 465 मजदूरों को अब 14 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया है. यहां 14 दिन बिताने और मेडिकल जांच में सबकुछ ठीक पाए जाने पर उन्हें उनके घर जाने की इजाजत मिलेगी.

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कांकेर में 465 मजदूरों को किया गया क्वॉरेंटाइन
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Published : May 16, 2020, 7:45 PM IST

कांकेर: कोरोना महामारी ने सबसे ज्यादा किसानों और मजदूरों को परेशान किया है. कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन में अपने घरों से दूर फंसे मजदूरों की वापसी का सिलसिला जारी है. कांकेर के भी हजारों मजदूर जो काम की तलाश में दूसरे जिले और राज्यों में गए हुए थे, उनकी वापसी भी शुरू हो गई है. कांकेर के करीब 465 मजदूर अब तक वापस लौट चुके हैं, जिसमें सबसे अधिक नक्सलगढ़ कोयलीबेड़ा इलाके के रहनेवाले हैं.

कांकेर में 465 मजदूरों को किया गया क्वॉरेंटाइन

दूसरे राज्यों या जिलों से वापस लौट रहे मजदूरों को आइसोलेट करने के लिए प्रशासन ने पंचायत स्तर पर ही क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने के निर्देश दिए हैं, जिसके तहत ग्राम पंचायतों की ओर से व्यवस्था की जा रही है. मजदूरों को यहां 14 दिन बिताने होंगे, उसके बाद ही वो अपने घर जा सकेंगे. स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मजदूरों की सेहत पर नजर रख रही है.

पढ़े: विश्व दूरसंचार दिवस: टेलीफोन ने कम किए मीलों के फासले, लेकिन अपनों से बढ़ गई दूरियां

बालोद में पॉजिटिव केसेज़ ने बढ़ाई चिंता

जिले की सीमा से सटे बालोद जिले में कोरोना पॉजिटिव केस मिलने से कांकेर जिला प्रशासन भी पूरी तरह से सतर्कता बरत रहा है और बाहर से लौट रहे मजदूरों को सीधा क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजा जा रहा है. जहां मेडिकल जांच से पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद ही उन्हें उनके घर भेजा जाएगा. अभी भी काफी संख्या में मजदूरों की वापसी होनी बाकी है.

465 मजदूर किेए गए क्वॉरेंटाइन

जिले में अब तक 465 मजदूरों को क्वॉरेंटाइन किया गया है.

  • जिसमें कोयलीबेड़ा ब्लॉक में 221
  • कांकेर में 75
  • भानुप्रतापपुर में 50
  • नरहरपुर में 32
  • चारामा में 18
  • दुर्गुकोंदल में 35 मजदूरों को क्वॉरेंटाइन किया गया है.

कांकेर: कोरोना महामारी ने सबसे ज्यादा किसानों और मजदूरों को परेशान किया है. कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन में अपने घरों से दूर फंसे मजदूरों की वापसी का सिलसिला जारी है. कांकेर के भी हजारों मजदूर जो काम की तलाश में दूसरे जिले और राज्यों में गए हुए थे, उनकी वापसी भी शुरू हो गई है. कांकेर के करीब 465 मजदूर अब तक वापस लौट चुके हैं, जिसमें सबसे अधिक नक्सलगढ़ कोयलीबेड़ा इलाके के रहनेवाले हैं.

कांकेर में 465 मजदूरों को किया गया क्वॉरेंटाइन

दूसरे राज्यों या जिलों से वापस लौट रहे मजदूरों को आइसोलेट करने के लिए प्रशासन ने पंचायत स्तर पर ही क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने के निर्देश दिए हैं, जिसके तहत ग्राम पंचायतों की ओर से व्यवस्था की जा रही है. मजदूरों को यहां 14 दिन बिताने होंगे, उसके बाद ही वो अपने घर जा सकेंगे. स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मजदूरों की सेहत पर नजर रख रही है.

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बालोद में पॉजिटिव केसेज़ ने बढ़ाई चिंता

जिले की सीमा से सटे बालोद जिले में कोरोना पॉजिटिव केस मिलने से कांकेर जिला प्रशासन भी पूरी तरह से सतर्कता बरत रहा है और बाहर से लौट रहे मजदूरों को सीधा क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजा जा रहा है. जहां मेडिकल जांच से पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद ही उन्हें उनके घर भेजा जाएगा. अभी भी काफी संख्या में मजदूरों की वापसी होनी बाकी है.

465 मजदूर किेए गए क्वॉरेंटाइन

जिले में अब तक 465 मजदूरों को क्वॉरेंटाइन किया गया है.

  • जिसमें कोयलीबेड़ा ब्लॉक में 221
  • कांकेर में 75
  • भानुप्रतापपुर में 50
  • नरहरपुर में 32
  • चारामा में 18
  • दुर्गुकोंदल में 35 मजदूरों को क्वॉरेंटाइन किया गया है.
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