कांकेर: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में हाथियों का आतंक (Elephant Terror) थमने का नाम नहीं ले रहा है. भानुप्रतापपुर (Bhanu Pratappur) में आतंक मचाने के बाद अब हाथियों का झुंड इन दिनों चारामा वन परिक्षेत्र के इरेचुआ गांव की जंगलो में डेरा डाले हुए है. जिसके आतंक से ग्रामीण हाथियों से बचने के लिए मकानों की छत पर रात गुजारने को मजबूर हैं. ऐसा एक दिन नहीं बल्कि हर रोज हो रहा है.
कांकेर जिले में हाथियों के झुंड (Herd of Elephants) ने पहले तो नरहरपुर क्षेत्र में आतंक मचाया फिर आगे बढ़कर भानुप्रतापपुर में खूब दहशत फैलाई. अब इन हाथियों का ठिकाना चारामा क्षेत्र बन गया है. हाथियों ने 7 जुलाई की रात 3 मकानों में तोड़फोड़ करते हुए फसलों को नुकसान पहुंचाया. जिसके बाद 8 जुलाई को चितवापारा, कसवाहि में 4 मकानों में तोड़फोड़ की, फिर 9 जुलाई से हाथी इरेचुआ के जंगल में मौजूद है. यहां भी इनका आतंक नहीं थमा है.
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कांकेर के गांव में स्थापित देव स्थल पर भी हाथियों ने खूब उत्पात मचाया है. देव स्थल में तोड़फोड़ सहित बर्तन व अन्य सामग्रियों को तहस-नहस कर दिया है. जिसे ग्रामीणों व वन विभाग की टीम ने जैसे-तैसे जंगल की ओर खदेड़ दिया. हाथी अब भी इसी जंगल में मौजूद हैं.
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बारिश के मौसम का किसानों को बेसब्री से इंतजार होता है, ताकि फसल अच्छी हो. लेकिन इस बार इस गांव के किसानों की फसलों पर हाथियों ने ग्रहण लगा दिया है. यहां मौजूद हाथियों ने बहुत से किसानों की खेत में लगी फसल खराब कर दी है तो वही बहुत से किसान अब तक बोआई कार्य नहीं कर पाए हैं. किसानों को इस साल कृषि कार्य में पिछड़ने व नुकसान होने का अभी से डर सताने लगा है.
हालांकि वन विभाग की टीम लगातार हाथियों पर नजर बनाए हुए है. हाथियों को रोकने के लिए विभाग ने 300 मीटर के क्षेत्र को विद्युत वाले तार से घेर दिया है.