कांकेर : आग लगने के बाद करने वाले उपायों के प्रशिक्षण में बताया गया कि अग्निशामक यंत्र का उपयोग किस तरह आग बुझाने में किया जाता है.आग लगने के बाद उसे कैसे बुझाया जाता है. District Hospital of Kanker में ट्रेनिंग लेने के बाद कर्मचारियों ने मौके पर प्रैक्टिकल भी किया.ताकि आग लगने के समय उन्हें उपकरण के इस्तेमाल करने में किसी भी तरह की कोई परेशानी ना हो. इस दौरान मुख्य स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी अविनाश खरे ने कहा कि '' पिछले कुछ समय में देखा गया है कि कई जगहों पर अस्पताल में आगजनी की घटनाएं सामने आई है. जिसमें जनहानि भी हुई है. इसी के मद्देनजर छत्तीसगढ़ शासन ने आदेश दिया है कि सभी अस्पतालों में फायर ऑडिट किया Maternal and Child Health Department Albela Para जाए. जिसके तहत कांकेर जिला अस्पताल में फायर ऑडिट किया Fire Safety Training at District Hospital गया.
कैसे ली गई ट्रेनिंग : मुख्य स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी अविनाश खरे ने कहा कि '' आग से काबू पाने के लिए ट्रेंनिग दिया गया. इस ट्रेंनिग को जिला सेनानी के जवानों ने दिया है. उन्होंने हमलोग को यह भी बताया कि कितने तरह की आग होती है उसे कैसे बुझाया जाना चाहिए. उससे कोई घटना सामने आए तो उससे बचने के लिए क्या - क्या प्लान होने चाहिए यह बताया गया.कांकेर में अभी फायर सेफ्टी सिस्टम लगाना है जिसका काम प्रगति में है." मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की माने तो आग के कारण कई मौकों पर विशेषज्ञ मौजूद नहीं रहते.यदि अस्पताल का हर एक कर्मचारी आग बुझाने की ट्रेनिंग ले लेगा तो कम से कम आपात समय में वो खुद फैसला ले सकता है.
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किन किन लोगों ने ली ट्रेनिंग :आग से काबू पाए जाने के प्रशिक्षण में अग्निशामक केन्द्र प्रभारी शत्रुघन सिन्हा, फायरमैन विनोद रावटे, सुखचंद कश्यप, फायर वाहन चालक गोविंद जैन, हवलदार, नगर सेना भोजुराम हिरवानी, सैनिक दिलेश नागराज फरस कवाची नरेश नेताम, लुकेश दर्रो, गोवदिं गोस्वामी, प्रकाश चौधरी के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर संयुक्त संचालक सह अस्पताल अधीक्षक डॉ. टीकू सिन्हा, सिविल सर्जन डॉ. संजय बसाक, डॉ. अन्नू इक्का, डॉ. मेहन्त नाग, डॉ. मनीष जैन, डॉ. अनूप पदमवार एवं अस्पताल में कार्यरत कर्मचारी उपस्थित थे.kanker latest news