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कांकेर में प्रतिभा को "हवाई उड़ान", 80 % से ज्यादा मार्क्स लाने वाले मुसुरपुट्टा के बच्चे घूम रहे देश-विदेश

Initiative to fly children by airoplane in Kanker : कांकेर के मुसुरपुट्टा गांव के बच्चे नये कीर्तिमान गढ़ रहे हैं. इस गांव के बच्चों की शिक्षा का स्तर बीते 14 सालों में काफी ऊपर उठा है. बच्चों में पढ़ाई के प्रति ललक जगाई है गांव के ही अधिकारी-कर्मचारी प्रकोष्ठ ने. आखिर इसके पीछे का फॉर्मूला क्या है, आइये जानते हैं उन्हीं बच्चों से...

Initiative to fly children by airoplane in Kanker
80 प्रतिशत से ज्यादा मार्क्स लाने वाले मुसुरपुट्टा के बच्चे घूम रहे देश-विदेश
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Published : Mar 1, 2022, 2:57 PM IST

Updated : Mar 1, 2022, 7:10 PM IST

कांकेर : यूं तो छत्तीसगढ़ में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई योजनाएं चला रखी हैं. आम लोग इसमें सहयोग भी कर रहे हैं. शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार के लिए इन दिनों कांकेर जिले का एक छोटा सा गांव मुसुरपुट्टा खूब चर्चा में है. चर्चा इसलिए क्योंकि अब इस गांव के बच्चे शहरी स्टूडेंट्स को भी मात दे रहे हैं. पहले अगर गांव का कोई बच्चा 60 परसेंट मार्क्स भी ले आता था तो यह बड़ी बात होती थी. लेकिन अब यहां के बच्चे 85, 90 और 95 परसेंट मार्क्स लाकर न सिर्फ अपना, अपने परिवार का बल्कि गांव समेत पूरे जिले का नाम रोशन कर रहे हैं.

बाहर रहने वाले गांव के अधिकारी-कर्मचारियों ने बेहतर शिक्षा के लिए खोजी युक्ति...
गांव से बाहर पदस्थ इस गांव के अधिकारी-कर्मचारियों ने बच्चों की प्रतिभा को नया आयाम देने के लिए मुसुरपुट्टा में अनोखी पहल शुरू की. यह तय किया कि गांव का जो भी बच्चा 10वीं और 12वीं की परीक्षा में 80 % से अधिक अंक लाएगा, उसे हवाई जहाज में उड़न का मौका मिलेगा. साल 2008 से शुरू हुई इस पहल का परिणाम गांव के बच्चों के बेहतर होते रिजल्ट के रूप में सामने आया है. तब से 80 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले बच्चों की संख्या यहां लगातार बढ़ रही है. परीक्षा परिणाम करीब दोगुने बढ़ गए हैं.

80 प्रतिशत से ज्यादा मार्क्स लाने वाले मुसुरपुट्टा के बच्चे घूम रहे देश-विदेश

पुरस्कार में हर साल हवाई यात्रा करते हैं मुसुरपुट्टा के बच्चे
उत्तर बस्तर कांकेर जिला अंतर्गत दुधवा क्षेत्र के मुसुरपुट्टा गांव में हर साल ऐसे सभी बच्चों को हवाई जहाज से मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद और आगरा जैसे चुनिंदा स्थानों का भ्रमण कराया जा रहा है. टॉपर्स को तो नेपाल और भूटान तक की यात्रा कराई जाती है. इस गांव में कोई उद्योगपति नहीं बल्कि साधारण किसान और कुछ नौकरीपेशा परिवार का गांव है. यहां अधिकारी-कर्मचारी प्रकोष्ठ के करीब 100 से ज्यादा लोगों ने आपस में चंदा करके बच्चों को हवाई सैर कराने का सिलसिला शुरू किया था.

यह भी पढ़ें : पॉलिथीन से मुक्ति के लिए इस महिला ने की अनोखी पहल, बनीं ब्रांड एम्बेसडर, दर्ज कराए 56 रिकॉर्ड

पहली बार हवाई जहाज में बैठने का बहुत अच्छा रहा अनुभव : नीलम
साल 2017-18 में 12वीं में 76 प्रतिशत अंक लाने वाली नीलम साहू ने कहा कि गांव के अधिकारी-कर्मचारी प्रकोष्ठ के द्वारा मुझे नेपाल-भूटान ले जाया गया था. मैं पहली बार हवाई जहाज में बैठी, बहुत अच्छा अनुभव रहा था. मेरे छोटे भाई बहनों में भी यह देखकर पढ़ाई के प्रति एक अलग ही जुनून आ गया.

बहुत बढ़िया रहा फिल्म सिटी का अनुभव : प्रेमिका
प्रेमिका यादव ने बताया कि साल 2019 में पहली बार रामोजी राव फिल्म सिटी गई थी. गांव में कर्मचारी प्रकोष्ठ की तरफ से 10वीं में मेरा 84 प्रतिशत अंक आया. मुझे प्रोत्साहन के रूप में घुमाने ले जाया गया था. रामोजी फिल्म सिटी का अनुभव बहुत बढ़िया रहा. वहां मैंने एक्टर और फिल्मों का सेटअप देखा.

मर्जी से चंदा देते हैं प्रकोष्ठ के सभी सदस्य
रिटायर्ड आर्मी भीखम साहू ने बताया कि गांव में कर्मचारी-अधिकारी संघ बना हुआ है. इसमें करीब 100 लोग अपनी इच्छा से चंदा देते हैं. शुरुआती दौर में हमने बच्चों को साइकिल और अन्य सामान देकर पुरस्कृत करना शुरू किया. धीरे-धीरे यह सिलसिला शुरू हुआ और हमने टॉपर्स को भारत के चुनिंदा पर्यटन स्थल घुमाने का निर्णय लिया. आज बच्चों में कंपटीशन की भावना जागृत हुई है. बच्चे टॉप कर रहे हैं. इस साल हमने घोषणा की है कि जो बच्चा स्टेट टॉप टेन में आएगा, उसको 50 हजार रुपये दिये जाएंगे. अब तक 24 टॉपर बच्चों को भारत के चुनिंदा दर्शनीय स्थलों समेत नेपाल और भूटान तक ले जाया गया है.

यह भी पढ़ें : देश की जरूरत का 20% कोयला उत्पादन करता है छत्तीसगढ़, यहां कमी हुई तो कई राज्य झेलेंगे परेशानी

परीक्षा परिणाम पर दिखा असर
गांव में इस पहल के बाद वर्ष 2008-09 में 10वीं में इंदु मरकाम ने 50 प्रतिशत, और 12वीं में अरविंद भारती 64 प्रतिशत अंक के साथ टॉप पर रहे. साल 2009-10 में 10वीं में तेजांशु साहू को 76 प्रतिशत अंक और 12वीं में जागृति साहू को 76 प्रतिशत अंक मिले. वहीं साल 2010-11 में 10वीं में वीरेंद्र कुमार साहू को 50 प्रतिशत अंक और 12वीं में इंदु मरकाम को 61 प्रतिशत अंक मिले. इसके अलावा साल 2011-12 में 10वीं में रमाकांत नेताम को 66 प्रतिशत अंक और 12वीं में तेजांशु साहू को 86 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए.

लगातार बढ़ते रहे प्राप्तांक के आंकड़े
साल 2012-13 में 10वीं में भूपेंद्र साहू को 75 प्रतिशत अंक और 12वीं में आशुतोष चंद्रवंशी को 61 प्रतिशत अंक मिले. वहीं साल 2013-14 में 10वीं में उर्मिला निषाद को 75 प्रतिशत अंक और 12वीं में पूनम निषाद को 63 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए. 2014-15 में 10वीं में नीलम साहू को 63 प्रतिशत अंक और 12वीं में भूपेंद्र साहू को 70 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए. इसके अलावा साल 2015-16 में रिजल्ट में बड़ा उछाल आया. जब 10वीं में तुलसी निषाद को 91 प्रतिशत अंक और 12वीं में उपेंद्र कुमार साहू को 85 प्रतिशत अंक मिले. यह सिलसिला जारी रहा और साल 2019-20 में 10वीं में प्रतिभा यादव को 81.8 प्रतिशत अंक और 12वीं में दीपिका भास्कर को 81.4 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए. वहीं साल 2020-21 में 10वीं में खुशबू साहू को 97 प्रतिशत अंक और 12वीं में जानकी ओकरा को 90 प्रतिशत अंक पाने पर हवाई यात्रा कराई गई.

कांकेर : यूं तो छत्तीसगढ़ में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई योजनाएं चला रखी हैं. आम लोग इसमें सहयोग भी कर रहे हैं. शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार के लिए इन दिनों कांकेर जिले का एक छोटा सा गांव मुसुरपुट्टा खूब चर्चा में है. चर्चा इसलिए क्योंकि अब इस गांव के बच्चे शहरी स्टूडेंट्स को भी मात दे रहे हैं. पहले अगर गांव का कोई बच्चा 60 परसेंट मार्क्स भी ले आता था तो यह बड़ी बात होती थी. लेकिन अब यहां के बच्चे 85, 90 और 95 परसेंट मार्क्स लाकर न सिर्फ अपना, अपने परिवार का बल्कि गांव समेत पूरे जिले का नाम रोशन कर रहे हैं.

बाहर रहने वाले गांव के अधिकारी-कर्मचारियों ने बेहतर शिक्षा के लिए खोजी युक्ति...
गांव से बाहर पदस्थ इस गांव के अधिकारी-कर्मचारियों ने बच्चों की प्रतिभा को नया आयाम देने के लिए मुसुरपुट्टा में अनोखी पहल शुरू की. यह तय किया कि गांव का जो भी बच्चा 10वीं और 12वीं की परीक्षा में 80 % से अधिक अंक लाएगा, उसे हवाई जहाज में उड़न का मौका मिलेगा. साल 2008 से शुरू हुई इस पहल का परिणाम गांव के बच्चों के बेहतर होते रिजल्ट के रूप में सामने आया है. तब से 80 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले बच्चों की संख्या यहां लगातार बढ़ रही है. परीक्षा परिणाम करीब दोगुने बढ़ गए हैं.

80 प्रतिशत से ज्यादा मार्क्स लाने वाले मुसुरपुट्टा के बच्चे घूम रहे देश-विदेश

पुरस्कार में हर साल हवाई यात्रा करते हैं मुसुरपुट्टा के बच्चे
उत्तर बस्तर कांकेर जिला अंतर्गत दुधवा क्षेत्र के मुसुरपुट्टा गांव में हर साल ऐसे सभी बच्चों को हवाई जहाज से मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद और आगरा जैसे चुनिंदा स्थानों का भ्रमण कराया जा रहा है. टॉपर्स को तो नेपाल और भूटान तक की यात्रा कराई जाती है. इस गांव में कोई उद्योगपति नहीं बल्कि साधारण किसान और कुछ नौकरीपेशा परिवार का गांव है. यहां अधिकारी-कर्मचारी प्रकोष्ठ के करीब 100 से ज्यादा लोगों ने आपस में चंदा करके बच्चों को हवाई सैर कराने का सिलसिला शुरू किया था.

यह भी पढ़ें : पॉलिथीन से मुक्ति के लिए इस महिला ने की अनोखी पहल, बनीं ब्रांड एम्बेसडर, दर्ज कराए 56 रिकॉर्ड

पहली बार हवाई जहाज में बैठने का बहुत अच्छा रहा अनुभव : नीलम
साल 2017-18 में 12वीं में 76 प्रतिशत अंक लाने वाली नीलम साहू ने कहा कि गांव के अधिकारी-कर्मचारी प्रकोष्ठ के द्वारा मुझे नेपाल-भूटान ले जाया गया था. मैं पहली बार हवाई जहाज में बैठी, बहुत अच्छा अनुभव रहा था. मेरे छोटे भाई बहनों में भी यह देखकर पढ़ाई के प्रति एक अलग ही जुनून आ गया.

बहुत बढ़िया रहा फिल्म सिटी का अनुभव : प्रेमिका
प्रेमिका यादव ने बताया कि साल 2019 में पहली बार रामोजी राव फिल्म सिटी गई थी. गांव में कर्मचारी प्रकोष्ठ की तरफ से 10वीं में मेरा 84 प्रतिशत अंक आया. मुझे प्रोत्साहन के रूप में घुमाने ले जाया गया था. रामोजी फिल्म सिटी का अनुभव बहुत बढ़िया रहा. वहां मैंने एक्टर और फिल्मों का सेटअप देखा.

मर्जी से चंदा देते हैं प्रकोष्ठ के सभी सदस्य
रिटायर्ड आर्मी भीखम साहू ने बताया कि गांव में कर्मचारी-अधिकारी संघ बना हुआ है. इसमें करीब 100 लोग अपनी इच्छा से चंदा देते हैं. शुरुआती दौर में हमने बच्चों को साइकिल और अन्य सामान देकर पुरस्कृत करना शुरू किया. धीरे-धीरे यह सिलसिला शुरू हुआ और हमने टॉपर्स को भारत के चुनिंदा पर्यटन स्थल घुमाने का निर्णय लिया. आज बच्चों में कंपटीशन की भावना जागृत हुई है. बच्चे टॉप कर रहे हैं. इस साल हमने घोषणा की है कि जो बच्चा स्टेट टॉप टेन में आएगा, उसको 50 हजार रुपये दिये जाएंगे. अब तक 24 टॉपर बच्चों को भारत के चुनिंदा दर्शनीय स्थलों समेत नेपाल और भूटान तक ले जाया गया है.

यह भी पढ़ें : देश की जरूरत का 20% कोयला उत्पादन करता है छत्तीसगढ़, यहां कमी हुई तो कई राज्य झेलेंगे परेशानी

परीक्षा परिणाम पर दिखा असर
गांव में इस पहल के बाद वर्ष 2008-09 में 10वीं में इंदु मरकाम ने 50 प्रतिशत, और 12वीं में अरविंद भारती 64 प्रतिशत अंक के साथ टॉप पर रहे. साल 2009-10 में 10वीं में तेजांशु साहू को 76 प्रतिशत अंक और 12वीं में जागृति साहू को 76 प्रतिशत अंक मिले. वहीं साल 2010-11 में 10वीं में वीरेंद्र कुमार साहू को 50 प्रतिशत अंक और 12वीं में इंदु मरकाम को 61 प्रतिशत अंक मिले. इसके अलावा साल 2011-12 में 10वीं में रमाकांत नेताम को 66 प्रतिशत अंक और 12वीं में तेजांशु साहू को 86 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए.

लगातार बढ़ते रहे प्राप्तांक के आंकड़े
साल 2012-13 में 10वीं में भूपेंद्र साहू को 75 प्रतिशत अंक और 12वीं में आशुतोष चंद्रवंशी को 61 प्रतिशत अंक मिले. वहीं साल 2013-14 में 10वीं में उर्मिला निषाद को 75 प्रतिशत अंक और 12वीं में पूनम निषाद को 63 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए. 2014-15 में 10वीं में नीलम साहू को 63 प्रतिशत अंक और 12वीं में भूपेंद्र साहू को 70 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए. इसके अलावा साल 2015-16 में रिजल्ट में बड़ा उछाल आया. जब 10वीं में तुलसी निषाद को 91 प्रतिशत अंक और 12वीं में उपेंद्र कुमार साहू को 85 प्रतिशत अंक मिले. यह सिलसिला जारी रहा और साल 2019-20 में 10वीं में प्रतिभा यादव को 81.8 प्रतिशत अंक और 12वीं में दीपिका भास्कर को 81.4 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए. वहीं साल 2020-21 में 10वीं में खुशबू साहू को 97 प्रतिशत अंक और 12वीं में जानकी ओकरा को 90 प्रतिशत अंक पाने पर हवाई यात्रा कराई गई.

Last Updated : Mar 1, 2022, 7:10 PM IST
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