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कांकेर: रात के अंधेर में हाथियों ने बर्बाद की किसानों की फसल, वन विभाग ने दिया मुआवजे का आश्वासन

कांकेर के नरहरपुर ब्लॉक के मुरुमतरा गांव में लगभग 15 एकड़ की फसल बर्बाद कर दी है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. किसानों ने मुआवजे की मांग की है. वन विभाग ने किसानों को नुकसान का उचित मुआवजा दिलवाने का आश्वसन दिया है. वन विभाग के अनुसार हाथियों का दल मुरुमतरा के जंगल से आगे बढ़ते हुए दो हिस्से में बंट गया है और 13 हाथी भानपुरी के जंगल की ओर बढ़े हैं.

कांकेर में हाथियों का उत्पात
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Published : Sep 25, 2020, 2:20 PM IST

Updated : Sep 25, 2020, 3:35 PM IST

कांकेर: जिले के नरहरपुर ब्लॉक में इन दिनों हाथियों के दल ने आतंक मचा रखा है. हाथियों ने मुरुमतरा गांव में लगभग 15 एकड़ की फसल बर्बाद कर दी है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. मई महीने में इस इलाके में पहुंचे चंदा हाथी के दल ने एक बार फिर इलाके में दस्तक दी है. पिछले 8 दिनों से हाथियों का झुंड इस इलाके में दहशत का पर्याय बना हुआ है. किसानों की फसल को हुए नुकसान को लेकर वन अमले ने मौके पर पहुंचकर जायजा लिया और किसानों को मुआवजा देने की बात कही है. ETV भारत की टीम ने मुरुमतरा गांव पहुंचकर हालात का जायजा लिया कि किस तरह हाथियों के आतंक से ग्रामीण परेशान हैं.

कांकेर में हाथियों का उत्पात

मुरुमतरा गांव में 16 सितंबर की शाम 21 हाथियों के दल ने धमतरी जिले के जंगल के रास्ते दस्तक दी है. हाथियों का यह दल एक हफ्ते तक मुरुमतरा गांव में ही मौजूद रहा और खेतों में लगे धान के फसल को जमकर नुकसान पहुंचाया है. गांव में लगभग 15 एकड़ की फसल बर्बाद हो चुकी है, जिसे लेकर किसानों ने मुआवजे की मांग की है.

elephants destroyed crops in kanker
हाथियों ने गिराई मकान की दीवार

वन विभाग ने किसानों को नुकसान का उचित मुआवजा दिलवाने का आश्वसन दिया है. हाथियों ने एक निर्माणाधीन मकान कि दीवार भी गिरा दी है. हाथियों के आतंक के चलते ग्रामीणों की रातों की नींद उड़ी हुई है. ग्रामीण रातों में घर के बाहर आग जलाकर बैठ रहे. खेतों में हाथी ना घुसे इसके लिए भी ग्रामीण हाथों में मशाल लेकर खेतों की रखवाली करते रहे.

elephants destroyed crops in kanker
हाथियों ने किया फसलों को बर्बाद

दो हिस्से में बंटा हाथियों का दल

वन विभाग के अनुसार हाथियों का दल मुरुमतरा के जंगल से आगे बढ़ते हुए दो हिस्से में बंट गया है और 13 हाथी भानपुरी के जंगल की ओर बढ़े हैं. जबकि शेष हाथी मुरुमतरा के आस-पास ही मौजूद हैं. यह वही चंदा हाथी का दल है, जो कि मई महीने में भी इस गांव में घुसा था. चंदा हाथी इस दल की मुखिया है. जिसके गले में वन विभाग ने कॉलर आईडी लगाई हुई है, जिससे इनकी लोकेशन ट्रेस की जा रही है.

गर्भवती हथिनी ने बच्चे को दिया जन्म

ग्रामीणों ने बताया कि एक गर्भवती हथिनी ने मुरुमतरा गांव के नजदीक ही एक खेत में बच्चे को जन्म दिया है. जिसके बाद हाथी 5 दिनों तक एक ही जगह पर डेरा डाले हुए थे. जिसके बाद आगे बढ़ते हुए हाथियों ने फसलों को कुचल डाला है और कुछ घरों को भी नुकसान पहुंचाया है.

पढ़ें- बलरामपुर: कुमकी हाथियों से भी नहीं मिली राहत, कम नहीं हो रहा जंगली हाथियों का आतंक

रेंजर कैलाश ठाकुर ने बताया कि वन अमला हाथियों की लोकेशन पर नजर बनाए हुए है. हाथी फिलहाल चारामा रेंज के भानपुरी के जंगल की ओर बढ़े हैं, लेकिन वो इसी रास्ते वापस भी लौट सकते हैं. जिसे देखते हुए ग्रामीणों से भी सतर्कता बरतने की अपील की जा रही है.

कांकेर: जिले के नरहरपुर ब्लॉक में इन दिनों हाथियों के दल ने आतंक मचा रखा है. हाथियों ने मुरुमतरा गांव में लगभग 15 एकड़ की फसल बर्बाद कर दी है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. मई महीने में इस इलाके में पहुंचे चंदा हाथी के दल ने एक बार फिर इलाके में दस्तक दी है. पिछले 8 दिनों से हाथियों का झुंड इस इलाके में दहशत का पर्याय बना हुआ है. किसानों की फसल को हुए नुकसान को लेकर वन अमले ने मौके पर पहुंचकर जायजा लिया और किसानों को मुआवजा देने की बात कही है. ETV भारत की टीम ने मुरुमतरा गांव पहुंचकर हालात का जायजा लिया कि किस तरह हाथियों के आतंक से ग्रामीण परेशान हैं.

कांकेर में हाथियों का उत्पात

मुरुमतरा गांव में 16 सितंबर की शाम 21 हाथियों के दल ने धमतरी जिले के जंगल के रास्ते दस्तक दी है. हाथियों का यह दल एक हफ्ते तक मुरुमतरा गांव में ही मौजूद रहा और खेतों में लगे धान के फसल को जमकर नुकसान पहुंचाया है. गांव में लगभग 15 एकड़ की फसल बर्बाद हो चुकी है, जिसे लेकर किसानों ने मुआवजे की मांग की है.

elephants destroyed crops in kanker
हाथियों ने गिराई मकान की दीवार

वन विभाग ने किसानों को नुकसान का उचित मुआवजा दिलवाने का आश्वसन दिया है. हाथियों ने एक निर्माणाधीन मकान कि दीवार भी गिरा दी है. हाथियों के आतंक के चलते ग्रामीणों की रातों की नींद उड़ी हुई है. ग्रामीण रातों में घर के बाहर आग जलाकर बैठ रहे. खेतों में हाथी ना घुसे इसके लिए भी ग्रामीण हाथों में मशाल लेकर खेतों की रखवाली करते रहे.

elephants destroyed crops in kanker
हाथियों ने किया फसलों को बर्बाद

दो हिस्से में बंटा हाथियों का दल

वन विभाग के अनुसार हाथियों का दल मुरुमतरा के जंगल से आगे बढ़ते हुए दो हिस्से में बंट गया है और 13 हाथी भानपुरी के जंगल की ओर बढ़े हैं. जबकि शेष हाथी मुरुमतरा के आस-पास ही मौजूद हैं. यह वही चंदा हाथी का दल है, जो कि मई महीने में भी इस गांव में घुसा था. चंदा हाथी इस दल की मुखिया है. जिसके गले में वन विभाग ने कॉलर आईडी लगाई हुई है, जिससे इनकी लोकेशन ट्रेस की जा रही है.

गर्भवती हथिनी ने बच्चे को दिया जन्म

ग्रामीणों ने बताया कि एक गर्भवती हथिनी ने मुरुमतरा गांव के नजदीक ही एक खेत में बच्चे को जन्म दिया है. जिसके बाद हाथी 5 दिनों तक एक ही जगह पर डेरा डाले हुए थे. जिसके बाद आगे बढ़ते हुए हाथियों ने फसलों को कुचल डाला है और कुछ घरों को भी नुकसान पहुंचाया है.

पढ़ें- बलरामपुर: कुमकी हाथियों से भी नहीं मिली राहत, कम नहीं हो रहा जंगली हाथियों का आतंक

रेंजर कैलाश ठाकुर ने बताया कि वन अमला हाथियों की लोकेशन पर नजर बनाए हुए है. हाथी फिलहाल चारामा रेंज के भानपुरी के जंगल की ओर बढ़े हैं, लेकिन वो इसी रास्ते वापस भी लौट सकते हैं. जिसे देखते हुए ग्रामीणों से भी सतर्कता बरतने की अपील की जा रही है.

Last Updated : Sep 25, 2020, 3:35 PM IST
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