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पखांजूर: धान का रोपा लगाने में व्यस्त हुए किसान

पखांजूर के परलकोट क्षेत्र में मानसून ने दस्तक देते ही किसानों ने धान की बोआई शुरू कर दी है.

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धान का रोपा लगाने में व्यस्त हुए किसान
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Published : Jun 29, 2020, 6:04 PM IST

पखांजूर\कांकेर: परलकोट क्षेत्र में मानसून ने दस्तक देते ही किसानों ने धान की बोआई शुरू कर दी है. पखांजूर के किसानों ने धान का पत्ता बो दिया है. पत्ता बोने के 21 दिनों बाद किसानों ने धान का रोपण शुरू कर दिया है.

धान का रोपा लगाने में व्यस्त हुए किसान

हजारों हेक्टेयर में धान की खेती

छत्तीसगढ़ राज्य को धान का कटोरा कहा जाता हैं और राज्य में सबसे ज्यादा धान की खेती एवं उत्पादन कांकेर जिले के परलकोट क्षेत्र में होती है. जिले के परलकोट क्षेत्र में कई हजार हेक्टेयर जमीन पर भारी मात्रा में धान की पैदावार की जाती हैं. इससे पहले किसानों ने मक्का की खेती की थी.

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धान का रोपा लगाने में व्यस्त हुए किसान

कवर्धा: पंडरिया ब्लॉक में जमकर बरसे बदरा, किसानों के खिले चेहरे

आधे दामों में किसानों ने बेचा था मक्का

बता दें की इस वर्ष गर्मी शुरू होते ही कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. मक्के की खेती भी लॉकडाउन में पूरी तरह बर्बाद हो गई. किसानों को लगभग आधे दामों में अपने मक्के की फसल बेचनी पड़ी थी.

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धान का रोपा लगाने में व्यस्त हुए किसान

मानसून2020: झमाझम बारिश से किसानों के खिले चेहरे, धान की बुआई शुरू

मानसून और सरकार से किसानों को उम्मीद

किसानों को अब मानसून से उम्मीद है. मानसून के आने से परलकोट क्षेत्र में लगातार बीते हफ्ते झमाझम बारिश हुई. जिसके बाद किसानों ने बोआई शुरू कर दी. लेकिन अब पानी नहीं बरस रहा है जिससे किसान बोर और तालाब से खेतों की सिंचाई कर रहे है. किसानों को लॉकडाउन के बाद अब इस मुश्किल समय में सरकार से मदद का इंतजार है.

पखांजूर\कांकेर: परलकोट क्षेत्र में मानसून ने दस्तक देते ही किसानों ने धान की बोआई शुरू कर दी है. पखांजूर के किसानों ने धान का पत्ता बो दिया है. पत्ता बोने के 21 दिनों बाद किसानों ने धान का रोपण शुरू कर दिया है.

धान का रोपा लगाने में व्यस्त हुए किसान

हजारों हेक्टेयर में धान की खेती

छत्तीसगढ़ राज्य को धान का कटोरा कहा जाता हैं और राज्य में सबसे ज्यादा धान की खेती एवं उत्पादन कांकेर जिले के परलकोट क्षेत्र में होती है. जिले के परलकोट क्षेत्र में कई हजार हेक्टेयर जमीन पर भारी मात्रा में धान की पैदावार की जाती हैं. इससे पहले किसानों ने मक्का की खेती की थी.

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आधे दामों में किसानों ने बेचा था मक्का

बता दें की इस वर्ष गर्मी शुरू होते ही कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. मक्के की खेती भी लॉकडाउन में पूरी तरह बर्बाद हो गई. किसानों को लगभग आधे दामों में अपने मक्के की फसल बेचनी पड़ी थी.

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मानसून और सरकार से किसानों को उम्मीद

किसानों को अब मानसून से उम्मीद है. मानसून के आने से परलकोट क्षेत्र में लगातार बीते हफ्ते झमाझम बारिश हुई. जिसके बाद किसानों ने बोआई शुरू कर दी. लेकिन अब पानी नहीं बरस रहा है जिससे किसान बोर और तालाब से खेतों की सिंचाई कर रहे है. किसानों को लॉकडाउन के बाद अब इस मुश्किल समय में सरकार से मदद का इंतजार है.

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