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कांकेर: 3 साल में वादा पूरा नहीं कर सकी नगर पालिका, परेशान सब्जी व्यापारी

3 साल पहले पुराने बाजार के कारण दूध नदी में गंदगी फैलाने का हवाला देकर तत्कालीन कलेक्टर शम्मी आबिदी ने व्यापारियों के साथ कई दौर की बैठक के बाद बाजार को नए बाजार में शिफ्ट करवाया था.

सब्जी बाजार में शेड की कमी
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Published : Jun 30, 2019, 3:27 PM IST

कांकेर: शहर के नया बस स्टैंड के पीछे बनाए गए नए सब्जी बाजार में आज 3 साल बाद भी सब्जी व्यापारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. व्यापारियों को जब यहां शिफ्ट किया गया था तो नगर पालिका ने वादा किया था कि जल्द ही यहां पूरे बाजार में शेड निर्माण करवाया जाएगा ताकि व्यपारियों को धूप-बारिश में दिक्कतें न हो, लेकिन अब तक पालिका अपना वादा पूरा नहीं कर सकी है.

3 साल में वादा पूरा नहीं कर सकी नगर पालिका

3 साल पहले पुराने बाजार के कारण दूध नदी में गंदगी फैलाने का हवाला देकर तत्कालीन कलेक्टर शम्मी आबिदी ने व्यापारियों के साथ कई दौर की बैठक के बाद बाजार को नए बाजार में शिफ्ट करवाया था. इस दौरान व्यापारियों ने नए बाज़ार में शेड और दुकानें नहीं होने के कारण सब्जी का भंडारण करने में दिक्कतों का हवाला दिया था. पालिका ने जल्द से जल्द यहां शेड निर्माण की बात कही थी, जो अब तक नहीं हुआ है. ऐसे में इस बारिश के सीजन में भी सब्जी व्यापारियों को दिक्कतों से जूझना होगा.

साप्ताहिक बाज़ार तक सिमट कर रह गया नया बाजार
पालिका की उदासी के कारण नया बाजार साप्ताहिक बाजार तक ही सिमट कर रह गया है. सुविधाओं के अभाव में यहां सब्जी व्यापारी दुकान नहीं लगाते है. सब्जी बाजार को नए बाजार में शिफ्ट करने का मकसद था दूध नदी को गंदगी से बचाना लेकिन पालिका ने नए बाजार में सुविधा मुहैया नहीं करवाई. इसकी वजह से मात्र बुधवार और रविवार को ही यहां साप्ताहिक बाजार लगाए जाते हैं. बाकी दिन नदी किनारे पुराने बाजार ही लगाए जा रहे हैं, जिसकी वजह से नदी की स्थिति जस की तस बनी हुई है .

जल्द शुरू हो जाएगा काम
इस मामले में नगर पालिका सीएमओ सौरभ तिवारी का कहना है कि नए बाजार में शेड निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा. सीएमओ का कहना है कि आचार संहिता के कारण काम में देरी हुई है.

कांकेर: शहर के नया बस स्टैंड के पीछे बनाए गए नए सब्जी बाजार में आज 3 साल बाद भी सब्जी व्यापारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. व्यापारियों को जब यहां शिफ्ट किया गया था तो नगर पालिका ने वादा किया था कि जल्द ही यहां पूरे बाजार में शेड निर्माण करवाया जाएगा ताकि व्यपारियों को धूप-बारिश में दिक्कतें न हो, लेकिन अब तक पालिका अपना वादा पूरा नहीं कर सकी है.

3 साल में वादा पूरा नहीं कर सकी नगर पालिका

3 साल पहले पुराने बाजार के कारण दूध नदी में गंदगी फैलाने का हवाला देकर तत्कालीन कलेक्टर शम्मी आबिदी ने व्यापारियों के साथ कई दौर की बैठक के बाद बाजार को नए बाजार में शिफ्ट करवाया था. इस दौरान व्यापारियों ने नए बाज़ार में शेड और दुकानें नहीं होने के कारण सब्जी का भंडारण करने में दिक्कतों का हवाला दिया था. पालिका ने जल्द से जल्द यहां शेड निर्माण की बात कही थी, जो अब तक नहीं हुआ है. ऐसे में इस बारिश के सीजन में भी सब्जी व्यापारियों को दिक्कतों से जूझना होगा.

साप्ताहिक बाज़ार तक सिमट कर रह गया नया बाजार
पालिका की उदासी के कारण नया बाजार साप्ताहिक बाजार तक ही सिमट कर रह गया है. सुविधाओं के अभाव में यहां सब्जी व्यापारी दुकान नहीं लगाते है. सब्जी बाजार को नए बाजार में शिफ्ट करने का मकसद था दूध नदी को गंदगी से बचाना लेकिन पालिका ने नए बाजार में सुविधा मुहैया नहीं करवाई. इसकी वजह से मात्र बुधवार और रविवार को ही यहां साप्ताहिक बाजार लगाए जाते हैं. बाकी दिन नदी किनारे पुराने बाजार ही लगाए जा रहे हैं, जिसकी वजह से नदी की स्थिति जस की तस बनी हुई है .

जल्द शुरू हो जाएगा काम
इस मामले में नगर पालिका सीएमओ सौरभ तिवारी का कहना है कि नए बाजार में शेड निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा. सीएमओ का कहना है कि आचार संहिता के कारण काम में देरी हुई है.

Intro:कांकेर - शहर के नया बस स्टैंड के पीछे बनाये गए नए सब्जी बाज़ार में कई सालों तक सुविधाओ के अभाव में व्यपारियों की शिफ्टिंग नही हो सकी थी , लेकिन 3 साल पहले तत्कालीन कलेक्टर शम्मी आबिदी ने व्यपारियो को मान मनोवल कर यहां शिफ्ट करवाया था और नगर पालिका ने वादा किया था कि जल्द ही यहां पूरे बाज़ार में सेड निर्माण करवाया जाएगा ताकि व्यपारियो को धूप - बारिश में दिक्कते ना हो , लेकिन अब तक पालिका अपना वादा पूरा नही कर सकी है । ऐसे में इस बारिश भी सब्जी व्यपारियो को दिक्कतों से जूझना होगा ।


Body:3 साल पहले पुराने बाजार के कारण दूध नदी में गंदगी फैलाने का हवाला देकर तत्कालीन कलेक्टर शम्मी आबिदी ने व्यपारियो के साथ कई दौर की बैठक के बाद बाज़ार को नए बाज़ार में शिफ्ट करवाया था , इस दौरान व्यपारियो ने नए बाज़ार में सेड और दुकाने नही होने के कारण सब्जी का भंडारण करने में दिक्कतों का हवाला दिया था तब नगर पालिका ने जल्द से जल्द यहां सेड निर्माण की बात कही थी , लेकिन अब इस मामले को 3 साल बीत गए लेकिन स्तिथि जस की तस बनी हुई है। साप्ताहिक बाज़ार तक सिमट कर रह गया नया बाजार पालिका की उदासी के कारण नया बाजार साप्ताहिक बाज़ार तक सिमट कर रह गया है । सुविधाओ के अभाव में यहां सब्जी व्यपारी दुकानें नही लगाते है , मात्र बुधवार और रविवार को ही यहां साप्ताहिक बाज़ार के दिन भीड़ जुटती है , व्यपारी मात्र दो दिन ही यहां दुकाने लगा रहे है । मकसद नही हो सका कामयाब सब्जी बाजार हो नए बाजार में शिफ्ट करने का मकसद था दूध नदी को गन्दगी से बचाना लेकिन पालिका ने नए बाजार में सुविधा मुहैया नही करवाई जिसके चलते बाज़ार हफ्ते में सिर्फ दो दिन ही नए बाज़ार में लग रहा है बाकी दिन नदी किनारे पुराने बाजार में ही बाज़ार लग रहा है , जिसके चलते सभी भी दूध नदी में गन्दगी फेंकी जा रही है और नदी की हालत जस की तस बनी हुई है ।


Conclusion:जल्द शुरू हो जाएगा काम ,टेंडर प्रकिया पूरी इस मामले में नगर पालिका सीएमओ सौरभ तिवारी का कहना है कि नए बाज़ार में सेड निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है ,जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा । सीएमओ का कहना है कि आचार संहिता के कारण काम में देरी हुई है लेकिन सीएमओ यह भूल गए कि काम 3 साल से अटका पड़ा है आचार संहिता हाल ही में चुनाव के दौरान लगी थी । बाइट- सौरभ तिवारी नगर पालिका अधिकारी
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