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कांकेर : रेस्क्यू के लिए नहीं है समुचित इंतजाम, अब टूटी एसडीएम की नींद - SDM ने लिया रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा

वन विभाग बांध से टापू के बीच एक अस्थाई पुल बनाने में लगा हुआ है. पुल के सहारे ही बंदरों को टापू से जंगलों में रेस्क्यू करने की योजना है. जिसका SDM ने जायजा लिया है.

पुल का 70 फीसदी कार्य पूरा, कल फिर शुरू होगा रेस्क्यू
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Published : Nov 17, 2019, 5:49 PM IST

Updated : Nov 17, 2019, 11:48 PM IST

कांकेर: दुधावा बांध के टापू में 3 महीने से फंसे सैकड़ो बंदरों को बचाने के लिए वन विभाग जुटा हुआ है. शनिवार से वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत बनाये जा रहे अस्थाई पूल का काम लगभग 70 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया. कल यानी सोमवार सुबह से रेस्क्यू टीम फिर काम शुरू करेगी. 24 घंटे से ज्यादा समय बीत जाने के बाद एसडीएम की नींद टूटी है. रविवार को एसडीएम यूएस बंदे मौके पर पहुंचे और बंदरों के रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया. SDM ने वन विभाग से पूरे ऑपरेशन की जानकारी ली और टापू में फंसे बंदरों को जल्द रेस्क्यू करने के निर्देश दिए.

रेस्क्यू के लिए नहीं है समुचित इंतजाम

बिना समुचित तैयारी के चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन
दुधावा डैम में पानी का स्तर बढ़ा हुआ है. अस्थाई पुल बनाने के लिए विभाग के पास फिलहाल एक ही नाव है. बढ़े हुए जल स्तर के कारण पानी में उतर कर पुल बनाना जोखिम भरा है. बिना समुचित इंतजाम के पुल बनाने के काम पर असर पड़ रहा है. इसके अलावा रेस्क्यू दल के पास लाइफ जैकेट नहीं है. जिसकी वजह से रेस्क्यू कार्य में काफी समय लग रहा है. इस वजह से वहां काम कर रहे मजदूरों को जान का खतरा बना हुआ है.

बंदरों के लिए टापू पर भेजा गया फल
वन विभाग रोज बंदरों के लिए टापू पर फल के बोरे पहुंचा रहा है. साथ ही बांध से टापू के बीच एक अस्थाई पुल बनाने में लगा हुआ है. पुल के सहारे ही बंदरों को टापू से जंगलों में रेस्क्यू करने की योजना है.

पढ़ें : जानिए क्या है छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध ढोकरा आर्ट और कैसा है इस कला के शिल्पकारों का हाल

SDM यूएस बंदे ने बताया कि नाव की कमी से पुल बनाने में समस्या हो रही है. बांध के मछली ठेकेदारों से नाव के लिए बात की जा रही है. जल्द ही बंदरों को टापू से निकाल लिया जाएगा.

कांकेर: दुधावा बांध के टापू में 3 महीने से फंसे सैकड़ो बंदरों को बचाने के लिए वन विभाग जुटा हुआ है. शनिवार से वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत बनाये जा रहे अस्थाई पूल का काम लगभग 70 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया. कल यानी सोमवार सुबह से रेस्क्यू टीम फिर काम शुरू करेगी. 24 घंटे से ज्यादा समय बीत जाने के बाद एसडीएम की नींद टूटी है. रविवार को एसडीएम यूएस बंदे मौके पर पहुंचे और बंदरों के रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया. SDM ने वन विभाग से पूरे ऑपरेशन की जानकारी ली और टापू में फंसे बंदरों को जल्द रेस्क्यू करने के निर्देश दिए.

रेस्क्यू के लिए नहीं है समुचित इंतजाम

बिना समुचित तैयारी के चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन
दुधावा डैम में पानी का स्तर बढ़ा हुआ है. अस्थाई पुल बनाने के लिए विभाग के पास फिलहाल एक ही नाव है. बढ़े हुए जल स्तर के कारण पानी में उतर कर पुल बनाना जोखिम भरा है. बिना समुचित इंतजाम के पुल बनाने के काम पर असर पड़ रहा है. इसके अलावा रेस्क्यू दल के पास लाइफ जैकेट नहीं है. जिसकी वजह से रेस्क्यू कार्य में काफी समय लग रहा है. इस वजह से वहां काम कर रहे मजदूरों को जान का खतरा बना हुआ है.

बंदरों के लिए टापू पर भेजा गया फल
वन विभाग रोज बंदरों के लिए टापू पर फल के बोरे पहुंचा रहा है. साथ ही बांध से टापू के बीच एक अस्थाई पुल बनाने में लगा हुआ है. पुल के सहारे ही बंदरों को टापू से जंगलों में रेस्क्यू करने की योजना है.

पढ़ें : जानिए क्या है छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध ढोकरा आर्ट और कैसा है इस कला के शिल्पकारों का हाल

SDM यूएस बंदे ने बताया कि नाव की कमी से पुल बनाने में समस्या हो रही है. बांध के मछली ठेकेदारों से नाव के लिए बात की जा रही है. जल्द ही बंदरों को टापू से निकाल लिया जाएगा.

Intro:कांकेर- दुधावा डेम के टापू में फंसे बंदरो के रेस्क्यू को लेकर उदासीन नज़र आ रहा जिला प्रशासन आखिरकार जाग गया है, कांकेर एसडीएम यू एस बन्दे मौके पर पहुचे है और उन्होंने वन विभाग से पूरे ऑपरेशन को लेकर जानकारी ली है, लकड़ी और लोहे के रॉड से बनाये जा रहे पूल में अभी काफी समय और लग सकता है, एसडीएम ने मौके पर पहुच काम मे तेज़ी लाने जल संसाधन विभाग से चर्चा कर और नाव की व्यवस्था करने निर्देश दिए है


Body:बंदरो के रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर अब तक जिला प्रशासन की ओर से कोई मदद मुहैया नही करवाये जाने से रेस्क्यू ऑपरेशन काफी धीमी गति से चल रहा था , मात्र एक नाव के सहारे 250 मीटर लंबे लकड़ी और लोहे के अस्थाई पूल का निर्माण किया रहा है, बांध की गहराई के कारण एक एक खम्भे लगाने में आधे से एक घण्टे का समय लग जा रहा है, ऐसे में अब प्रशासन ने और नाव जल संसाधन विभाग को मुहैया करवाने को कहा है ताकि ऑपरेशन में तेज़ी लाई जा सके ।


Conclusion:ईटीवी भारत ने पूरे मामले में प्रशासन की उदासीनता को लेकर खबर दिखाई थी, जिसके तुरन्त बाद प्रशासन हरकत में नज़र आ रहा है । ईटीवी भारत की टीम दो दिनों से लग़ातर ग्राउंड जीरो पर मौजुद है।


बाइट - मजदूर वन विभाग

यूएस बन्दे एसडीएम
Last Updated : Nov 17, 2019, 11:48 PM IST
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