कांकेर: पूरे देश में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए लॉकडाउन कर दिया गया है. छत्तीसगढ़ में भी केंद्र सरकार के इस निर्देश का पालन किया जा रहा है. चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो गई है. वहीं कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को देखते हुए पहली बार नवरात्रि में कांकेर के शीतला मंदिर और सिंहवाहिनी मंदिर समेत सभी देवी मंदिरों में ज्योति कलश नहीं जलाने का फैसला किया गया है.
रियासतकाल से चली आ रही परंपरा को देखते हुए माता के दरबार में सिर्फ एक ज्योति कलश प्रज्ज्वलित की जाएगी. वहीं श्रद्धालुओं के ज्योति कलश इस साल मंदिर में प्रज्ज्वलित नहीं किए जाएंगे. शीतलापारा स्थित माता शीतला मंदिर में पिछले 40 वर्षों में यह पहली बार है, जब नवरात्र में ज्योति कलश प्रज्ज्वलित नहीं किए जाएंगे. माता शीतला के मंदिर में रियासतकाल से ज्योति कलश जलाया जा रहा है.
दूर-दूर से ज्योति कलश प्रज्ज्वलित करने आते हैं श्रद्धालु
मंदिर के पुजारी पुरन माली ने बताया कि 'शहर के ऐसे लोग जो विदेशों में बस गए हैं या दूसरे शहरों में रह रहे हैं वो भी ज्योति कलश प्रज्ज्वलित कराने नवरात्र में कांकेर आते हैं. हर साल यहां करीब 100 से ज्यादा लोग ज्योति कलश प्रज्ज्वलित कराने आते हैं, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से इस नवरात्र में ज्योति कलश प्रज्ज्वलित नहीं करने का फैसला लिया गया है.'
इसके साथ ही मंदिर के पुजारी ने शहर की जनता से अपील करते हुए कहा कि 'मंदिर के पट खुले रहेंगे, लोग एक साथ ज्यादा संख्या में मंदिर ना आएं और सरकार के नियमों का पालन करें.'