कांकेर: जिले के नरहरपुर ब्लॉक में इन दिनों हाथियों के दल ने आतंक मचा रखा है. हाथियों ने मुरुमतरा गांव में लगभग 15 एकड़ की फसल बर्बाद कर दी है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. मई महीने में इस इलाके में पहुंचे चंदा हाथी के दल ने एक बार फिर इलाके में दस्तक दी है. पिछले 8 दिनों से हाथियों का झुंड इस इलाके में दहशत का पर्याय बना हुआ है. किसानों की फसल को हुए नुकसान को लेकर वन अमले ने मौके पर पहुंचकर जायजा लिया और किसानों को मुआवजा देने की बात कही है. ETV भारत की टीम ने मुरुमतरा गांव पहुंचकर हालात का जायजा लिया कि किस तरह हाथियों के आतंक से ग्रामीण परेशान हैं.
मुरुमतरा गांव में 16 सितंबर की शाम 21 हाथियों के दल ने धमतरी जिले के जंगल के रास्ते दस्तक दी है. हाथियों का यह दल एक हफ्ते तक मुरुमतरा गांव में ही मौजूद रहा और खेतों में लगे धान के फसल को जमकर नुकसान पहुंचाया है. गांव में लगभग 15 एकड़ की फसल बर्बाद हो चुकी है, जिसे लेकर किसानों ने मुआवजे की मांग की है.
वन विभाग ने किसानों को नुकसान का उचित मुआवजा दिलवाने का आश्वसन दिया है. हाथियों ने एक निर्माणाधीन मकान कि दीवार भी गिरा दी है. हाथियों के आतंक के चलते ग्रामीणों की रातों की नींद उड़ी हुई है. ग्रामीण रातों में घर के बाहर आग जलाकर बैठ रहे. खेतों में हाथी ना घुसे इसके लिए भी ग्रामीण हाथों में मशाल लेकर खेतों की रखवाली करते रहे.
दो हिस्से में बंटा हाथियों का दल
वन विभाग के अनुसार हाथियों का दल मुरुमतरा के जंगल से आगे बढ़ते हुए दो हिस्से में बंट गया है और 13 हाथी भानपुरी के जंगल की ओर बढ़े हैं. जबकि शेष हाथी मुरुमतरा के आस-पास ही मौजूद हैं. यह वही चंदा हाथी का दल है, जो कि मई महीने में भी इस गांव में घुसा था. चंदा हाथी इस दल की मुखिया है. जिसके गले में वन विभाग ने कॉलर आईडी लगाई हुई है, जिससे इनकी लोकेशन ट्रेस की जा रही है.
गर्भवती हथिनी ने बच्चे को दिया जन्म
ग्रामीणों ने बताया कि एक गर्भवती हथिनी ने मुरुमतरा गांव के नजदीक ही एक खेत में बच्चे को जन्म दिया है. जिसके बाद हाथी 5 दिनों तक एक ही जगह पर डेरा डाले हुए थे. जिसके बाद आगे बढ़ते हुए हाथियों ने फसलों को कुचल डाला है और कुछ घरों को भी नुकसान पहुंचाया है.
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रेंजर कैलाश ठाकुर ने बताया कि वन अमला हाथियों की लोकेशन पर नजर बनाए हुए है. हाथी फिलहाल चारामा रेंज के भानपुरी के जंगल की ओर बढ़े हैं, लेकिन वो इसी रास्ते वापस भी लौट सकते हैं. जिसे देखते हुए ग्रामीणों से भी सतर्कता बरतने की अपील की जा रही है.