कांकेर : जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर तुलतुली गांव के प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों और शाला समिति की कोशिशों ने स्कूल को नई पहचान दी है. कभी नक्सलियों की दहशत की वजह से बच्चों का स्कूल जाना भी दूभर था, लेकिन आज स्कूल के विद्यार्थी कलेक्टर, शिक्षक, डॉक्टर और सिपाही बनने का लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ रहे हैं.
ग्रामीण इलाकों से अधिकतर शिक्षकों के स्कूल न पहुंचने जैसी शिकायते आती हैं, लेकिन तुलतुली के प्राथमिक शाला के शिक्षकों ने कुछ ऐसा किया है कि उनकी तारीफ हर तरफ हो रही है.
स्कूल परिसर में शिक्षकों और शाला समिति के प्रयास से एक खूबसूरत मॉडल तैयार किया गया है. जिससे बच्चों को अक्षर ज्ञान के साथ-साथ खेती, सिंचाई और ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी जा रही है.
मॉडल के माध्यम से दें रहे जानकारी
खास बात ये है कि शिक्षकों ने कबाड़ के जुगाड़ से मॉडल तैयार किया है, जिसमें तालाब और झरने से बिजली उत्पादन करने के संबंध में जानकारी के साथ मछलीपालन, खेती, सिंचाई के साधन के बारे में बताया गया है. इसके साथ ही सड़क, गाड़ियों का एक मॉडल बनाया गया जिसके माध्यम से यातायात नियमों की जानकारी दी गई है.
![efforts of teachers gave new identity to school in kanker](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/6178106_vvv.png)
प्रधानपाठक ने तैयार करवाया मॉडल
स्कूल के प्रधानपाठक पुनीत राम राणा बताते हैं कि 'बच्चों को अक्षर ज्ञान के साथ इस तरह की शिक्षा देने का प्लान उनके मन में आया जिसके बाद उन्होंने शाला समिति के साथ मिलकर स्कूल के प्रांगण में ही इस पूरे मॉडल को तैयार करवाया ताकि बच्चे रोज इसे देखे और इन सभी विषयों की जानकारी प्राप्त कर सकें'.
![efforts of teachers gave new identity to school in kanker](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/6178106_v2.png)
औषधीय पौधों की बागवानी
स्कूल परिसर में औषधीय पौधों की बागवानी भी की गई है. जिसमें लगभग 20 से 25 प्रकार के औषधिय पौधे लागाए गए हैं. जिनके नामों की तख्ती भी लगाई गई है ताकि बच्चे इन सभी पौधों के बारे में जान सके और बागवानी की देख-रेख भी यहां पढ़ने वाले बच्चे ही करते हैं.
छात्र-छात्राओं ने तय किया लक्ष्य
स्कूल की एक खास बात यह है कि यहां के बच्चों ने अभी से अपना लक्ष्य निर्धारित कर लिया है. अधिकतर छात्र सेना में जाकर देश की सेवा करना चाहते हैं , तो छात्राओं ने कलेक्टर, शिक्षिका, डॉक्टर बनने की इच्छा जाहिर की है. स्कूल में छात्र-छात्राओं के नाम और उनके लक्ष्य का एक बोर्ड लगा हुआ है, जिसे रोजाना छात्र देखते हैं और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने को प्रेरित होते हैं.
स्कूल में शिक्षकों ने बनाई लाइब्रेरी
स्कूल में शिक्षकों ने पुरानी पुस्तकों की व्यवस्था कर एक लाइब्रेरी भी बनाई है. जिसमें कहानी से लेकर सामान्य ज्ञान तक कि किताबे हैं ताकि बच्चों को अपना लक्ष्य प्राप्त करने आसानी हो सके.
ग्रामीणों का मिला सहयोग
कभी ये इलाका नक्सलियों की दहशत से जाना जाता था अब यह गांव इस प्राथमिक शाला की वजह से एक अलग पहचान बना रहा है. ग्रामीण भी स्कूल के शिक्षकों की इस पहल में पूरा सहयोग प्रदान कर रहे हैं.