कांकेर: कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर विकासखंड क्षेत्र के ग्राम घोटिया के किसानों को अब तक फसल बीमा की राशि नहीं मिली है. किसान दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं. बावजूद इसके फसल बीमा किसानों को मुहैया नहीं कराया गया है. बता दें कि घोटिया के लगभग 150 किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पिछले पांच वर्ष से फसल बीमा करा रहे हैं. वर्ष 2021 खरीफ वर्ष में किसानों का फसल बीमा किया गया था, लेकिन बारिश की कमी के कारण खेतों में लगी फसल खराब हो (Farmers are not getting crop insurance in Kanker ) गई.
किसानों को नहीं मिली फसल बीमा की राशि: मौसम की मार के कारण फसल का उत्पादन कम हुआ. मैदानी अधिकारियों, कृषि विस्तार अधिकारी, पटवारी, बीमा एंजेंट द्वारा क्रॉप कटिंग कर रिपोर्ट बनाई गई थी, जिसमें भी उत्पादन कम होना पाया गया था. जिससे किसानों को उम्मीद थी कि उन्हें फसल बीमा का लाभ मिलेगा. जिसके बाद अब तक आसपास के गांव के प्रभावित किसानों को फसल बीमा की राशि प्राप्त नहीं हुई है. लेकिन ग्राम घोटिया के कृषकों को फसल बीमा की राशि नहीं मिली है.
क्रॉप कटिंग रिपोर्ट बीमा कंपनी तक पहुंचाई जाए: इस संबंध में बीमा कंपनी से संपर्क करने पर जानकारी मिली कि अब तक उनके कार्यालय में ग्राम घोटिया की क्रॉप कटिंग रिपोर्ट नहीं पहुंची है, जिसके कारण बीमा दावा की राशि नहीं भेजी गई है. किसानों ने कलेक्टर से मांग की है कि इस दिशा में उचित कार्रवाई करते हुए क्रॉप कटिंग रिपोर्ट बीमा कंपनी तक पहुंचाई जाए. जिससे किसानों को फसल बीमा का लाभ मिल सके.
नहीं करायेंगे फसल बीमा: इस विषय में कृषक संतलाल बघेल ने कहा कि "यदि किसानों को फसल बीमा कराने के बाद भी बीमा का लाभ नहीं मिलता, तो बीमा कराने का कोई लाभ ही नहीं है. ऐसा होने पर किसान फसल बीमा नहीं कराएंगे और क्रॉप कटिंग का भी बहिष्कार करेंगे".
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कई बार दिया आवेदन: ग्राम घोटिया के कृषक संतलाल बघेल ने बताया कि "फसल बीमा की राशि के लिए कई बार आवेदन कर चुके हैं लेकिन अब तक फसल बीमा राशि नहीं मिली है. इस संबंध में किसानों ने 4 मई को भानुप्रतापपुर में तहसीलदार व एसडीएम को आवेदन दिया था, जिसके बाद 14 मई को ग्राम केंटवी में आयोजित जन चौपाल के दौरान कलेक्टर को आवेदन दिया था. कुछ दिन पहले ही 3 जून को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जन चौपाल में ग्राम भानबेड़ा पहुंचने पर भी अपनी समस्या के निराकरण की मांग को लेकर आवेदन दिया था. लेकिन अब तक समस्या का निराकरण नहीं हो सका है".