कांकेर: कोरोना महामारी ने सबसे ज्यादा किसानों और मजदूरों को परेशान किया है. कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन में अपने घरों से दूर फंसे मजदूरों की वापसी का सिलसिला जारी है. कांकेर के भी हजारों मजदूर जो काम की तलाश में दूसरे जिले और राज्यों में गए हुए थे, उनकी वापसी भी शुरू हो गई है. कांकेर के करीब 465 मजदूर अब तक वापस लौट चुके हैं, जिसमें सबसे अधिक नक्सलगढ़ कोयलीबेड़ा इलाके के रहनेवाले हैं.
दूसरे राज्यों या जिलों से वापस लौट रहे मजदूरों को आइसोलेट करने के लिए प्रशासन ने पंचायत स्तर पर ही क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने के निर्देश दिए हैं, जिसके तहत ग्राम पंचायतों की ओर से व्यवस्था की जा रही है. मजदूरों को यहां 14 दिन बिताने होंगे, उसके बाद ही वो अपने घर जा सकेंगे. स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मजदूरों की सेहत पर नजर रख रही है.
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बालोद में पॉजिटिव केसेज़ ने बढ़ाई चिंता
जिले की सीमा से सटे बालोद जिले में कोरोना पॉजिटिव केस मिलने से कांकेर जिला प्रशासन भी पूरी तरह से सतर्कता बरत रहा है और बाहर से लौट रहे मजदूरों को सीधा क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजा जा रहा है. जहां मेडिकल जांच से पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद ही उन्हें उनके घर भेजा जाएगा. अभी भी काफी संख्या में मजदूरों की वापसी होनी बाकी है.
465 मजदूर किेए गए क्वॉरेंटाइन
जिले में अब तक 465 मजदूरों को क्वॉरेंटाइन किया गया है.
- जिसमें कोयलीबेड़ा ब्लॉक में 221
- कांकेर में 75
- भानुप्रतापपुर में 50
- नरहरपुर में 32
- चारामा में 18
- दुर्गुकोंदल में 35 मजदूरों को क्वॉरेंटाइन किया गया है.