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आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से गर्भवती और एनीमिक महिलाओं को दिया जा रहा है गरम खाना

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Published : Sep 17, 2020, 4:11 PM IST

कोरोना काल में भी बच्चों के पोषण स्तर को बनाए रखने और स्वास्थ्य सुविधा के लिए प्रदेश के आंगनबाड़ी केन्द्रों को 7 सितंबर से फिर से शुरू कर दिया गया है. जिसके तहत कांकेर के आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से 6 हजार 390 गर्भवती माताओं और 8 हजार 149 एनीमिक महिलाओं को गरम खाना दिया जा रहा है. साथ ही इस दौरान आंगनबाड़ी में कोविड-19 के नियमों का पालन किया जा रहा है.

Hot food is being given to pregnant and Anemic women in the Anganwadi centers of Kanker
कांकेर में गर्भवती और एनीमिक महिलाओं को दिया जा रहा है गरम खाना

कांकेर: कोरोना से बचाव और नियंत्रण के लिए जिले में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों को मार्च महीने से बंद कर दिया गया था. वहीं इस कोरोना काल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के ने घर-घर जाकर सूखा राशन वितरण किया था. राज्य सरकार ने कुपोषण की रोकथाम के लिए कारगर कदम उठाए हैं. इसके तहत बच्चों के पोषण स्तर को बनाए रखने और स्वास्थ्य सुविधा के लिए अब आंगनबाड़ी केन्द्रों को 7 सितंबर से फिर से शुरू कर दिया गया है.

कांकेर जिले में 2108 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है, जिसमें राष्ट्रीय पोषण माह और मुख्यमंत्री सुपोषण कार्यक्रम के तहत 3 से 6 साल के 24 हजार 155 बच्चे, 6 हजार 390 गर्भवती माताओं और 8 हजार 149 एनीमिक महिलाओं को गरम खाना दिया जा रहा है. राष्ट्रीय पोषण माह योजनांतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से गरम भोजन की सेवाएं शुरू करने के लिए योजना बनाकर कार्य किया जा रहा है. इसके तहत जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों को खोल दिया गया हैं. हालांकि कंटेनमेंट जोन में आने वाले आंगनबाड़ी केन्द्रों को बंद रखने का फैसला लिया गया है.

पढ़ें: फिर से गुलजार हुए आंगनबाड़ी केंद्र, कोरोना ने किया था वीरान

आंगनबाड़ी केन्द्रों को संचालन करने के पहले सैनिटाइजेशन कर ब्लीचिंग पाउडर से सफाई कराई गई. आंगनबाड़ी केन्द्र में हितग्राहियों को प्रवेश करने के पहले साबुन से हाथ धुलाई और सैनिटाइज कराया जा रहा है. जबकि खाना बनाने से पहले बर्तनों को गरम पानी से साफ करवाया जा रहा है. वहीं खाना परोसते समय थाली में आवश्यकतानुसार पत्तल और केला पत्ता रखा जा रहा है. जानकारी के मुताबिक गर्भवती और एनीमिक हितग्राहियों को आंगनबाड़ी केन्द्रों में अलग-अलग समय पर बुलाया गया है, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके.

महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने दी जानकारी

महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि एक समय में 15 से ज्यादा हितग्राहियों को आंगनबाड़ी केन्द्र में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है . वहीं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पूरे आंगनबाड़ी की साफ-सफाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि कोरोना से बचाव और नियंत्रण के लिए हितग्राहियों को जागरूक करते हुए आंगनबाड़ी केन्द्रों में गरम भोजन दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी और सेक्टर पर्यवेक्षकों की ओर से आंगनबाड़ी केन्द्रों का नियमित निरीक्षण कर राष्ट्रीय पोषण माह और मुख्यमंत्री सुपोषण कार्यक्रम की सतत मानिटरिंग की जा रही है.

कांकेर: कोरोना से बचाव और नियंत्रण के लिए जिले में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों को मार्च महीने से बंद कर दिया गया था. वहीं इस कोरोना काल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के ने घर-घर जाकर सूखा राशन वितरण किया था. राज्य सरकार ने कुपोषण की रोकथाम के लिए कारगर कदम उठाए हैं. इसके तहत बच्चों के पोषण स्तर को बनाए रखने और स्वास्थ्य सुविधा के लिए अब आंगनबाड़ी केन्द्रों को 7 सितंबर से फिर से शुरू कर दिया गया है.

कांकेर जिले में 2108 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है, जिसमें राष्ट्रीय पोषण माह और मुख्यमंत्री सुपोषण कार्यक्रम के तहत 3 से 6 साल के 24 हजार 155 बच्चे, 6 हजार 390 गर्भवती माताओं और 8 हजार 149 एनीमिक महिलाओं को गरम खाना दिया जा रहा है. राष्ट्रीय पोषण माह योजनांतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से गरम भोजन की सेवाएं शुरू करने के लिए योजना बनाकर कार्य किया जा रहा है. इसके तहत जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों को खोल दिया गया हैं. हालांकि कंटेनमेंट जोन में आने वाले आंगनबाड़ी केन्द्रों को बंद रखने का फैसला लिया गया है.

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आंगनबाड़ी केन्द्रों को संचालन करने के पहले सैनिटाइजेशन कर ब्लीचिंग पाउडर से सफाई कराई गई. आंगनबाड़ी केन्द्र में हितग्राहियों को प्रवेश करने के पहले साबुन से हाथ धुलाई और सैनिटाइज कराया जा रहा है. जबकि खाना बनाने से पहले बर्तनों को गरम पानी से साफ करवाया जा रहा है. वहीं खाना परोसते समय थाली में आवश्यकतानुसार पत्तल और केला पत्ता रखा जा रहा है. जानकारी के मुताबिक गर्भवती और एनीमिक हितग्राहियों को आंगनबाड़ी केन्द्रों में अलग-अलग समय पर बुलाया गया है, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके.

महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने दी जानकारी

महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि एक समय में 15 से ज्यादा हितग्राहियों को आंगनबाड़ी केन्द्र में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है . वहीं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पूरे आंगनबाड़ी की साफ-सफाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि कोरोना से बचाव और नियंत्रण के लिए हितग्राहियों को जागरूक करते हुए आंगनबाड़ी केन्द्रों में गरम भोजन दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी और सेक्टर पर्यवेक्षकों की ओर से आंगनबाड़ी केन्द्रों का नियमित निरीक्षण कर राष्ट्रीय पोषण माह और मुख्यमंत्री सुपोषण कार्यक्रम की सतत मानिटरिंग की जा रही है.

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