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Kanker latest news: कांकेर में जेसीबी मालिकों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, उत्खनन कार्यों में बाहरी लोगों को काम नहीं देने की मांग

कांकेर के स्थानीय उत्खनन मशीन मालिकों ने दूसरे प्रदेशों से आकर जिले में उत्खनन का काम करने वालों के खिलाफ आपत्ति जताई है.उनकी शिकायत है कि दूसरे राज्य से आकर कम रेट में काम करने के चलते स्थानीय मशीन मालिकों का परिवार का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है. उन्हें घाटा हो रहा है. सोमवार को कांकेर कलेक्टर कार्यालय में उत्खनन मशीन मालिकों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर अपनी समस्या बताई.

excavator owners of Kanker submitted memorandum
कांकेर के उत्खनन मालिकों ने ज्ञापन सौंपा
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Published : Jan 16, 2023, 5:31 PM IST

Updated : Jan 16, 2023, 6:41 PM IST

माइनिंग से जुड़े लोगों को प्रदर्शन

कांकेर: उत्खनन मशीन मालिक बजरंग उसेंडी ने कहा कि "हम लोग बेरोजगार लोग हैं. लोन से उत्खनन की मशीन खरीद कर काम करते है. लेकिन हमारे जिले में दूसरे प्रदेश हरियाणा, मध्यप्रदेश, राजस्थान से उत्खनन वाले आकर कम रेट में काम करते हैं. इसके अलावा सरकारी कामों में भी उन्हीं की उत्खनन मशीनों से काम लिया जाता है. ऐसे में जिले में लगभग 15 सौ से ज्यादा उत्खनन मशीन मालिक जो लोन से मशीन लेकर काम करना चाहते हैं. उन्हें घाटा हो रहा है. लेकिन आज स्थिति ऐसी है कि हम किस्त तक नहीं जमा कर पा रहे हैं. परिवार चलाना मुश्किल हो गया है."

"परिवार चलाना मुश्किल": उत्खनन मशीन मालिक रामलाल साहू ने बताया कि "मंहगाई एवं बेरोजगारी को देखते हुए स्थानीय मशीन मालिकों को काम न मिलने के कारण स्वयं का एवं परिवार का खर्च चलाना बहुत जटिल समस्या बन गया है. ऐसे में समस्या के निवारण के लिए जिले के समस्त उत्खनन मालिकों की तरफ से महानदी उत्खनन कल्याण संघ का गठन किया गया है. आज हमारी समस्यों से कांकेर कलेक्टर को अवगत कराया गया है. हमारे जिले के किसानो से शिकायत भी मिलती है कि अन्य जिलों और अन्य राज्यों से आने वाले लोग यहां उत्खनन का कार्य कर रहे हैं. जिसकी वजह से धोखाधड़ी हो रही है."

यह भी पढ़ें: National Road safety week: कांकेर में जीवन रक्षा रथ करेगा लोगों को जागरूक

"सरकारी काम भी नहीं मिलता": उत्खनन मशीन मालिक रामलाल साहू ने आगे बताया कि "संघ ने मांग किया है कि जिले और राज्य के उत्खनन मशीन मालिकों को कांकेर जिले में किसी भी तरह कार्य करने नहीं दिया जाए. जिससे किसी भी तरह से विवादास्पद स्थिति निर्मित न हो. निजी ही नहीं सरकारी काम मे भी स्थानीय उत्खनन मशीन मालिकों को काम नहीं दिया जाता है. वन विभाग, PHE विभाग, PWD विभाग में जो टेंडर निकलते है वंहा भी हमारी उपेक्षा की जाती है. बेरोजगार लड़के जेसीबी लेते है कमाई का सोचते है. लेकिन बाहर के जेसीबी मालिक औने-पौने दाम में काम करते हैं."

माइनिंग से जुड़े लोगों को प्रदर्शन

कांकेर: उत्खनन मशीन मालिक बजरंग उसेंडी ने कहा कि "हम लोग बेरोजगार लोग हैं. लोन से उत्खनन की मशीन खरीद कर काम करते है. लेकिन हमारे जिले में दूसरे प्रदेश हरियाणा, मध्यप्रदेश, राजस्थान से उत्खनन वाले आकर कम रेट में काम करते हैं. इसके अलावा सरकारी कामों में भी उन्हीं की उत्खनन मशीनों से काम लिया जाता है. ऐसे में जिले में लगभग 15 सौ से ज्यादा उत्खनन मशीन मालिक जो लोन से मशीन लेकर काम करना चाहते हैं. उन्हें घाटा हो रहा है. लेकिन आज स्थिति ऐसी है कि हम किस्त तक नहीं जमा कर पा रहे हैं. परिवार चलाना मुश्किल हो गया है."

"परिवार चलाना मुश्किल": उत्खनन मशीन मालिक रामलाल साहू ने बताया कि "मंहगाई एवं बेरोजगारी को देखते हुए स्थानीय मशीन मालिकों को काम न मिलने के कारण स्वयं का एवं परिवार का खर्च चलाना बहुत जटिल समस्या बन गया है. ऐसे में समस्या के निवारण के लिए जिले के समस्त उत्खनन मालिकों की तरफ से महानदी उत्खनन कल्याण संघ का गठन किया गया है. आज हमारी समस्यों से कांकेर कलेक्टर को अवगत कराया गया है. हमारे जिले के किसानो से शिकायत भी मिलती है कि अन्य जिलों और अन्य राज्यों से आने वाले लोग यहां उत्खनन का कार्य कर रहे हैं. जिसकी वजह से धोखाधड़ी हो रही है."

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"सरकारी काम भी नहीं मिलता": उत्खनन मशीन मालिक रामलाल साहू ने आगे बताया कि "संघ ने मांग किया है कि जिले और राज्य के उत्खनन मशीन मालिकों को कांकेर जिले में किसी भी तरह कार्य करने नहीं दिया जाए. जिससे किसी भी तरह से विवादास्पद स्थिति निर्मित न हो. निजी ही नहीं सरकारी काम मे भी स्थानीय उत्खनन मशीन मालिकों को काम नहीं दिया जाता है. वन विभाग, PHE विभाग, PWD विभाग में जो टेंडर निकलते है वंहा भी हमारी उपेक्षा की जाती है. बेरोजगार लड़के जेसीबी लेते है कमाई का सोचते है. लेकिन बाहर के जेसीबी मालिक औने-पौने दाम में काम करते हैं."

Last Updated : Jan 16, 2023, 6:41 PM IST
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