कांकेर: बागडोंगरी गांव के एक घर में तेंदुआ घुस गया था, जिसे वन विभाग की टीम अब तक रेस्क्यू नहीं कर पाई है. तेंदुआ रात तकरीबन 3 बजे जंगल की ओर भाग निकला. देर रात जब हलचल होने पर घर के अंदर देखा गया तो तेंदुआ वहां पर नहीं था. सुबह तेंदुए के पैरों के निशान घर के बाहर देखे गए.
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रविवार की सुबह जंगल से भटक कर बागडोंगरी गांव के में तेंदुआ घुस आया था. इस तेंदुए के घर पर होने की सूचना के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची थी और तेंदुए को रेस्क्यू करने की कोशिश कर रही थी. इस बीच रायपुर से भी एक्सपर्ट की टीम भी ट्रैंकुलाइज करके पकड़ने के लिए बुलाई गई थी, लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी. देर रात करीब 3 बजे हलचल हुई, जिसके बाद जब घर के अंदर का मुआयना किया गया तो तेंदुआ वहां नही था. सुबह तेंदुए के पैरों के निशान देख इस बात का अंदाजा लगाया गया कि तेंदुआ भाग निकला है, तेंदुआ को ट्रैंकुलाइज करने घर के छत की खपरैल हटाई गई थी, उसी रास्ते से तेंदुआ भाग निकला है.
3 लोगों पर हमले का प्रयास
बताया जा रहा है कि सुबह एक ग्रामीण अपने खेत की तरफ जा रहा था, जिसपर अचानक तेंदुआ ने हमला कर दिया. ग्रामीण ने आत्मरक्षा करते हुए अपने पास रखे डंडे से तेंदुआ पर वार कर खुद की जान बचाई. जिसके बाद तेंदुआ पास में मौजूद एक घर में घुस गया. जंगल से भटक कर गांव की तरफ पहुचे तेंदुए ने 3 लोगों पर हमले का प्रयास किया. तेंदुए के हमले से किसी को कोई चोट नहीं पहुंची. जिसके बाद तेंदुआ घर में घुस गया था, जहां तेंदुआ करीब 18 घंटे बैठा रहा. तेंदुआ के भाग निकलने से वन अमले ने राहत की सांस ली है, लेकिन रेस्क्यू नहीं कर पाने से उनके कार्यप्रणाली पर सवाल जरूर खड़े हो रहे हैं.
दहशत में ग्रामीण
तेंदुए के गांव के भीतर घुस आने से गांव में दहशत बनी हुई थी, वही तेंदुए के भाग निकलने के बाद भी ग्रामीण डरे हुए हैं, ग्रामीणों का कहना है कि तेंदुआ गांव से वाकिफ हो चुका है और वह फिर भोजन-पानी की तलाश में इस ओर आ सकता है. ऐसे में वन विभाग को चाहिए था कि रेस्क्यू कर उसे दूर जंगल मे छोड़ सके.