कांकेर: कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन में आइसक्रीम का कारोबार (ice cream business) पूरी तरीके से प्रभावित हो गया. कांकेर जिला मुख्यालय में दीगर राज्यों से आकर लोग ठेला लगाकर आइसक्रीम दुकान संचालन करते थे. लेकिन लॉकडाउन ने इन आइसक्रीम दुकानदारों को कर्ज तले दबा दिया. गर्मी के मौसम में आइसक्रीम की ज्यादा बिक्री होती थी, पिछले लॉकडाउन में तो जैसे-तैसे थोड़ा संभाल लिया था. लेकिन इस बार तो आइसक्रीम दुकानदारों को इस लॉकडाउन में फल बेचकर गुजारा करना पड़ा है.
शहर में कोमलदेव अस्पताल के पास ठेला लगाकर आइसक्रीम बेचने वाले रामकुमावत कहते हैं कि कोरोना काल में उन्हें बेहद दिक्कतों का समाना करना पड़ा है. पिछले साल भी लॉकडाउन था तो पूरा गर्मी का सीजन निकल गया. लॉकडाउन खुला तो ठंड और बरसात का समय था. उस समय तो आइसक्रीम बिकती ही नहीं है. इस बार भी जैसे गर्मी आई फिर लॉकडाउन हो गया. अब 10 दिन बाद मानसून आ जाएगा. पूरा धंधा इस बार भी चौपट हो गया.
घर का किराया निकालना मुश्किल
रामकुमावत आगे बताते हैं कि वे मूलतः राजस्थान के हैं. वे जिस मकान में रहते हैं साल भर से उसका किराया नहीं दे पाए हैं. घर भी कम जाते हैं. उनका कहना है कि क्या करूंगा घर जाकर. जब धंधा पानी का पैसा ही नहीं रहेगा. इस लॉकडाउन में तो फल बेचकर रोजी-रोटी का जुगाड़ कर रहा था.
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घर चलाना मुश्किल
मस्जिद चौक के पास सालों से आइसक्रीम का दुकान संचालन कर रहे दिनेश विष्णव कहते हैं कि पूरा घर परिवार आइसक्रीम के धंधे पर निर्भर रहता है. लेकिन दो साल से लॉकडाउन के चलते सारा धंधा बंद के कगार पर आ गया. जिससे अब घर चलाना मुश्किल हो गया है.
सर्दी से बचने लोग नहीं खा रहे आइसक्रीम
बता दें कि कोरोना काल के चलते विभिन्न प्रकार की आइसक्रीम की बिक्री भी कम हो गई. कोरोना वायरस के डर से सर्दी जुकाम से बचने के लिए लोग आइसक्रीम खाने से भी परहेज करने लगे हैं. बीते साल की तरह इस सीजन में भी आइसक्रीम का कारोबार पूरी तरीके से कोरोना महामारी की चपेट में आ गया. करोना काल में एक तो लॉकडाउन और दूसरी स्वास्थ्य चिंताओं ने आइसक्रीम से दूरी बना दी. जिसका सीधा असर आइसक्रीम कारोबार पर पड़ा.