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Sugghar Padhwaiya : सुघ्घर पढ़वईया योजना में कांकेर ने मारी बाजी, 14 स्कूलों को मिले सर्टिफिकेट्स - Sugghar Padhwaiya

Sugghar Padhwaiya छत्तीसगढ़ में सुघ्घर पढ़वईया योजना ने कई स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अंदर आत्मविश्वास पैदा किया है. बच्चों के अंदर इस योजना के जरिए बुनियादी दक्षता विकसित करने में काफी मदद मिली है.

Sughghar Education Scheme
सुघ्घर पढ़वईया योजना में कांकेर ने मारी बाजी
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Published : Jul 12, 2023, 1:16 PM IST

कांकेर : सुघ्घर पढ़वईया योजना में कांकेर जिला को प्रदेश में सबसे ज्यादा 14 सर्टिफिकेट मिले हैं. जिसमें प्लेटिनम, गोल्ड और सिल्वर सर्टिफिकेट हैं.प्राइमरी स्कूल को 13 और 01 मिडिल स्कूल को सर्टिफिकेट मिला है. इन सभी स्कूलों को 15 अगस्त को सम्मानित किया जाएगा.यह कांकेर जिले के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.

शिक्षा सत्र 2022-23 में प्रदेश के 39 हजार से ज्यादा प्राइमरी और मिडिल स्कूलों ने इस योजना के तहत चुनौती दी थी. इसके बाद प्रदेश के 4282 स्कूल थर्ड पार्टी आंकलन के लिए तैयार हुए. लेकिन प्रदेश स्तर पर केवल 721 स्कूलों का ही आंकलन हुआ. जिसमें कांकेर जिला के प्राथमिक स्तर पर 31 और मिडिल स्तर पर 08 स्कूलों का थर्ड पार्टी आंकलन राज्य स्तरीय टीम ने किया.

16 जिलों के किसी भी स्कूल को नहीं मिला सर्टिफिकेट : आंकलन की रिपोर्ट में प्राइमरी के 31 स्कूलों का आंकलन किया गया. जिसमें 4 प्लेटिनम, 5 गोल्ड और 4 स्कूल को सिल्वर सर्टिफिकेट मिला. वहीं 8 मिडिल स्कूलों का आंकलन किया गया. जिसमें 01 स्कूल को सिल्वर सर्टिफिकेट मिला है. पुरूकार पाने के मामले में पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा पुरूस्कार कांकेर जिला को मिला है. प्रदेश के 16 जिलों बिलासपुर, गौरेला पेंड्रा मरवाही, मुंगेली, कवर्धा, रायपुर, महासमुंद, बलौदाबाजार, गरियाबंद, नारायणपुर, बीजापुर, कोरिया, सरगुजा, जशपुर, बलरामपुर, सूरजपुर, मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के किसी भी स्कूल को सर्टिफिकेट नहीं मिला है.

कांकेर के किन स्कूलों को मिला सर्टिफिकेट : नरहरपुर विकासखंड के शासकीय आश्रम प्राइमरी स्कूल चारभट्टी , शासकीय प्राइमरी स्कूल भेलवापारा चनार, शासकीय प्राइमरी स्कूल पंडरीपानी चंवाड़ और दुर्गुकोंदल विकासखंड के शासकीय प्राइमरी स्कूल कर्रामाड़ को प्लेटिनम सर्टिफिकेट मिला है.

नरहरपुर विकासखंड का शासकीय प्राइमरी स्कूल मुंजागोंदी मरकाटोला, दुर्गुकोंदल विकासखंड के शासकीय प्राइमरी स्कूल हल्बापारा मर्रामपानी और शासकीय प्राइमरी सकूल बोरकाटोला कोदापाखा, चारामा विकासखंड का शासकीय प्राइमरी स्कूल मांझीपारा पंडरीपानी, विकासखंड कांकेर का शासकीय प्राइमरी स्कूल माहुरबंदपारा को गोल्ड सर्टिफिकेट मिला है.

कोयलीबेड़ा विकासखंड का शासकीय प्राइमरी स्कूल पीव्ही 30 माटोली, भानुप्रतापपुर विकासखंड का शासकीय प्राइमरी स्कूल जंजालीपारा कोरर, चारामा विकासखंड का शासकीय प्राइमरी सकूल टिकरापारा गिरहौला और शासकीय प्राइमरी सकूल सिरसिदा बड़ेगौरी को सिल्वर सर्टिफिकेट मिला है.वहीं मिडिल स्कूल में बस्तर संभाग में केवल कांकेर जिला के एक स्कूल चारामा विकासखंड के शासकीय उच्च प्राइमरी स्कूल रतेसरा को सिल्वर सर्टिफिकेट मिला है.

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क्या है सुघ्घर पढ़वईया योजना : छग शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों को बेहतर और उत्कृष्ट बनाने के लिए एक नया योजना शुरू किया गया है. जिसे सुघ्घर पढ़वईया नाम दिया गया है. यह विद्यालय के लिए पूर्णतः स्वैच्छिक है और स्वप्रेरणा पर आधारित है. इस योजना के तहत शिक्षक स्वयं अपने स्कूल को उत्कृष्ट बनाने की चुनौती ले सकते हैं.

कांकेर : सुघ्घर पढ़वईया योजना में कांकेर जिला को प्रदेश में सबसे ज्यादा 14 सर्टिफिकेट मिले हैं. जिसमें प्लेटिनम, गोल्ड और सिल्वर सर्टिफिकेट हैं.प्राइमरी स्कूल को 13 और 01 मिडिल स्कूल को सर्टिफिकेट मिला है. इन सभी स्कूलों को 15 अगस्त को सम्मानित किया जाएगा.यह कांकेर जिले के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.

शिक्षा सत्र 2022-23 में प्रदेश के 39 हजार से ज्यादा प्राइमरी और मिडिल स्कूलों ने इस योजना के तहत चुनौती दी थी. इसके बाद प्रदेश के 4282 स्कूल थर्ड पार्टी आंकलन के लिए तैयार हुए. लेकिन प्रदेश स्तर पर केवल 721 स्कूलों का ही आंकलन हुआ. जिसमें कांकेर जिला के प्राथमिक स्तर पर 31 और मिडिल स्तर पर 08 स्कूलों का थर्ड पार्टी आंकलन राज्य स्तरीय टीम ने किया.

16 जिलों के किसी भी स्कूल को नहीं मिला सर्टिफिकेट : आंकलन की रिपोर्ट में प्राइमरी के 31 स्कूलों का आंकलन किया गया. जिसमें 4 प्लेटिनम, 5 गोल्ड और 4 स्कूल को सिल्वर सर्टिफिकेट मिला. वहीं 8 मिडिल स्कूलों का आंकलन किया गया. जिसमें 01 स्कूल को सिल्वर सर्टिफिकेट मिला है. पुरूकार पाने के मामले में पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा पुरूस्कार कांकेर जिला को मिला है. प्रदेश के 16 जिलों बिलासपुर, गौरेला पेंड्रा मरवाही, मुंगेली, कवर्धा, रायपुर, महासमुंद, बलौदाबाजार, गरियाबंद, नारायणपुर, बीजापुर, कोरिया, सरगुजा, जशपुर, बलरामपुर, सूरजपुर, मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के किसी भी स्कूल को सर्टिफिकेट नहीं मिला है.

कांकेर के किन स्कूलों को मिला सर्टिफिकेट : नरहरपुर विकासखंड के शासकीय आश्रम प्राइमरी स्कूल चारभट्टी , शासकीय प्राइमरी स्कूल भेलवापारा चनार, शासकीय प्राइमरी स्कूल पंडरीपानी चंवाड़ और दुर्गुकोंदल विकासखंड के शासकीय प्राइमरी स्कूल कर्रामाड़ को प्लेटिनम सर्टिफिकेट मिला है.

नरहरपुर विकासखंड का शासकीय प्राइमरी स्कूल मुंजागोंदी मरकाटोला, दुर्गुकोंदल विकासखंड के शासकीय प्राइमरी स्कूल हल्बापारा मर्रामपानी और शासकीय प्राइमरी सकूल बोरकाटोला कोदापाखा, चारामा विकासखंड का शासकीय प्राइमरी स्कूल मांझीपारा पंडरीपानी, विकासखंड कांकेर का शासकीय प्राइमरी स्कूल माहुरबंदपारा को गोल्ड सर्टिफिकेट मिला है.

कोयलीबेड़ा विकासखंड का शासकीय प्राइमरी स्कूल पीव्ही 30 माटोली, भानुप्रतापपुर विकासखंड का शासकीय प्राइमरी स्कूल जंजालीपारा कोरर, चारामा विकासखंड का शासकीय प्राइमरी सकूल टिकरापारा गिरहौला और शासकीय प्राइमरी सकूल सिरसिदा बड़ेगौरी को सिल्वर सर्टिफिकेट मिला है.वहीं मिडिल स्कूल में बस्तर संभाग में केवल कांकेर जिला के एक स्कूल चारामा विकासखंड के शासकीय उच्च प्राइमरी स्कूल रतेसरा को सिल्वर सर्टिफिकेट मिला है.

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क्या है सुघ्घर पढ़वईया योजना : छग शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों को बेहतर और उत्कृष्ट बनाने के लिए एक नया योजना शुरू किया गया है. जिसे सुघ्घर पढ़वईया नाम दिया गया है. यह विद्यालय के लिए पूर्णतः स्वैच्छिक है और स्वप्रेरणा पर आधारित है. इस योजना के तहत शिक्षक स्वयं अपने स्कूल को उत्कृष्ट बनाने की चुनौती ले सकते हैं.

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