कांकेर: बीते शनिवार को तेज अंधड़ और जोरदार बारिश के चलते जिले में बिजली व्यवस्था बुरी तरीके से प्रभावित हुई है. शहरों में तो कुछ घंटो में ही बिजली बहाल हो गई, लेकिन ग्रामीण अंचलों के अनेकों गांवों में बिजली व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई. जिससे जनजीवन बुरी तरीके से प्रभावित है. वहीं तेज अंधड़ के कारण छोटे बड़े पेड़ धराशाही हो गए. इस बेमौसम बारिश से गरीब परिवारों के कच्चे मकानों को भी नुकसान हुआ है. साथ ही सब्जी उत्पादकों के फसलों को भी नुकसान हुआ है.
राजस्थान से छत्तीसगढ़ तक द्रोणिका का असर: राजस्थान से छत्तीसगढ़ तक बनी द्रोणिका के कारण शनिवार शाम चली तेज आंधी और वर्षा के कारण विद्युत् आपूर्ति ठप है. जिले के कई गांवों में 24 घंटे से ब्लैक आउट है. तेज हवा से बिजली तार टूटे हैं. इसके अलावा पोल भी टूट गए हैं. जिससे बिजली व्यवस्था बाधित हुई है.
क्या कहते हैं अधिकारी: कार्यपालन अभियंता सतीश कुमार किण्डो ने बताया कि "शहरी क्षेत्रों एवं उसके आसपास बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है. शेष क्षेत्रों में इसके लिए तेजी से कार्य किए जा रहे हैं. कांकेर बिजली संभाग में 88 बिजली पोल, भानुप्रतापपुर बिजली संभाग में 100 और पखांजूर विद्युत संभाग में 18 बिजली पोल टूटे हैं, जिन्हें बदला जा रहा है."
यह भी पढ़ें: कांकेर में अक्षय तृतीया पर हुआ गुड्डे गुड़िया का विवाह
ग्रामीण क्षेत्रों में मरम्मत का काम जारी: कांकेर विकासखंड के तहत कांकेर शहर में 02 और ग्रामीण क्षेत्रों में 13 विद्युत पोल टूटे हुए हैं. इसी प्रकार चारामा विकासखंड में 39 और नरहरपुर विकासखंड में 34 पोल टूटे हुए हैं, जिन्हें बदला जा रहा है. 33 केवी मुसुरपुट्टा फीडर में 18 पिन इन्सुलेटर बदला गया है और 05 जगहों पर तार टूटे थे, जिन्हें जोड़ा गया है. एक विशाल वृक्ष बिजली लाइन पर गिर गया था, जिसे हटाया गया. इसके कारण पटौद एवं मुसुरपुट्टा सब स्टेशन से निकलने वाली सभी 11 केवी लाइन प्रभावित हुई है.
जिले के सभी तीनों बिजली संभाग कांकेर, भानुप्रतापपुर और पखांजूर में टूटे हुए बिजली तार को सुधारने का काम जारी है. साथ ही पोल को बदलने सहित अन्य कार्य तेजी से किया जा रहा है और बिजली आपूर्ति बहाल की जा रही है.