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तेंदुए ने 2 दिन में किया 50 कड़कनाथ मुर्गों का शिकार, इलाके में दहशत

तेंदुए ने पिछले दो दिन में 50 कड़कनाथ मुर्गों को खा लिया, जिससे मुर्गे के मालिक में मायसी छाई है, उसने वन विभाग के अधिकारियों से मामले की शिकायत की है, लेकिन अधाकारी मामले से पल्ला झाड़ते नजर आए.

तेंदुए ने 2 दिन में किया 50 कड़कनाथ मुर्गों का शिकार
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Published : Sep 4, 2019, 11:47 PM IST

कांकेर: जिले के रिहायसी इलाके में इन दिनों तेंदुए के आतंक से लोगों में दहशत का माहौल है. खूंखार तेंदुआ ने कड़कनाथ मुर्गों के फार्म में घुसकर पिछले 2 दिनों में 50 कड़कनाथ मुर्गों को अपना शिकार बना लिया, जिसकी वजह से पोल्ट्री फार्म के मालिक यासीम खान के चेहरे में मायूसी छाई है.

तेंदुए ने 2 दिन में किया 50 कड़कनाथ मुर्गों का शिकार

बता दें कि ठेलकाबोड गांव RES कालोनी से सटा हुआ इलाका है. यहां बीते दो दिनों से रोज रात में तेंदुआ यासीम खान के कड़कनाथ मुर्गा के फार्म में घुस कर मुर्गों का शिकार कर रहा है. यासीम ने बताया कि तेंदुए ने बीते दो दिनों में फार्म में मौजूद 50 मुर्गों मार दिया. फॉर्म के मालिक ने उसे हुए नुकसान की शिकायत वन विभाग को दी है.

यासीम का आरोप है कि वन विभाग ने अब तक उसकी समस्या का समाधान करने के लिए कोई पहल नहीं किया है, जिससे उनमें में मायूसी झलक रही है.

जानवरों का इलाका हम क्या करें
कांकेर रेंज के प्रभारी DFO आरएस मंडावी का कहना है कि 'क्षेत्र के बीट गार्ड और रेंजर से मामले की जानकारी मांगी गई है. उनका कहना है कि यह इलाका जानवरों का है, हम कुछ नहीं कर सकते. ऐसे में जंगली जानवरों को पकड़कर रिहायशी इलाके से दूर छोड़ने की रणनीति बनाना छोड़ अधिकारी इसे जानवरों का इलाका बताकर अपनी जिम्मेदारी से भागते नज़र आ रहे हैं, जिससे इलाके में सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं.

कांकेर: जिले के रिहायसी इलाके में इन दिनों तेंदुए के आतंक से लोगों में दहशत का माहौल है. खूंखार तेंदुआ ने कड़कनाथ मुर्गों के फार्म में घुसकर पिछले 2 दिनों में 50 कड़कनाथ मुर्गों को अपना शिकार बना लिया, जिसकी वजह से पोल्ट्री फार्म के मालिक यासीम खान के चेहरे में मायूसी छाई है.

तेंदुए ने 2 दिन में किया 50 कड़कनाथ मुर्गों का शिकार

बता दें कि ठेलकाबोड गांव RES कालोनी से सटा हुआ इलाका है. यहां बीते दो दिनों से रोज रात में तेंदुआ यासीम खान के कड़कनाथ मुर्गा के फार्म में घुस कर मुर्गों का शिकार कर रहा है. यासीम ने बताया कि तेंदुए ने बीते दो दिनों में फार्म में मौजूद 50 मुर्गों मार दिया. फॉर्म के मालिक ने उसे हुए नुकसान की शिकायत वन विभाग को दी है.

यासीम का आरोप है कि वन विभाग ने अब तक उसकी समस्या का समाधान करने के लिए कोई पहल नहीं किया है, जिससे उनमें में मायूसी झलक रही है.

जानवरों का इलाका हम क्या करें
कांकेर रेंज के प्रभारी DFO आरएस मंडावी का कहना है कि 'क्षेत्र के बीट गार्ड और रेंजर से मामले की जानकारी मांगी गई है. उनका कहना है कि यह इलाका जानवरों का है, हम कुछ नहीं कर सकते. ऐसे में जंगली जानवरों को पकड़कर रिहायशी इलाके से दूर छोड़ने की रणनीति बनाना छोड़ अधिकारी इसे जानवरों का इलाका बताकर अपनी जिम्मेदारी से भागते नज़र आ रहे हैं, जिससे इलाके में सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं.

Intro:कांकेर - शहर से सटे ठेलकबोड़ गांव में बीते दो दिनों से तेंदुआ के घुसने से लोग दहशत में है , तेंदुआ ने बस्ती के बीच यासीम खान के कड़कनाथ मुर्गे के फार्म में घुसकर 50 कड़कनाथ मुर्गे का शिकार कर लिया है ,मामले की शिकायत वन विभाग से किये जाने के बाद भी अब तक वन विभाग ने मामले की सुध नही ली है वही प्रभारी डीएफओ मामले में जिस तरह का बयान दे रहे है उससे वन विभाग की उदासीनता साफ नजर आ रही है , डीएफओ का कहना है कि लोगो ने जानवरो के इलाकों में कब्जा कर रखा है , इसमें वन विभाग क्या कर सकता है ।


Body:ठेलकाबोड गांव आरईएस कालोनी से सटा हुआ इलाका है यहां बीते दो दिनों से रोज़ रात तेंदुआ यासीम खान के कड़कनाथ मुर्गे के फार्म में घुस रहा है और मुर्गों का शिकार कर रहा है, कल रात जब तेंदुआ के घुसने की आवाज़ हुई तो यासीम खान के पिता बाहर निकले जिन पर भी तेंदुआ ने हमला करने का प्रयास किया , किसी तरह भाग कर उन्होने अपनी जान बचाई , यासीम ने बताया कि इस इलाके में अक्सर तेंदुआ नज़र आता है , बीते दो दिनों में तेंदुआ ने उनके फार्म से 50 मुर्गे मार डाले है । इसकी सूचना देने के बाद भी वन विभाग का अमला मौक़े पर नही आया है ।

पहाड़ी से सटा है इलाका
ठेलकाबोड गांव के पास पहाड़ी में काफी संख्या में जंगली जानवर तेंदुआ , भालू है । जो कि आये दिन बस्ती की ओर रुख करते रहते है , जिससे लोगो को जान का खतरा बना रहता है , शाम होते ही घरों में दुबक कर बैठना यहां के लोगो की मजबूरी बन चुकी है। कई बार जंगली जानवरों को पकड़ दूर जंगलों में छोड़े जाने की मांग की जा चुकी है लेकिन वन विभाग के अधिकारी इस इलाके को जंगली जानवरों का घर बताक़र इस मामले में कुछ नही कर पाने की बात कह रहे है ।


Conclusion:जानवरो का इलाका हम क्या करे
कांकेर रेंज के प्रभारी डीएफओ आरएस मंडावी का कहना है कि क्षेत्र के बीट गार्ड और रेंजर से मामले की जानकारी मांगी गई है, उनका कहना है कि यह इलाका जानवरो का है ,लोग जबरन उनके इलाके में घुसेंगे तो हम कुछ नही कर सकते , अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे अधिकारी यह भूल गए कि यह बस्ती आज की बसी नही है , बल्कि सालो पुरानी है और तेंदुए का आतंक हाल फिलहाल में बढ़ा है, ऐसे में जंगली जानवर को पकड़ दूर छोड़ने रणनीति बनाना छोड़ अधिकारी इसे जानवरो का इलाका बता अपनी जिम्मेदारी से भागते नज़र आये ।

बाइट- यासीम खान निवासी

आरएस मंडावी डीएफओ कांकेर
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