कांकेर: नरहरपुर के किशनपुरी गांव में वन विभाग की उड़नदस्ता टीम ने छापा मार बाघ का खाल बरामद किया है. मामले में 3 आरोपियों की तलाश अभी जारी है. इस क्षेत्र में बाघ की मौजूदगी वन विभाग के रिकॉर्ड में शून्य है. ऐसे में यहां से बाघ का खाल जब्त होने से वन विभाग में हड़कंप मच गया है. बताया जा रहा है कि इंद्रावती टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बाघ का शिकार किया गया है.
जानकारी के मुताबिक बीते 29 नवंबर को अचानक मार्ग टाइगर रिजर्व की स्पेशल टीम को इस बात की जानकारी मिली थी कि बीजापुर में बाघ के खाल का सौदा हो रहा है. इस पर आरोपियों से वन विभाग की ओर से सौदा करने का प्रयास किया गया. ताकि आरोपियों तक पहुंचा जा सके. इस पर आरोपियों ने पैसा झराने वाले बाबा (तांत्रिक) की तलाश करने की बात कही.
तांत्रिक बनकर पहुंचे अधिकारी
वन विभाग ने अपने ही एक व्यक्ति को बाबा बनाकर आरोपियों से संपर्क करवाया और आरोपियों के बताए पते पर भेजा. जहां आरोपियों ने बाघ के खाल से पैसा झरने के अंधविश्वास में पूजा पाठ की पूरी तैयरी कर रखी थी. जैसे ही किशनपुरी गांव में वन विभाग का कर्मचारी बाबा बनकर आरोपियों से मिला. अचानकमार टाइगर रिजर्व की स्पेशल टीम संदीप सिंह के नेतृत्व में वहां पहुंची और आरोपियों को बाघ के खाल समेत गिरफ्तार किया है. हालांकि मामले में अभी भी 3 आरोपी फरार हैं.
पुलिस आरक्षक है दो आरोपी
बाघ के खाल के साथ पकड़े गए 9 आरोपियों में से 2 आरोपी कोंडागांव पुलिस में आरक्षक है. मामले के तार बीजापुर से भी जुड़े हैं. जहां अन्य आरोपियों की तलाश में टीम रवाना कर दी गई है.
बढ़ सकते हैं आरोपी
CCF जेआर नायक ने बताया कि अभी तक 9 आरोपी पकड़े गए हैं. 3 आरोपियों की तलाश जारी है. नायक ने कहा कि मामले में आरोपियों की संख्या बढ़ सकती है.