कांकेर: केंद्र सरकार की 'भारतमाला परियाेजना' (Bharatmala pariyojna) के तहत बनाई जा रही सड़क जिले के कुछ हिस्सों से गुजर रही है. जिसके लिए नरहरपुर क्षेत्र के कुछ गांव के किसानों की जमीन को अधिग्रहण किया जाना है. लेकिन जमीन के बदले किसानों को जो मुआवजा दिया जाना है, उससे वे खासे असंतुष्ट नजर आ रहे हैं. जिसके बाद पर्याप्त मुआवजे की मांग लेकर जिला कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.
केंद्र सरकार की 'भारतमाला परियाेजना' के तहत बनाई जा रही सड़क छत्तीसगढ़ में रायपुर से धमतरी होते हुए कांकेर के नरहरपुर ब्लॉक से होकर विशाखापटनम की ओर जाएगी. जिसके चलते कांकेर के नरहरपुर ब्लॉक के कई किसान प्रभावित हाे रहे हैं, जिन्हें मुआवजा दिए जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इस बीच किसानों को जानकारी मिली कि उन्हें उनकी जमीन के लिए बहुत ही कम मुआवजा दिया जा रहा है. जिसके बाद ग्राम पंचायत मुसुरपुट्टा, मांडाभर्री सहित अन्य गांव के किसान अपनी समस्या लेकर जिला कार्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने कलेक्टर को अपनी समस्याओं से अवगत करवाया.
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भूमि मूल्य निर्धारण से असंतुष्ट हैं किसान
किसानों ने ज्ञापन के माध्यम से कहा कि इस संबंध में किसी प्रकार की लिखित सूचना हमें अब तक नहीं मिली है. लेकिन हल्का पटवारी ने जानकारी दी कि मुआवजा राशि शासन से प्राप्त होना है. जिसमें हमारी जमीन के मूल्य का आंकलन कम किया जा रहा है. जिससे हम संतुष्ट नहीं हैं. किसानों का कहना है कि अगर वे अपनी जमीन खुले बाजार में बेचते हैं तो उन्हें अधिक राशि मिलेगी. जिससे यह साफ है कि भूमि मूल्य निर्धारण प्रक्रिया में उचित गणना नहीं की गई है.
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उचित मूल्य निर्धारण की कलेक्टर से सांग
किसानों ने कलेतक्टर से मांग की उनके पास कृषि भूमि के अलावा कोई अन्य आय के स्त्रोत नहीं है. इसलिए भूमि का अधिग्रहण कर जो मुआवजा दिया जा रहा है, उसमें फिर से जीवनोपार्जन की सुविधा का निर्माण नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि भूमि का उचित आंकलन कर मुआवजा प्रदान किया जाए