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कांकेर में सर्व आदिवासी समाज का महाबंद, नेशनल हाइवे और स्टेट हाइवे घंटों रहा जाम - चक्काजाम

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में आज सर्व आदिवासी समाज(Sarva Adivasi Samaj) के आवाह्न पर जिला बन्द (district closed)किया गया. इस दौरान नेशनल हाइवे 30(National Highway 30) में जिले के मचांदुर से लेकर माकड़ी तक जगह-जगह आदिवासियों (Tribesman)ने चक्का जाम (road block)किया. इसके अलावा भानुप्रतापपुर, दुर्गुकोंदल, कोयलीबेड़ा, अन्तागढ़ में आदिवासियों ने स्टेट हाइवे (state highway) भी जाम रखा गया.

mahaband of all tribal society
सर्व आदिवासी समाज का महाबंद
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Published : Sep 20, 2021, 6:56 PM IST

कांकेरः छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में आज सर्व आदिवासी समाज(Sarva Adivasi Samaj) की अगुवाई में जिला बन्द (district closed)किया गया. इस दौरान नेशनल हाइवे 30(National Highway 30) में जिले के मचांदुर से लेकर माकड़ी तक जगह-जगह आदिवासियों (Tribesman)ने चक्का जाम (road block)किया. इसके अलावा भानुप्रतापपुर के कच्चे, दुर्गुकोंदल, कोयलीबेड़ा, अन्तागढ़ में आदिवासियों ने स्टेट हाइवे (state highway)में भी जाम रखा.

नेशनल हाइवे और स्टेट हाइवे घंटों रहा जाम

सर्व आदिवासी समाज का फूटा गुस्सा, बालोद में घेराव के साथ सभी दुकानों को कराया बंद

विरोध प्रदर्शन के दौरान सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश अध्यक्ष सोहन पोटाई ने कहा कि हमारे समाज के 30 आदिवासी विधायक होने के बावजूद हमें सड़क की लड़ाई लड़नी पड़ रही है. इससे बड़ी दुर्भाग्य की बात क्या हो सकती है. अगर 30 आदिवासी विधायक चाहते तो छत्तीसगढ़ में पंजाब की तरह मुख्यमंत्री बदल देते और छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री आदिवासी होता.

माकड़ी चौक में चक्काजाम

बताया जा रहा है कि सर्व आदिवासी समुदाय ने आज कांकेर जिले के माकड़ी चौक में चक्काजाम किया. वहीं कांकेर जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण इलाकों की दुकानें समर्थकों ने बंद करा दी. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में और ब्लॉक में प्रदर्शन किया जा रहा है. अपने प्रमुख मांग में एडेसमेटा, सारकेगुड़ा सहित विभिन्न मुद्दे में कार्यवाही को लेकर बन्द है. जिले के अन्य इलाकों में भी दो और चार पहिए वाहनों को बंद करवा दिया गया है.

इसके साथ ही सुकमा के सिलगेर के मृतकों के परिजन को 50 लाख और घायलों को 5 लाख और परिवार के एक सदस्य को योग्यतानुसार शासकीय नौकरी दी जाने की मांग की गई है. बस्तर संभाग की नक्सल समस्या के स्थायी समाधान के लिए सभी पक्षों से समन्वय स्थापित कर स्थाई समाधान और राज्य सरकार द्वारा शीघ्र पहल की पेशकश की गई है.

ये भी है मांगेः-

  • पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में जब तक माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन समाप्त नहीं हो जाता. तब तक किसी भी हालत में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित पदोन्नत रिक्त पदों को नहीं भरे जाने की मांग.
  • शासकीय नौकरी में बैकलॉग और नई भर्तियों पर आरक्षण रोस्टर लागू किया जाए.
  • पांचवी अनुसूची क्षेत्र में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती में मूलनिवासियों की शत- प्रतिशत आरक्षण लागू किया जाए.
  • संभाग एवं जिलास्तर पर भर्ती कराया जाए.प्रदेश में खनिज उत्खनन के लिए जमीन अधिग्रहण की जगह लीज में लेकर जमीन मालिक को शेयर होल्डर बनाए जाए.
  • गांव की सामुदायिक गौण खनिज का उत्खन्न एवं निकासी का पूरा अधिकार ग्राम सभा को दिया जाए.
  • ग्राम सभा के द्वारा स्थानीय आदिवासी समिति के माध्यम से बेरोजगार युवाओं को खनिज पट्टा दिया जाए.फर्जी जाति मामले में दोषियों पर कार्रवाई की जाए.
  • छत्तीसगढ़ राज्य के 18 जनजातियों की मात्रात्मक त्रुटि में सुधार किया जाकर उन्हें जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाए.
  • अनुसूची में उल्लेखित जनजातियों का जाति प्रमाण - पत्र जारी नहीं करने वाले संबंधित अधिकारी पर दंडात्मक कार्रवाई किया जाए.
  • छात्रवृत्ति योजना में आदिवासी विद्यार्थियों के लिए आय की 2.50 लाख की पात्रता सीमा समाप्त किया जाए.
  • आदिवासी समाज की लड़कियों से अन्य गैर आदिवासी व्यक्ति से शादी होने पर उक्त महिला को जनजाति समुदाय के नाम से जारी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर जनप्रतिधिनित्व, शासकीय सेवा तथा जनजाति समुदाय की जमीन खरीदी पर रोक लगाने के लिए संबंधित अधिनियमों में आवश्यक संशोधन किया जाए.
  • वन अधिकार कानून 2006 का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करवाया जाए. पेसा कानून की क्रियान्वयन नियम तत्काल बनाकर अनुपालन सुनिश्चित करवाया जाए.
  • 13 बिन्दुओं पर राज्य सरकार गंभीरतापूर्वक विचार कर 15 दिवस के अन्दर निर्णय कर समाज को समुचित माध्यम से सूचित किया जाए.

कांकेरः छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में आज सर्व आदिवासी समाज(Sarva Adivasi Samaj) की अगुवाई में जिला बन्द (district closed)किया गया. इस दौरान नेशनल हाइवे 30(National Highway 30) में जिले के मचांदुर से लेकर माकड़ी तक जगह-जगह आदिवासियों (Tribesman)ने चक्का जाम (road block)किया. इसके अलावा भानुप्रतापपुर के कच्चे, दुर्गुकोंदल, कोयलीबेड़ा, अन्तागढ़ में आदिवासियों ने स्टेट हाइवे (state highway)में भी जाम रखा.

नेशनल हाइवे और स्टेट हाइवे घंटों रहा जाम

सर्व आदिवासी समाज का फूटा गुस्सा, बालोद में घेराव के साथ सभी दुकानों को कराया बंद

विरोध प्रदर्शन के दौरान सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश अध्यक्ष सोहन पोटाई ने कहा कि हमारे समाज के 30 आदिवासी विधायक होने के बावजूद हमें सड़क की लड़ाई लड़नी पड़ रही है. इससे बड़ी दुर्भाग्य की बात क्या हो सकती है. अगर 30 आदिवासी विधायक चाहते तो छत्तीसगढ़ में पंजाब की तरह मुख्यमंत्री बदल देते और छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री आदिवासी होता.

माकड़ी चौक में चक्काजाम

बताया जा रहा है कि सर्व आदिवासी समुदाय ने आज कांकेर जिले के माकड़ी चौक में चक्काजाम किया. वहीं कांकेर जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण इलाकों की दुकानें समर्थकों ने बंद करा दी. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में और ब्लॉक में प्रदर्शन किया जा रहा है. अपने प्रमुख मांग में एडेसमेटा, सारकेगुड़ा सहित विभिन्न मुद्दे में कार्यवाही को लेकर बन्द है. जिले के अन्य इलाकों में भी दो और चार पहिए वाहनों को बंद करवा दिया गया है.

इसके साथ ही सुकमा के सिलगेर के मृतकों के परिजन को 50 लाख और घायलों को 5 लाख और परिवार के एक सदस्य को योग्यतानुसार शासकीय नौकरी दी जाने की मांग की गई है. बस्तर संभाग की नक्सल समस्या के स्थायी समाधान के लिए सभी पक्षों से समन्वय स्थापित कर स्थाई समाधान और राज्य सरकार द्वारा शीघ्र पहल की पेशकश की गई है.

ये भी है मांगेः-

  • पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में जब तक माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन समाप्त नहीं हो जाता. तब तक किसी भी हालत में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित पदोन्नत रिक्त पदों को नहीं भरे जाने की मांग.
  • शासकीय नौकरी में बैकलॉग और नई भर्तियों पर आरक्षण रोस्टर लागू किया जाए.
  • पांचवी अनुसूची क्षेत्र में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती में मूलनिवासियों की शत- प्रतिशत आरक्षण लागू किया जाए.
  • संभाग एवं जिलास्तर पर भर्ती कराया जाए.प्रदेश में खनिज उत्खनन के लिए जमीन अधिग्रहण की जगह लीज में लेकर जमीन मालिक को शेयर होल्डर बनाए जाए.
  • गांव की सामुदायिक गौण खनिज का उत्खन्न एवं निकासी का पूरा अधिकार ग्राम सभा को दिया जाए.
  • ग्राम सभा के द्वारा स्थानीय आदिवासी समिति के माध्यम से बेरोजगार युवाओं को खनिज पट्टा दिया जाए.फर्जी जाति मामले में दोषियों पर कार्रवाई की जाए.
  • छत्तीसगढ़ राज्य के 18 जनजातियों की मात्रात्मक त्रुटि में सुधार किया जाकर उन्हें जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाए.
  • अनुसूची में उल्लेखित जनजातियों का जाति प्रमाण - पत्र जारी नहीं करने वाले संबंधित अधिकारी पर दंडात्मक कार्रवाई किया जाए.
  • छात्रवृत्ति योजना में आदिवासी विद्यार्थियों के लिए आय की 2.50 लाख की पात्रता सीमा समाप्त किया जाए.
  • आदिवासी समाज की लड़कियों से अन्य गैर आदिवासी व्यक्ति से शादी होने पर उक्त महिला को जनजाति समुदाय के नाम से जारी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर जनप्रतिधिनित्व, शासकीय सेवा तथा जनजाति समुदाय की जमीन खरीदी पर रोक लगाने के लिए संबंधित अधिनियमों में आवश्यक संशोधन किया जाए.
  • वन अधिकार कानून 2006 का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करवाया जाए. पेसा कानून की क्रियान्वयन नियम तत्काल बनाकर अनुपालन सुनिश्चित करवाया जाए.
  • 13 बिन्दुओं पर राज्य सरकार गंभीरतापूर्वक विचार कर 15 दिवस के अन्दर निर्णय कर समाज को समुचित माध्यम से सूचित किया जाए.
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