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शहीद को एक साल की बेटी ने दी मुखाग्नि तो रो पड़ा गांव - पैतृक गांव कांकेर के चांवण गांव में शहीद जवान सेवक सलाम का अंतिम संस्कार

नारायणपुर नक्सली हमले में शहीद जवान सेवक सलाम का पार्थिव शरीर बुधवार को उनके गांव पैतृक गांव चांवण पहुंचा. जहां शहीद जवान को गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम संस्कार किया गया.

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शहीद जवान सेवक सलाम पंचतत्व में विलीन
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Published : Mar 25, 2021, 12:35 AM IST

कांकेर: नारायणपुर नक्सली हमले में शहीद जवान सेवक सलाम पंचतत्व में विलीन हो गए. चांवण गांव में शहीद जवान सेवक सलाम की एक साल की बेटी ने अपने शहीद पिता को मुखाग्नी दी. इस दौरान हर किसी की आंखें नम हो गईं.

शहीद को एक साल की बेटी ने दी मुखाग्नि तो रो पड़ा गांव

राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

नारायणपुर IED ब्लास्ट में शहीद हुए सेवका सलाम का पार्थिव शरीर बुधवार को उनके पैतृक गांव चांवण गांव पहुंचा. जहां उनका सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. शहीद के अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे. एक साल की मासूम ने शहीद पिता को मुखाग्नि दी. अपने चाचा की गोद में बेटी ने पिता को आखिरी विदाई दी. इस क्षण को देख हर किसी की आंखें नम हो गई. इस दौरान विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी के साथ जिला कलेक्टर चंदन कुमार, पुलिस अधीक्षक एमआर अहिरे ने शहीद को नम आंखों से विदाई दी.

नारायणपुर नक्सल हमला: शहीद सेवक सलाम के गांव में पसरा मातम

नारायणपुर में दी गई शहीदों को श्रद्धांजलि

इससे पहले नारायणपुर पुलिस लाइन में जवान सेवक सलाम समेत सभी पांच शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी गई. जिसके बाद जवानों के पार्थिव शरीर उनके घर भिजवाया गया. श्रद्धांजलि कार्यक्रम में बस्तर आईजी सुंदरराज पी. विधायक मोहन मरकाम, चंदन कश्यप समेत पुलिस और प्रशासन ने आला अधिकारी मौजूद रहे.

नारायणपुर: नक्सली हमले में शहीद जवानों को दी गई श्रद्धांजलि

घर पर सबसे बड़े थे शहीद सेवक राम सलाम

शहीद सेवक राम सलाम घर में सबसे बड़े थे.वे पत्नी और 1 साल की बच्ची के साथ भरा -पूरा परिवार पीछे छोड़ चले गए.शहीद सेवक सलाम 2007 में DRG में भर्ती हुए थे.उनका छोटा भाई भी जगदलपुर DRG में सेवा दे रहा है.

नक्सलियों ने खेला खूनी खेल

मंगलवार को नारायणपुर में नक्सलियों ने जवानों पर बड़ा हमला किया. नक्सलियों ने सर्चिंग से लौट रहे जवानों की एक बस को बम से उड़ा दिया है. जिसमें 5 जवान शहीद हो गए हैं. हमले में करीब 19 जवान घायल हो गए थे. शहीदों में कांकेर के चंवड़ गांव के रहने वाले जवान सेवक सलाम भी शामिल हैं. सेवक सलाम के शहीद होने की खबर गांव में फैलते ही पूरे गांव में मातम पसर गया. शहीद सेवक सलाम की 1 साल की बेटी है. जिसके सिर से पिता का साया उठ गया है. नक्सलियों की इस कायराना करतूत से ग्रामीणों में काफी आक्रोश भी देखा जा रहा है.

कांकेर: नारायणपुर नक्सली हमले में शहीद जवान सेवक सलाम पंचतत्व में विलीन हो गए. चांवण गांव में शहीद जवान सेवक सलाम की एक साल की बेटी ने अपने शहीद पिता को मुखाग्नी दी. इस दौरान हर किसी की आंखें नम हो गईं.

शहीद को एक साल की बेटी ने दी मुखाग्नि तो रो पड़ा गांव

राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

नारायणपुर IED ब्लास्ट में शहीद हुए सेवका सलाम का पार्थिव शरीर बुधवार को उनके पैतृक गांव चांवण गांव पहुंचा. जहां उनका सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. शहीद के अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे. एक साल की मासूम ने शहीद पिता को मुखाग्नि दी. अपने चाचा की गोद में बेटी ने पिता को आखिरी विदाई दी. इस क्षण को देख हर किसी की आंखें नम हो गई. इस दौरान विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी के साथ जिला कलेक्टर चंदन कुमार, पुलिस अधीक्षक एमआर अहिरे ने शहीद को नम आंखों से विदाई दी.

नारायणपुर नक्सल हमला: शहीद सेवक सलाम के गांव में पसरा मातम

नारायणपुर में दी गई शहीदों को श्रद्धांजलि

इससे पहले नारायणपुर पुलिस लाइन में जवान सेवक सलाम समेत सभी पांच शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी गई. जिसके बाद जवानों के पार्थिव शरीर उनके घर भिजवाया गया. श्रद्धांजलि कार्यक्रम में बस्तर आईजी सुंदरराज पी. विधायक मोहन मरकाम, चंदन कश्यप समेत पुलिस और प्रशासन ने आला अधिकारी मौजूद रहे.

नारायणपुर: नक्सली हमले में शहीद जवानों को दी गई श्रद्धांजलि

घर पर सबसे बड़े थे शहीद सेवक राम सलाम

शहीद सेवक राम सलाम घर में सबसे बड़े थे.वे पत्नी और 1 साल की बच्ची के साथ भरा -पूरा परिवार पीछे छोड़ चले गए.शहीद सेवक सलाम 2007 में DRG में भर्ती हुए थे.उनका छोटा भाई भी जगदलपुर DRG में सेवा दे रहा है.

नक्सलियों ने खेला खूनी खेल

मंगलवार को नारायणपुर में नक्सलियों ने जवानों पर बड़ा हमला किया. नक्सलियों ने सर्चिंग से लौट रहे जवानों की एक बस को बम से उड़ा दिया है. जिसमें 5 जवान शहीद हो गए हैं. हमले में करीब 19 जवान घायल हो गए थे. शहीदों में कांकेर के चंवड़ गांव के रहने वाले जवान सेवक सलाम भी शामिल हैं. सेवक सलाम के शहीद होने की खबर गांव में फैलते ही पूरे गांव में मातम पसर गया. शहीद सेवक सलाम की 1 साल की बेटी है. जिसके सिर से पिता का साया उठ गया है. नक्सलियों की इस कायराना करतूत से ग्रामीणों में काफी आक्रोश भी देखा जा रहा है.

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